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अस्पताल से अगवा युवक का शव रेलवे ट्रैक पर मिला, परिजनों ने हत्या की आशंका में किया हंगामा.. क्या आनलाईन गेमिंग क्रिकेट सट्टे का कर्ज बना शिवम की जान का दुश्मन.. !

 क्रिकेट सट्टे के कर्ज में फंसे युवक का ट्रैक पर शव मिला

दमोह। ट्वेन्टी 20 तथा वनडे क्रिकेट की तर्ज पर  क्रिकेट के टेस्ट मैचों में भी ऑनलाइन सट्टे कब बाजार सरगम रहने की चर्चाओं के बीच युवा पीढ़ी इसकी जाल में फसती चली जा रही है। इसी का नतीजा है कि क्रिकेट के 5 दिन के टेस्ट मैच में भी वनडे तथा आईपीएल जैसा रोमांच देखने को मिल रहा। हारने जीतने के पूर्वानुमान गलत साबित होने से हजारों की दाव लगाने वाले युवा कर्ज में डूब रहे हैं वही खिलौने वाले सटोरिया मालामाल हो रहे हैं।
ऐसे ही कुछ हालातो में ऑनलाइन गेमिंग के शिकार एक होनहार युवा की संदिग्ध हालत में असमय मौत के हालात ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। अस्पताल से कुछ दबंग युवकों के द्वारा ब्याज पर दिए गए कर्ज वसूली के नाम पर युवक को जबरन ले जाने तथा बाद में उसका शव रेलवे ट्रैक पर मिलने के मामले में पुलिस भले ही इसे जांच का विषय बता रही हो लेकिन परिजन चीख चीख कर इसे हत्या ठहरा रहे हैं।
इमलिया चौकी अंतर्गत अर्थ खेड़ा गांव निवासी महेंद्र सिंह लोधी के 20 वर्षीय पुत्र शिवम राजीव गांधी कॉलोनी में निवासरत था। बताया जा रहा है कुछ साथी युवकों का  ऑनलाइन गेमिंग का कर्ज उस पर हो गया था। जिसके तनाव में उसकी हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन कर्ज वसूलने के लिए उसे जिला अस्पताल में जाकर प्रताड़ित करने की कोशिश की गई फिर उसे जबरन सोमवार रात जिला अस्पताल से ले जाया गया और फिर मंगलवार सुबह उसका शव सागर नाका ओवर ब्रिज के नीचे रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। जिसकी सूचना मिलने पर जिला अस्पताल पहुंचे परिजनो ने शिवम की हत्या करके रेलवे ट्रैक पर फेंक देने के आरोप लगाए। तथा आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिला अस्पताल के गेट पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिससे जाम के हालात निर्मित होते देर नहीं लगी।
सूचना मिलने पर कोतवाली थाना प्रभारी मनीष कुमार सिंह के अलावा सीएसपी एच आर पांडे जिला अस्पताल पहुंचे तथा उन्होंने मामले की जांच तथा कार्रवाई का भरोसा दिला कर प्रदर्शन को समाप्त कराया तथा शव को पोस्ट मार्टम के लिए भिजवाया। मृतक के परिजन जहां शिवम की हत्या की बात लगातार करते रहे वही घटनास्थल के हालत को यदि आत्महत्या वाला भी मान दिया जाए तब भी उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी ही चाहिए।

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