रिश्वतखोर रोजगार सहायक को 04 वर्ष की सजा
दमोह। न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संतोष कुमार गुप्ता की अदालत ने आरोपी संतोष कुमार विश्वकर्मा उम्र 35 वर्ष तत्कालीन रोजगार सहायक ग्राम पंचायत रसीलपुर जनपद पंचायत हटा को दोषसिद्ध पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन -2018 ) की धारा धारा 13(1)बी सहपठित धारा 13(2) में दोषसिद्ध करते हुए 04 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
21 जून 2017 को रमेश
कुर्मी, निवासी ग्राम रसीलपुर, द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि
प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी किश्त के भुगतान हेतु ग्राम रोजगार सहायक
संतोष कुमार विश्वकर्मा द्वारा 10,000 की रिश्वत मांगी जा रही है। पूर्व
में दो किश्तों के लिए आरोपी 10,000 की रिश्वत ले चुका था। शिकायत की पुष्टि
के उपरांत 24 जून 2017 को लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा ट्रैप कार्रवाई की
गई। जिसमें आरोपी ने 5,000 की रिश्वत ली जाकर सह आरोपी रूपनारायण पटेल को दे
दी गई थी। विवेचना में संकलित भौतिक, मौखिक व इलेक्ट्रानिक अभिलेखीय
साक्ष्य के आधार पर आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय पेश
किया गया।
मामले में दस्तावेजी साक्ष्य व मौखिक साक्ष्य व अभियोजन द्वारा प्रस्तुत
तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा मंगलवार को पारित निर्णय में
आरोपी संतोष कुमार विश्वकर्मा को दण्डित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अनंत सिंह ठाकुर द्वारा सहायक निदेशक अभियोजन
धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में की गई। प्रकरण में विवेचना
निरीक्षक संतोष जामरा द्वारा की गई साथ ही सहायक ग्रेड तीन विनय नामदेव
द्वारा आवश्यक सहयोग किया गया।
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