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खड़ैरी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव भक्ति भाव के साथ संपंन.. कैलाश पर्वत से हुआ तीर्थंकर आदिनाथजी को निर्वाण.. इंद्र इंद्राणियों सहित राजा रानियों ने की पूजन.. गजरथ फेरी के साथ श्री जिनेन्द्र रथ यात्रा निकली..

कैलाश पर्वत से हुआ तीर्थंकर आदिनाथजी को निर्वाण

दमोह/खड़ैरी - प्रभु ने पाया पद निर्वाण प्रभु से पाया पद निर्वाण मंगलगान सहित आदिनाथ भगवान की जय, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की जयघोष से खड़ैरी पंचकल्याणक महोत्सव के लिए बनाई गई अयोध्या नगरी गुंजायमान हो उठी जहां बाल ब्रह्मचारी पंडित अभिनंदनजी शास्त्री के सानिध्य में प्रातः काल की मंगल बेला पर प्रथम तीर्थंकर 1008 तीर्थंकर आदिनाथ भगवान को मंगलकारी निर्वाण महोत्सव मनाया गया।
महोत्सव के मीडिया प्रभारी दीपक राज जैन ने बताया सोमवार को कार्यक्रम का शुभारंभ शांति जाप से हुआ पश्चात कैलाश पर्वत से 1008 तीर्थंकर आदिनाथजी को मोक्ष अर्थात निर्वाण की प्राप्ति हुई जिसकी सभी ने खुशियां मनाकर निर्वाण काण्ड पढ़कर उनकी पूजन की ओर निर्वाण लाडू समर्पित किया। इस अवसर पर सकल समाज को जैनदर्शनाचार्य पंडित अभयकुमारजी शास्त्री देवलाली के श्रीमुख से मां जिनवाणी का रसास्वादन कर जिनागम का सच्चा स्वरूप जाना।
श्री जिनेन्द्र रथयात्रा निकली.. श्री आदिप्रभु के निर्वाण होने के पश्चात सकल समाज ने श्री जिनेन्द्र रथयात्रा में हिस्सा लिया जिसमे महोत्सव के दौरान प्रतिष्ठित हुए समस्त मनोहारी जिनबिंब, मां  जिनवाणी, स्वर्णमयी धर्मध्वजा, अष्टमंगल द्रव्य, छत्र - चंबर लेकर हांथी, रथ, भजन मंडली के मंगल गान करते अपार जन समुदाय के खड़ैरी सीमंदर स्वामी जिनालय जहां विधि विधान पूर्वक मनोहारी जिनबिंब, मां जिनवाणी, धर्माध्वजा स्थापित विशाल घंटा लगाया गया। 
रथयात्रा में दमोह विधायक पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया, सर्वोदय अहिंसा के प्रदेश संयोजक दीपक राज जैन, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष नरेंद्र व्यास, जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि धर्मेंद्र कटारे, जिला पंचायत सदस्य राव बिजेंद्र सिंह, सौधर्म इंद्र माधव जैन शाहगढ़, अमित जैन फुटेरा, पंकज शास्त्री,  विविध जनप्रतिनिधियों सहित पूरे देश से पधारे हजारों साधर्मीयों के साथ खड़ैरी वासी सम्मिलित हुए।
ये रहे सौभाग्यशाली परिवार. मनोहारी जिनालय एवं वेदी का निर्माण प्रेमचंद बजाज परिवार कोटा द्वारा, मूलनायक सीमंदर भगवान के भेंटकर्ता डॉ. बासंती बेन शाह मुंबई एवं विराजमान कर्ता विनोद शास्त्री, भानू शास्त्री एवं विवेक जैन परिवार खड़ैरी रहा। आदिनाथ भगवान भेट एवं विराजमान कर्ता श्रीमती गुणमाला लल्लूलाल बैनाडा जयपुर रहे, महावीर भगवान भेंट कर्ता अजीतकुमार जीजी बाई छिंदवाड़ा एवं विराजमान कर्ता साव लालचंद जैन, अशोक जैन एवं राजेंद्र शास्त्री परिवार खड़ैरी रहे। 
इसी के साथ मुख्य शिखर एवं कलश के निर्माण एवं विराजमान महेंद्र कुमार, राहुल कुमार, विनीत कुमार गंगवाल परिवार द्वारा स्थापित किया गया एवं लघु शिखर पर  कलश विराजमान शशिकांत एम सेठ भावनगर एवं कलकत्ता मंडल द्वारा किया गया। ध्वजदंड स्थापना नवीन भाई मेहता मुंबई सहित अन्य सौभाग्य शाली परिवारों द्वारा जिनवाणी सहित अन्य परमागम विराजमान कर धर्म लाभ लिया गया।

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