सर्पदंश पीड़िता की मौत पर जिला अस्पताल में हंगामा
दमोह। जिला अस्पताल में समय पर इलाज नहीं मिलने तथा कॉल करने के बाद भी डॉक्टरों के नहीं पहुंचने से मरीजों की मौत हो जाने तथा बाद में परिजनों द्वारा हंगामा करने जैसे हालात बनना अब आए दिन की बात हो गई है। मंगलवार को जिला अस्पताल के बाहर हुए प्रदर्शन से यहां से निकल रहे लोगों तथा अस्पताल जा रहे आ रहे लोगों को जमकर परेशानी उठाना पड़े वहीं पुलिस प्रशासन को पहुंचकर पूरा है मोर्चा संभालना पड़ा।
ऐसे
ही कुछ हालातो के बीच नवरात्र अष्टमी के मौके पर जिला अस्पताल में कुछ
घंटे के अंतराल में दो बार हंगामें के साथ इलाज में लापरवाही के आरोपों के
हालत निर्मित हुए। हटा के समीप ऑटो पलटने की घटना में घायल दशमी की छात्रा
नंदिनी लोधी को हटा से जिला अस्पताल रेफर किए जाने के दौरान एंबुलेंस में
ऑक्सीजन का अभाव होने से जान चले जाने का मामला सोमवार शाम शांत भी नहीं हुआ था कि एक और बालिका की इलाज के अभाव में मौत हो जाने के मामले में
लोगों को झकझोर कर रख दिया।
दरअसल अर्थखेड़ा निवासी
मासूम मीनाक्षी लोधी को सर्पदंश के बाद इलाज के लिए परिजन जिला अस्पताल
लेकर पहुचे थे। जहा घंटे भर तक इलाज के नाम पर औपचारिकताएं की जाती रही
पीआईसीयू वार्ड में भर्ती करने के बाद भी यहां तक की अस्पताल प्रबंधन के
कार्य करने पर भी डॉक्टर नहीं पहुंचे जिससे मासूम की समय के पहले ही सांसे
थम गई। इसके बाद परिजनों के साथ गांव के लोगों ग्रामीण जनप्रतिनिधियों का
गुस्सा भड़कते देर नहीं लगी और अस्पताल परिसर में हंगामा के हालात निर्मित
हो गए।
जिसकी जानकारी लगते ही राम दल जुलूस की ड्यूटी
की तैयारी में जुटे सीएसपी एचआर पांडे, टीआई मनीष कुमार, तहसीलदार रोविन
जैन आदि जिला अस्पताल पहुंचे उन्होंने सिविल सर्जन प्रहलाद पटैल के साथ
मरीज के परीजन तथा नाराज लोगों से चर्चा करके कार्रवाई का
भरोसा दिलाकर मामला शांत हुआ। इस दौरान जिला अस्पताल के हालात
को लेकर मरीज के परिजनों के साथ कांग्रेस नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए।
मंगलवार
को पोस्टमार्टम के बाद जिला अस्पताल के बाहर उपरोक्त घटनाक्रम को लेकर कॉल
करने के बाद भी नहीं आने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर
एक बार पुनः हंगामा प्रदर्शन किया गया। जिससे जिला अस्पताल अंबेडकर चौक
क्षेत्र में जाम के साथ अफरा तफरी भरे हालत निर्मित होते देर नहीं लगी।
सूचना मिलने पर पुनः पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर
कार्रवाई का भरोसा देकर प्रदर्शन को समाप्त कराया। लेकिन इस दौरान पुनः आम
नागरिकों को अवस्थाओ का शिकार होकर परेशान होना पड़ा।
कुल मिलाकर इस तरह के मामलों में जल्द कार्रवाई के साथ जिम्मेदारी तय किया जाना आवश्यक हो गया है नहीं तो सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सेवाओं के डिंडोरों के बीच इस तरह से निर्दोष मरीजों की जान जाने के हालात के मामलों में त्वरित कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा कलेक्टर से लोक कर रहे हैं। नही तो हर घटना के बाद हंगामा प्रदर्शन होते रहेंगे पुलिस प्रशासनिक अधिकारी अन्य ड्यूटी छोड़ कर हालात को शांत करने में जुटे रहेंगे। इस दौरान किसी डॉक्टर या अस्पताल स्टाफ के साथ बदसलूकी होने पर उनके द्वारा भी काम बंद हड़ताल कर दिए जाने हालत सामने आते रहे हैं जिन पर भी गंभीरता से विचार किया जाना आवश्यक है क्योंकि उपरोक्त सभी हालातो में सबसे ज्यादा परेशानी और नुकसान अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को भुगतना पड़ता है।
कुल मिलाकर इस तरह के मामलों में जल्द कार्रवाई के साथ जिम्मेदारी तय किया जाना आवश्यक हो गया है नहीं तो सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सेवाओं के डिंडोरों के बीच इस तरह से निर्दोष मरीजों की जान जाने के हालात के मामलों में त्वरित कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा कलेक्टर से लोक कर रहे हैं। नही तो हर घटना के बाद हंगामा प्रदर्शन होते रहेंगे पुलिस प्रशासनिक अधिकारी अन्य ड्यूटी छोड़ कर हालात को शांत करने में जुटे रहेंगे। इस दौरान किसी डॉक्टर या अस्पताल स्टाफ के साथ बदसलूकी होने पर उनके द्वारा भी काम बंद हड़ताल कर दिए जाने हालत सामने आते रहे हैं जिन पर भी गंभीरता से विचार किया जाना आवश्यक है क्योंकि उपरोक्त सभी हालातो में सबसे ज्यादा परेशानी और नुकसान अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को भुगतना पड़ता है।
आटो हादसे की शिकार छात्रा की एंबुलेंस में आक्सीजन के अभाव में मौत.. सोमवार को हटा के पास एक आटो पलटने से गंभीर छात्राओं के इलाज में हटा अस्पताल में लापरवाही देरी के बाद दमोह रैफर कर दिया गया था। जिस एंबुलेंस से दो सगी बहिन छात्राओं को जिला अस्पताल भेजा गया था लेकिन एंबंलेंस में आक्सीजन सिलेंडर के अभाव के चलते दमोह पहुचने के पहले ही दसवी की छात्रा नंदनी लोधी की मौत हो गई थी।
हादसे में शराबी सहित ऑटो में सवार 5 स्कूली छात्राएं घायल हो गई। जिनमे दो की हालत नाजुक होने से तत्काल उपचार की जरूरत थी। लेकिन काफी देर तक मौके पर डायल 112 और एंबुलेंस सेवा नहीं पहुची। इस दौरान सड़क पर दर्द से कराह रही तड़प रही बेटियों की मदद के लिए गांव की बहू बेटियां आगे आई पंखा झलते हुए वह इनको हिम्मत बंधाती रही। बाद में गांव के लोगों ने ही इनको हटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुचाया। जहां पर त्वरित उपचार के बजाए दो गंभीर छात्राएं को दमोह जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
हादसे में शराबी सहित ऑटो में सवार 5 स्कूली छात्राएं घायल हो गई। जिनमे दो की हालत नाजुक होने से तत्काल उपचार की जरूरत थी। लेकिन काफी देर तक मौके पर डायल 112 और एंबुलेंस सेवा नहीं पहुची। इस दौरान सड़क पर दर्द से कराह रही तड़प रही बेटियों की मदद के लिए गांव की बहू बेटियां आगे आई पंखा झलते हुए वह इनको हिम्मत बंधाती रही। बाद में गांव के लोगों ने ही इनको हटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुचाया। जहां पर त्वरित उपचार के बजाए दो गंभीर छात्राएं को दमोह जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बताया जा रहा है एंबुलेंस से इनको
रेफर किया गया उसमें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं था जिस वजह से सांस लेने में
तकलीफ का शिकार नंदिनी की रास्ते में ही मौत हो गई। बाद में दमोह जिला
अस्पताल पहुंचने पर नंदिनी लोधी को मृत्यु घोषित कर दिया गया। जबकि उसकी
बड़ी बहन सुहानी लोधी का इलाज चल रहा है। बाद में एक और छात्रा चंदा लोधी
को भी हटा से जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां उसका इलाज जारी है। जिस कों लेकर जिला अस्पताल में परिजनों के साथ अन्य लोगों ने लापरवाही के
गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। जिसको समझाईस देकर शांत करा दिया
गया था।
उल्लेखनिय है कि सोमवार को ही हटा में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन चल
रहा था जिसमें स्थानीय नेता व अधिकारी सरकारी योजनाओं को बखान करके
तालियां बजवाते रहे थे। लेकिन किसी ने भी घायल छात्राओं के इलाज मामले में
गंभीरता नहीं दिखाई गई। यदि हटा में ही समय पर घायल छात्राओं को समय रहते
उपार मिल जाता तो शायद नंदनी की जान नहीं जाती। उपरोक्त
हालात के चलते नवरात्र पर्व के दौरान एक बेटी की मौत हो जाने से परिवार के
साथ जहां पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है वही व्यवस्था पर भी सवाल उठने से
लोग नहीं चूक रहे हैं। गांव गांव में चल रहे ऑटो रिक्शा आए दिन हादसे के
शिकार होते हैं इसके बाद भी परिवहन विभाग द्वारा इन पर अंकुश क्यों नहीं
लगाया जाता स्कूल लेकर भी आक्रोश है। इधर इन सभी स्कूली छात्राओं को शासन
की साइकिल योजना का क्या लाभ प्राप्त नहीं हुआ था जो वह अपने गांव से ऑटो
से स्कूल जाने को मजबूर थी।
प्रसूतिका की मौत पर हंगामा बटियागढ़ अस्पताल के बाहर शव रख कर प्रदर्शन.. दमोह।
जिले के बटियागढ़ थाना अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रसूतिका की मौत
हो जाने के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए
प्रदर्शन किया तथा जाम लगा दिया जिससे देर तक अफरा तफरी के हालात बने।
बताया जा रहा है कि डिलीवरी के लिए उपरोक्त महिला को भर्ती कराया गया था
जहां उसकी बात हो जाने पर परिजनों द्वारा इलाज पर लापरवाही के गंभीर आरोप
लगाए गए तथा सबको सीएचसी बटियागढ़ के बाहर रखकर प्रदर्शन किया गया। मामले
में विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है।
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