Ticker

6/recent/ticker-posts

वीर विद्या सुधा व्यायाम शाला का जैन भवन में मुनि संघ के सानिध्य में शुभारंभ.. इच्छा से बड़ी महत्वाकांक्षा होती है.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी.. श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर समापन पर परीक्षाएं आज..

वीर विद्या सुधा व्यायाम शाला का ध्वजारोहण से शुभारंभ

दमोह। नगर की जैन समाज के लिए 28 मई मंगलवार का दिन ऐतिहासिक तथा यादगार रहा। अवसर था तीन निर्यापक मुनि संघो के सानिध्य में स्टेशन रोड स्थित जैन भवन की उपरी मंजिल पर वीर विद्या सुधा व्यायाम शाला के शुभारंभ अवसर का।
श्री दिगंबर जैन पंचायत औषधालय समिति द्वारा संचालित जैन भवन में आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज की प्रेरणा से 15 दिन से कम समय मे आधुनिक जिम को तैयार करते हुए मशीनों को फिट किया गया। जिससे जैन समाज के युवा स्वस्थ तन मन को विकसित करने के लिए ध्यान दे सके।
मंगलवार को सुबह निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी श्री प्रसाद सागर जी श्री वीर सागर जी मुनि श्री प्रयोग सागर जी श्री पदम सागर जी श्री सुब्रत सागर जी श्री शीतल सागर जी के सानिध्य में आधुनिक जिम का लोकार्पण किया गया। इस जिम में अभी तक करीब 40 लख रुपए की मशीन आ चुकी है। वही अलग-अलग मशीनों को दान राशि की घोषणा करके समाजसेवी जन अपने सौजन्य से करा चुके हैं।
वीर विद्या सुधा व्यायाम शाला के उद्घाटन अवसर पर मंगल ध्वजा रोहन श्री राकेश पुजारी,  फीता कटिंग अतिशय जैन फुटेरा, मंगल कलश स्थापना श्री तरुण जैन, तन्मय जैन विजयकुमार, विनोद कुमार, मनोज कुमार, सोनू जैन , दीप प्रज्जजन श्री सुधीर सिंघाई श्रीमती नीता जैन ने किया। पाद प्रक्षालन व्यायाम शाला के समस्त सदस्यों ने किया। 
इस अवसर पर जैन औषधालय समिति ने श्रीफल भेंट करके आशीर्वाद प्राप्त किया। पूज्य श्री का पूजन सकल जैन समाज की समस्त संस्थाओं के द्वारा किया गया।संपूर्ण कार्यक्रम अनुष्ठान युगल प्रतिष्ठाचार्य, डॉ अभिषेक आशीष जैन सगरा वाले ने संपन्न कराया। शुभारंभ अवसर पर पूज्य मुनि संघ ने व्यायाम शाला का निरीक्षण करते हुए दानदाताओं को आशीर्वाद प्रदान किया। 
कार्यक्रम में दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष सुधीर सिंघई औषधालय समिति के अध्यक्ष रूपचंद जैन सहित अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी स्वयंसेवक समिति एवं व्यायाम शाला से जुड़े सदस्यों पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में युवाओ, महिला वर्ग की मौजूदगी रही।
इच्छा से बड़ी महत्वाकांक्षा होती है.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी.. दमोह। नगर के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हें मंदिर जी मे आचार्य भगवान श्री विद्यासागर जी महाराज आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के शिष्य तीन निर्यापक मुनि संघ सहित अन्य मुनिराज विराजमान है जिनके सानिध्य में जैन धर्मशाला में सात दिवसीय श्रवण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन चल रहा है। शिविर के अंतिम दिन भी अलग-अलग कक्षाओं का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर भक्तांबर की क्लास में निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज ने कहा कि इच्छा से बड़ी महत्वाकांक्षा होती है महत्वाकांक्षा वह होती है जिसे हम पा नहीं सकते किंतु पाने का प्रयास करते है जो पूर्ण हो जाती है वह इच्छा होती है संसारी प्राणी इच्छा को मार लेता है किंतु महत्वाकांक्षा को नहीं मार पाता  व्रति व्यक्ति महत्वाकांक्षा को मारता है चिड़िया जैसे उड़ने की मनुष्य की महत्वाकांक्षा होती है उड़ नहीं सकते तो गिरते हैं उठ नहीं सकता तो झुकूंगा इससे एक अलौकिक शक्ति जाग जाती है जो तुम्हें बचा लेती है बड़ों को नमस्कार करते हो तो वह उठा लेता है तुमने बड़े को नमस्कार किया तुम झुके नहीं तुमने बड़े को  झुका लिया गुरु भी नमस्कार करने वाले को उठा लेते हैं अपने आशीर्वाद से भक्त को उठा देते जैसे ही तुम झुके तो इतना बड़ा पुण्य बंद होता है कि जिस महाशक्ति को कोई नहीं झुका पाया वह तुम्हें उठाने के लिए झुक जाता है सुदामा झुकने के लिए पहुंचे थे अपने मित्र श्री कृष्ण के चरणों में किंतु उन्होंने सुदामा को पहले ही उठा लिया जिसके सामने तीन खंड के 32000 राजा झुकते थे वह आज सुदामा को उठाने के लिए झुक गया गुरु के समक्ष सदैव झुक कर विनम्र होकर ज्ञान प्राप्त करना कभी गुरु से हंस बनकर  ज्ञान प्राप्त नहीं करना मिट्ट जाओगे मां से कभी दूध हंस बनकर नहीं पीना वरना मर जाओगे दूध में पानी मिलाती है क्योंकि मां जानती है बच्चे को बिना पानी का दूध नहीं बचेगा किंतु हंस पानी पानी को अलग कर देता है
इसके पूर्व निर्यापक मुनि श्री वीर सागर जी महाराज ने कहा कि साधारण व्यक्ति बाहरी निमितों से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाता है और अशांत हो जाता है अपने जीवन को आनंदमय कैसे बनाएं यही जनना जीवन की सबसे बड़ी कला है इसके लिए सबसे पहले हमें अपने आप को पहचाने की हम कौन हैं हम क्या पाना चाहते हैं दुनिया में कुछ भी संभव नहीं है सब कुछ संभव है बस इसे पाने का पुरुषार्थ सही दिशा में होना चाहिए
आज मुनियों के आहार कराने वाले पुण्यार्जक परिवार.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज  को आहार देने का  सौभाग्य रानू पारस खजरी वाला   परिवार को प्राप्त हुआ। निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर के आहार का सौभाग्य डॉ चेतन जैन परिवार को प्राप्त हुआ।
निर्यापक मुनि श्री वीर सागर जी महाराज को आहार देने का सौभाग्य गुड्डू भैया हुकुम कटपीस  परिवार, मुनि श्री पदम सागर जी महाराज के आहार का सौभाग्य हर्षित किराणा परिवार, मुनि श्री प्रयोग सागर जी के आहार का सौभाग्य बंटी जैन बड़े मन्दिर के पास परिवार को, मुनि श्री सुब्रत सागर के आहार का सौभाग्य आगत सागर परिवार को, मुनि श्री शीतल सागर जी को आहार देने का सौभाग्य सवन सिल्वर परिवार को गंभीर सागर जी महाराज के आहार का अमरदीप लालू  परिवार को प्राप्त हुआ।
 शिविर समापन पर आज होंगी परीक्षाएं. दमोह। नगर के इतिहास में प्रथम बार निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर जी महाराज निर्यापक मुनि श्री वीर सागर जी महाराज के ससंघ मंगल सानिध्य में दिनांक 22 मइ से 28 मइ तक आयोजित श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर के अंतिम दिवस अध्यापन समाप्त होने के बाद 29 मइ को प्रातः काल विभिन्न शास्त्रों का अध्ययन कर रहे शिक्षार्थियों की परीक्षा ली जावेगी। 
शिविर प्रभारी डॉक्टर प्रदीप आचार्य ने बताया कि यह परीक्षा ऑनलाइन की जावेगी परीक्षा हेतु 50 मिनट का समय निर्धारित किया गया है परीक्षा हेतु प्रश्न पत्र विद्वानों के द्वारा तैयार किए जाएंगे परीक्षा में सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले प्रथम द्वितीय तृतीय प्रतिभागियों को समिति के द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा सभी परीक्षाएं कक्षाओं के निर्धारित समय पर ही आयोजित की जाएंगे।
 

Post a Comment

0 Comments