घायल 5 छात्राओ में से 3 दमोह रैफर एक की मौत..
दमोह। नवरात्र पर्व के दौरान जहां चारों ओर भक्ति में मय माहौल बना हुआ है, कन्या पूजन कन्या भोज के आयोजन हो रहे है ऐसे में एक सड़क हादसे में कन्या रूपी छात्रा की मौत हो जाने के दुखद दर्दनाक घटना क्रम ने सभी को झकझोर कर रख दिया।
छात्रा की असमय मृत्यु हो जाने के इस मामले ने शासन योजनाओ प्रशासन के दावों की भी पोल खोल कर रख दी है। यदि सब कुछ सिस्टम से चल रहा होता तो शायद नव रात्र में यह कन्या काल कल्वित नहीं होती। दमोह जिले के हटा रनेह मार्ग पर बड़ी ककराई के पास सोमवार को एक शराबी सुंदर रजक सड़क के बीच आ गया। जिससे उस को टक्कर मारते हुए अनियंत्रित ऑटो पलट गया।
हादसे में शराबी सहित ऑटो में सवार 5 स्कूली छात्राएं घायल हो गई। जिनमे दो की हालत नाजुक होने से तत्काल उपचार की जरूरत थी। लेकिन काफी देर तक मौके पर डायल 112 और एंबुलेंस सेवा नहीं पहुची। इस दौरान सड़क पर दर्द से कराह रही तड़प रही बेटियों की मदद के लिए गांव की बहू बेटियां आगे आई पंखा झलते हुए वह इनको हिम्मत बंधाती रही।
हादसे में शराबी सहित ऑटो में सवार 5 स्कूली छात्राएं घायल हो गई। जिनमे दो की हालत नाजुक होने से तत्काल उपचार की जरूरत थी। लेकिन काफी देर तक मौके पर डायल 112 और एंबुलेंस सेवा नहीं पहुची। इस दौरान सड़क पर दर्द से कराह रही तड़प रही बेटियों की मदद के लिए गांव की बहू बेटियां आगे आई पंखा झलते हुए वह इनको हिम्मत बंधाती रही।
बाद में गांव के लोगों ने ही इनको हटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुचाया। जहां पर त्वरित उपचार के बजाए दो गंभीर छात्राएं जो आपस में बहन थे को दमोह जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है एंबुलेंस से इनको रेफर किया गया उसमें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं था जिस वजह से सांस लेने में तकलीफ का शिकार नंदिनी की रास्ते में ही मौत हो गई। बाद में दमोह जिला अस्पताल पहुंचने पर नंदिनी लोधी को मृत्यु घोषित कर दिया गया। जबकि उसकी बड़ी बहन सुहानी लोधी का इलाज चल रहा है। बाद में एक और छात्रा चंदा लोधी को भी हटा से जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां उसका इलाज जारी है।
बताया जा रहा है की खेजरा गांव निवासी कक्षा 12वीं की छात्राएं सुहानी लोधी, चंदा लोधी, सुषमा लोधी, पूजा लोधी तथा दसवीं की छात्रा नीलम लोधी नंदनी रोज की तरह स्कूल जाने के लिए ऑटो से हटा रवाना के बाद और रास्ते में हादसे का शिकार हो गई। इस दौरान पूरन लोधी की बेटियां नंदिनी तथा सुहानी की हालत गंभीर होने के साथ नंदनी को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। इलाज के लिए हटा अस्पताल पहुंचने में देरी तथा वहां पर ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं मिलने जैसे हालात में दमोह जिला अस्पताल पहुंचने के पहले ही नंदिनी की सांसे थम जाने के हालात ने सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उपरोक्त हालात के चलते नवरात्र पर्व के दौरान एक बेटी की मौत हो जाने से परिवार के साथ जहां पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है वही व्यवस्था पर भी सवाल उठने से लोग नहीं चूक रहे हैं। गांव गांव में चल रहे ऑटो रिक्शा आए दिन हादसे के शिकार होते हैं इसके बाद भी परिवहन विभाग द्वारा इन पर अंकुश क्यों नहीं लगाया जाता स्कूल लेकर भी आक्रोश है। इधर इन सभी स्कूली छात्राओं को शासन की साइकिल योजना का क्या लाभ प्राप्त नहीं हुआ था जो वह अपने गांव से ऑटो से स्कूल जाने को मजबूर थी। हटा अस्पताल में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन चल रहा था अनेक विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद थे ऐसे में घायल छात्राओं को तुरंत इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराने की बजाय दमोह क्यों रेफर किया गया इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
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