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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल की पहल पर मनरेगा अभियंता संघ की हड़ताल समाप्त. इधर सागर कमिश्नर ने हटा जनपद के सहायक यंत्री को गड़बड़ी के चलते सस्पेंड किया.

 मनरेगा अभियंता संघ की हड़ताल हुई खत्म 

भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की पहल पर मनरेगा अभियंता संघ के समन्वय से अभियंता संघ की हड़ताल समाप्त हुई। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि राज्य सरकार मनरेगा अभियंताओं की सेवा स्थिरता और भविष्य की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यदि कोई संविदा कर्मचारी दीर्घकाल से सेवा दे रहा है, तो उसकी सेवा अवधि को मान्यता दी जानी चाहिए। 
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि अभियंताओं के कार्यकाल का अभिलेखन कर उसे वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के रूप में स्वीकार करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। मनरेगा अभियंताओं को टीएस अधिकार दिए जाने पर भी निर्णय शीघ्र होगा। 

मंत्री श्री पटेल ने 'मनरेगा अभियंता संघ, मध्यप्रदेश' द्वारा रविन्द्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में मनरेगा अभियंताओं की हड़ताल से विकास कार्यों में देरी न हो, इसके लिए सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी संवेदनशीलता से कार्य करें।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि वित्तीय दृष्टि से ग्रेच्युटी के संबंध में केंद्र सरकार से संवाद किया जा रहा है, जिससे दीर्घकालीन सेवाएं देने वाले अभियंताओं को सेवानिवृत्ति के पश्चात भी सुरक्षा मिल सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार अभियंताओं के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। मंत्री श्री पटेल ने कहा, “संवाद बंद नहीं होना चाहिए। जब तक हम बातचीत करते रहेंगे, हर समस्या का समाधान संभव है। हमारा उद्देश्य सभी को न्याय और सम्मान देना है।” मंत्री श्री पटेल से संवाद उपरांत 'मनरेगा अभियंता संघ, मध्यप्रदेश' ने अपनी हड़ताल समाप्त कर कार्य पर वापस लौटने का निर्णय लिया है।

अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर तकनीकी स्वीकृति जारी करने पर सहायक यंत्री निलंबित

सागर। कमिश्नर सागर संभाग अनिल सुचारी ने जनपद पंचायत हटा जिला दमोह में पदस्थ सहायक यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, अमर सिंह आदिवासी को अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर तकनीकी स्वीकृति जारी करने पर निलंबित कर दिया। सहायक यंत्री को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने हेतु बुलाने के बाबजूद उपस्थित नहीं हुए। सहायक यंत्री द्वारा प्रस्तुत तकनीकी स्वीकृति की पंजी की छायाप्रति का परीक्षण करने पर पाया गया कि ऐसे 20 कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जारी की गई है जिनकी तकनीकी स्वीकृति जारी करने के अधिकार सहायक यंत्री को नहीं थे। उक्त कृत्य अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता व स्वेछाचारिता का द्योतक है, जिस पर कमिश्नर सागर संभाग श्री सुचारी ने सहायक यंत्री अमर सिंह आदिवासी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

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