जनसुनवाई में पहुंची निराश्रित महिला को राहत
दमोह। आज आयोजित जनसुनवाई में हटा नगर के नवोदय वार्ड निवासी समझरानी अहिरवाल पति स्व रामकिशुन अहिरवाल अपनी समस्या लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचीं। उन्होंने बताया कि उनके पति का निधन दो वर्ष पूर्व हो चुका है। परिवार में एकमात्र पुत्र है जिसकी पत्नि उसे छोड़कर चली गई है और पुत्र का एक हाथ फ्रैक्चर होने से वह कार्य करने में असमर्थ है। विधवा समझरानी स्वयं बीड़ी बनाकर अपने बीमार पुत्र और चार पोते.पोतियों का भरण.पोषण कर रही हैं।
इस दौरान पोर्टल पर रिकॉर्ड जांचने पर ज्ञात हुआ कि महिला की समग्र ई.केवाईसी पूर्ण न होने के कारण उन्हें मध्यप्रदेश शासन की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। महिला की आर्थिक स्थिति देखते हुए संकट के साथी ग्रुप की सहायता से उन्हें तुरंत सिम कार्ड उपलब्ध कराया गया और उनका समग्र ई.केवाईसी पूरा कराया गया। इसके पश्चात नगर पालिका हटा द्वारा पात्रतानुसार उन्हें सामाजिक सुरक्षा कल्याणी पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन स्वीकृत की गई। महिला को पेंशन स्वीकृति आदेश की प्रति जनसुनवाई स्थल पर ही प्रदान की गई। अब आगामी माह से समझरानी अहिरवार को प्रति माह 600 रूपये की पेंशन राशि प्राप्त होगी। इस कार्य में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी प्रतीक्षा सिघई नें अहम् भूमिका निभाई। जनसुनवाई में 185 आवेदनों पर सुनवाई दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक 10 में जिले भर से आये नागरिकों की आज जनसुनवाई में समस्याएं सुनी। इस दौरान सामान्य जनसुवाई में 185 आवेदनों पर सुनवाई करते हुये संबंधित अधिकारियों को समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये। जनसुनवाई के दौरान 15 आधार कार्ड सेवा 03 आयुष्मान कार्ड 02 समग्र आईडी 08 पीएम सम्मान निधि 01 श्रम विभाग 11 महिला एवं बाल विकासए 01 जिला व्यापार एवं 110 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
साथ ही जनसुनवाई के दौरान कुछ सामुहिक आवदेन भी दिए गए। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर बृजेश सिंह लोकसेवा प्रबंधक चक्रेश पटेल सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे। 25 पंचायतों में हुई जन सुनवाई.. आज 25 पंचायतों में जनसुनवाई के क्रम में कुल 25 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें 25 निराकृत किए गए। इसमें नोहटा वनवार सहित चिन्हित 25 जनपद पंचायत स्तर पर जन सुनवाई की गई।परिजनो का आरोप नहीं कि किसी ने मदद.. दमोह। धरमपुरा मुक्तिधाम के पास एक अज्ञात शव पड़े होने की खबर लगीं थीं परिजनों को पुलिस के द्वारा मृतक लखन के निधन की खबर दी गई। लेकिन लखन आदिवासी का शव लगभग चार-पांच घंटा धरमपुरा मुक्ति धाम के पास ही पढ़ा रहा परिजनों के द्वारा शव बाहन के लिए लगातार संपर्क किया लेकिन जिम्मेदार व्यक्ति पल्ला झाड़ते नजर आयें उन्हें शव बाहन का मना कर दिया गया।
फिर क्या परिजन आटो रिक्शा से शव को जिला अस्पताल दमोह लायें जहां पर ना तो कोई अस्पताल का अटेंडर था और ना ही शव को रखने के स्ट्रेचर थी। मृतक लखन का शव अस्पताल की मर्चुरी के बाहर सड़क पर ही रखा रहा। आखिर जिला अस्पताल के मैनेजर सुरेन्द्र सिंह से संपर्क करना चाहा लेकिन सुरेन्द्र सिंह का मोबाइल ही नहीं लगा। हालांकि जिला अस्पताल में यह हालात आयें दिन उत्पन्न होते हैं। लेकिन अस्पताल के मैनेजर जिला अस्पताल की झूठी वाहवाही लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ते है।



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