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एकलव्य विश्वविद्यालय में इंटेक चैप्टर का उद्घाटन.. दमोह के लिए इंटेक चैप्टर का शुरू होना अपने आप में एक बड़ी बात-संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी..

एकलव्य विश्वविद्यालय में इंटेक दमोह चैप्टर उद्घाटन

दमोह एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह में भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (इंटेक) दमोह चैप्टर का भव्य उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस ट्रस्ट का मूल उद्देश्य सांस्कृतिक विरासतों को संरक्षित एवं संवर्धित करना है। इसकी स्थापना 1984 में की गई थी। यह आयोजन एकलव्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया, प्रति कुलाधिपति  पूजा मलैया, रति मलैया के कुशल नेतृत्व एवं कुलगुरू प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार जैन, कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा के निर्देशन में किया गया।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री माननीय श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, विधायक दमोह एवं पूर्व वित्त मंत्री माननीय श्री जयंत मलैया, राष्ट्रीय अध्यक्ष इंटेक दिल्ली श्री अशोक सिंह ठाकुर, सेवा निवृत्त आई ए एस, प्रदेश संयोजक इंटेक मध्यप्रदेश श्री दीपक खांडेकर, सेवा निवृत्त आई ए एस, विशेष सचिव, सह संयोजक इंटेक मध्यप्रदेश श्री राजेश बहुगुणा, संयोजक इंटेक, जबलपुर डॉ. संजय महरोत्रा, जिलाधीश, दमोह एवं अध्यक्ष इंटेक दमोह श्री सुधीर कोचर, पुलिस अधीक्षक, दमोह एवं उपाध्यक्ष इंटेक दमोह श्री श्रुतकीर्ति सोमवंशी, इंटेक दमोह अध्याय संयोजक एवं कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया, सह संयोजक इंटेक दमोह अध्याय एवं कुलगुरू डॉ. पवन कुमार जैन, कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा के गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके बाद अतिथियों का स्वागत पौधा, साल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया। 
स्वागत उद्बोधन में डॉ. सुधा मलैया ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि हमें भारतीय संस्कृति के साथ ही इतिहास के बारे में ज्ञान रखना आवश्यक है। इतिहास के पाठ्यक्रम से आक्रांताओं को अलग कर शिवाजी, महाराणाप्रताप जैसे पराक्रमी देशभक्त योद्धाओं पढ़ाना होगा। डॉ. संजय महरोत्रा ने अपने आसपास की सांस्कृतिक विरासतों को सहेजने की बात कही। जिलाधीश श्री सुधीर कोचर ने अपनी पुस्तक दमोह दर्शन को रेखांकित करते हुए मंच पर विराजमान अतिथियों को दमोह की सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराया तथा इंटेक की व्याख्या करते हुए बताया कि इंटेक का मूल उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासतों को सहेजने के साथ ही इसके बारे में व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है।
श्री राजेश बहुगुणा ने भी भारतीय संस्कृति पर गर्व करने की बात कही। श्री दीपक खांडेकर ने भी कला और संस्कृति को व्यवस्थित करने की प्रतिबद्धता जताई। श्री अशोक सिंह ठाकुर ने गौरवशाली इतिहास को रेखांकित करते हुए इसे जन जन तक पहुँचाने पर जोर दिया। विधायक दमोह श्री जयंत मलैया ने इंटेक से जुड़े सभी लोगों को शुभकामनाएं दी। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने इंटेक चैप्टर दमोह के शुभारंभ पर शुभकामनाएं देते हुए  बताया कि हम सभी को भारतीय प्राचीन संस्कृति को अपनाने पर जोर देना होगा। दमोह के आसपास की सांस्कृतिक विरासतों को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए पूर्ण सहयोग की बात कही। साथ ही मंत्री महोदय ने सूक्ति एवं विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से सांस्कतिक वैज्ञानिकता को स्पष्ट किया।
अंत में इंटेक अध्यक्ष, दिल्ली द्वारा एकलव्य विश्ववविद्यालय की कुलाधिपति, कुलगुरू एवं कुलसचिव के साथ ही इंटेक दमोह चैप्टर के सभी सदस्यों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। कुलगुरू डॉ. पवन कुमार जैन द्वारा सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. हृदय नारायण तिवारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन डॉ. स्वाति गौर के स्वर में स्वर मिलाकर सामूहिक राष्ट्रगीत से किया गया। इस अवसर पर दमोह जिले के अनेक शिक्षाविद, इतिहासकार, कलाप्रेमी के साथ ही एकलव्य विश्ववविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।

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