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बाल विवाह भी अपराध है, अक्षय तृतिया पर बाल विवाह रोकने प्रशासन सख्त.. पंडित तथा पत्रिका छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के विरूद्ध धारा 188 के तहत होगी कार्यवाही.. बाल विवाह रोकने लोगो को किया जा रहा जागरूक..

बाल विवाह प्रोत्साहित करने पर 188 के तहत कार्यवाही
दमोह। जिले की दमोह राजस्व सीमा अंतर्गत होने वाले 10 मई 2024 अक्षय तृतीया के अवसर पर संभावित बाल विवाहों को रोकने गठित दल के जान.माल की सुरक्षा तथा उनके साथ कोई अप्रिय घटना घटित न हो के हित को दृष्टिगत रखते हुये  जिला मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार कोचर ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत दमोह जिले की राजस्व सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा।

जारी आदेश में कहा गया है जिला दमोह की राजस्व सीमा अंतर्गत कोई भी बाल विवाह संपन्न नहीं होगा। बाल विवाह रोकने हेतु गठित दल को यदि उनके क्षेत्राधिकार में बाल विवाह का प्रकरण पाया जाता हैए तो बाल विवाह करने वाले बाल विवाह को प्रोत्साहित करने वाले यथा बाल विवाह में सम्मिलित बाराती.घरातीए विवाह स्थलध्गार्डन मालिक खाना पकाने वाले रसोईया केटर्सए मौलवी. पंडित तथा पत्रिका छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के विरूद्ध भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 10 एवं इस आदेश के उल्लंघन में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जायेगी। बाल विवाह के आयोजन की दृष्टि से जन.समूह का जिले की सीमाओं में किसी स्थल पर एकत्रण लोक प्रशांति के लिये विक्षुब्धकारी एवं अविधिपूर्वक रूप से हुआ माना जायेगा।
बाल विवाह रोकने हेतु गठित दल के साथ यदि किसी प्रकार का र्दुव्यवहार अथवा मारपीट या अन्य कोई घटना घटित करने वालों के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता की सुसंगत धाराओं के साथ.साथ धारा 188 के तहत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश दमोह जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा के अंतर्गत जारी किया जा रहा है लेकिन जिले में निवासरत् प्रत्येक नागरिक को व्यक्तिशः तामील कराया जाना संभव नहीं है। अतः दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144;2द्ध के अंतर्गत एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। सार्वजनिक माध्यमों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समाचार पत्रों के माध्यम से यह आदेश सर्व साधारण को अवगत कराया जा रहा है।

बाल विवाह रोकने लोगो को किया जा रहा जागरूक.. दमोह। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग दमोह के मार्गदर्शन में बाल विवाह रोकने के लिए समस्त विभागों को निर्देश दिए गये है। ग्रामए ब्लॉक एवं जिला स्तर के समस्त कर्मचारियों द्वारा बाल विवाह रोकथाम के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है ताकि लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जा सके। वहीं जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के किशोर.किशोरी साथिया एवं आशा आंगनवाडी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने कार्यक्षेत्रों में ग्राम स्तर पर दीवार लेखनए रेलिया एवं पोस्टर चार्ट के माध्यम से अपने.अपने ग्रामों में जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश में बाल विवाह रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर अधिनियम को पुनरू जारी किया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समस्त आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को से कहा है की वे अपने.अपने क्षेत्र की उन बालक.बालिकाओं की सूची आवश्यक रूप से तैयार करें जिनकी बालिका की उम्र 18 से कम एवं बालक की उम्र 21 से कम है और उनके संभावित बाल विवाह की संभावना है। इन्हें और इनके परिवारों को बाल विवाह न करने की बार बार समझाइस दी जाए इसके पश्चात भी नहीं मानते हैं तो तत्काल सीडीपीओ को सूचित किया जाए ताकि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार कार्यवाही की जायेए जिसमे संबंधितों के विरुद्ध एफआईआर कराना भी सम्मिलित है।





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