टाइगर रिजर्व की सड़क पर फिर नजर आया बाघ
दमोह। जिले की सीमा क्षेत्र में फैले हुए वीरांगना
दुर्गावती टाइगर रिजर्व में जैसे ही बाघों की संख्या बढ़ने के साथ अब उनकी
टेरेटरी भी बढ़ने लगी है। रविवार सुबह टाइगर रिजर्व से गुजरे सागर-जबलपुर
स्टेट हाईवे 15 मार्ग पर एक बाघ नजर आया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर
वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो रविवार सुबह करीब 6.30 बजे के आसपास टाइगर
रिजर्व की मोहली रेंज का बताया जा रहा है। पिछले 8 सालों में यह पहली बार
है, जबकि बाघ सड़क के आसपास नजर आया हो। बताया जा रहा है कि सड़क पर नजर
आया बाघ टाइगर रिजर्व की पहली बाघिन एन-1 राधा से दूसरी बार में जन्मे चार
शावकों में से एक है। इनकी उम्र करीब 5 साल हो गई है और मोहली रेंज को अपनी
टेरेटरी बना लिया है जानकारी के अनुसार एक परिवार कार से रविवार सुबह
जबलपुर से सागर जा रहा था। सुबह करीब 6.30 बजे वह मोहली-हिनौती के पास
पहुंचे थे कि अचानक उन्हें सड़क पर बाघ नजर आया तो वह घबरा गया, लेकिन बाघ
सड़क पार करते हुए जंगल में चला गया। कार सवार परिवार के लोगों ने बाघ के
इस मूवमेंट का वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर लिया। इस मामले में वन विभाग
के अफसर कुछ भी कहने से बच रहे हैं
रिजर्व की सीमा से सटे ग्रामों दिन-रात बाघों की दहाड़ से ग्रामीण भयभीत.. वहीं
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के अंदर बसे व सीमाओं से सटे गांव के लोग
बाघों की दहाड़ से भयभीत हैं। रात के समय बाघ की दहाड़ सुनाई देने से
उन्हें बाघ के गांव में घुसने का अहसास होता है, जिससे वे अपने गौ-धन को
बचाने में जुट जाते हैं दरअसल टाइगर रिजर्व में बाघों का विचरण क्षेत्र
बढ़ गया है। बाघों ने टाइगर रिजर्व की सीमाओं तक तथा टाइगर रिजर्व के अंदर
बसें गांवों के आसपास टेरेटरी बना ली है ऐसे में इन
गांवों में रात ही नहीं दिन में भी बाघ की दहाड़ सुनाई देती है। रात के समय
बाघ की दहाड़ सुन ग्रामीण सहम जाते हैं। कई बार बाघ टाइगर रिजर्व से
निकलकर इन गांवों के पास भी पहुंच जाते हैं
अब बाघों की संख्या 23 से27 पहुंच गई है.. की
संख्या पंद्रह से अधिक है अब सभी छह रेंजों में बाघ देखे जाते हैं। कुछ
गांव ऐसे हैं जिनका विस्थापन नहीं हुआ। इन गांवों के पास भी बाघ पहुंच गए
हैं। टाइगर रिजर्व के अंदर बसे सबसे बड़े मुहली गांव में बाघों की दहाड़
दिन-रात सुनाई देती है मुहली के ग्रामीणों ने बताया कि रात में बाघों की
आवाज सुनाई देती है ग्रामीणों ने बताया कि बाघ टाइगर रिजर्व की सीमा से
निकलकर ग्राम के पास जंगलों तक विचरण करने आते हैं, हमेशा डर बना रहता है
कि बाघ गांव में न घुस आए
दोपहिया वाहन चालकों को खतरा.. रहली
से जबलपुर मार्ग का वाहन चालक दिन-रात उपयोग करते हैं। इसमें कार या अन्य
बड़े वाहन चालक तो ठीक हैं, लेकिन यदि मोहली रेंज को बाघ नेअपनी टेरेटरी बना लिया है तो ऐसे में दोपहिया चालकों को खतरा बढ़ गया है। इस मार्ग पर शाम के बाद सफर करना खतरे से खाली नहीं है फैक्ट फाइल 03 जिलों में फैला है टाइगर रिजर्व, 2300 वर्ग किमी से ज्यादा क्षेत्रफल, 06 रेंज टाइगर रिजर्व में 2018 में आया था बाघ-बाधिन का पहला जोड़ा, 23 से 25 हो चुकी बाघों की संख्या.. विशाल रजक की खबर
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