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पहले पति को छोड दूसरे की पत्नि बनना नागवार गुजरा.. दूसरे पति की हत्या करने वाले आरोपी को हटा कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास के साथ दस साल के साश्रम कारावास की सजा..

दूसरे पति की हत्या करने पर आजीवन कारावास

दमोह। आज माननीय न्यायाधीश श्री सुनील कुमार कौशिक के द्वारा हटा सत्र न्यायालय के सत्र प्रकरण क्र 122/22 अंतर्गत धारा 302,449, भा द वि में निर्णय पारित करते हुए आरोपी सरमन आदिवासी को धारा 302 में आजीवन कारावास एवं 5000/रु के अर्थदंड तथा धारा 449 में 10 वर्ष साश्रम कारावास एवं 2000/रु के अर्थदंड से दंडित किया गया

प्रकरण की जानकारी देते हुए दिलीप सिंह ठाकुर अति, लोकअभियोजक हटा द्वारा बताया गया कि फरियादिया रेशमा आदिवासी दुबे दिनांक 06/07/2022 को रात्रि 10 बजे अपने बच्चों एवं दूसरे पति माधव दुबे के साथ बिस्तर लगा कर जामीन पर सो गई कि रात्रि 12 साढ़े 12 बजे के लगभग फरियादिया का पहला पति सरमन आदिवासी आया और उसने बाहर से दरवाजे में अंदर हाथ डालकर दरवाजे की कुंडी खोली और घर के अंदर घुस कर अपने हाथ में ली हुई कुल्हाड़ी को माधव दुबे की गर्दन में मारी जिससे माधव दुबे की गर्दन में कट कर खून बहने लगा.. आवाज सुनकर माधव दुबे की बाजू में सो रही उसकी पत्नी रेशमा आदिवासी दुबे कमरे में जल रहे बल्ब के उजाले में देखा कि उसका पूर्व पति सरमन आदिवासी खड़ा है एवं उसके दूसरे पति माधव दुबे की गर्दन में कुल्हाड़ी फंसी है एवं खून निकल रहा है। 
फरियादिया द्वारा अपने पूर्व पति को पकड़ने का प्रयास किया गया परन्तु सरमन आदिवासी भाग निकला। फरियादिया द्वारा घटना की जानकारी अपने जेठ एवं सास को दी गई तथा पुलिस को भी सूचना दी गई। थाना प्रभारी मगरोंन मनोज यादव द्वारा तुरन्त घटना स्थल पहुंच कर संबंधित कार्यवाही करते हुए थाना मगरोंन के अपराध क्र 122/22 अंतर्गत धारा 302,449 भा द वि में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई। प्रकरण में जप्त शुदा कुल्हाड़ी पर लगे मृतक के खून एवं आरोपी के फिंगर प्रिंट तथा प्रकरण में आए साक्ष्य के आधार पर माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री सुनील कुमार कौशिक द्वारा आरोपी सरमन आदिवासी को धारा 302 में आजीवन कारावास एवं 5000/रु के अर्थदंड तथा धारा 449 में 10 वर्ष के कारावास एवं 2000/रु के अर्थदंड से दंडित किया गया। शासन की ओर से पैरवी *दिलीप सिंह ठाकुर अति. लोकअभियोजक हटा द्वारा की गई।

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