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श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में मस्जिद कमेटी को झटका.. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने के लिए कहा..

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मस्जिद कमेटी को झटका

दिल्ली। मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई मस्जिद कमेटी को आज तगड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने हाई कोर्ट के फैसले में दखल देने से इंकार करते हुए मस्जिद कमेटी की याचिका को ख़ारिज कर दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को मस्जिद कमेटी ने SC में चुनौती दी थी।

आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमिभूमि विवाद से जुड़े 15 मुकदमों की एक साथ सुनवाई करने के आदेश पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिए थे जिसके खिलाफ शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज 19 मार्च को याचिका ख़ारिज कर दी। हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को कहा कि वो अपनी बात इलाहाबाद हाई कोर्ट में रखें।  इलाहाबाद हाई कोर्ट में 15 मुकदमों को एक साथ सुनने के लिए कहा है जिसके विरोध में मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट आई थी , मुझे तो समझ नहीं आ रहा कि इस आर्डर में क्या गलती है जो उन्हें सुप्रीम कोर्ट आना पड़ा

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मैटर को डिले करने के इंटेंशन से मस्जिद कमेटी SC गई होगी।
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सभी 15 मुकदमें एक ही मैटर को लेकर हैं जिनकी सुनवाई एक साथ होनी है जिससे सबको आराम है। एक ही दिन एक ही टाइम पर सभी मुक़दमे लगते हैं जिससे वे समय से डिसाइड हो जायेंगे, अब ये इसे डिले करना चाहते होंगे और शायद इसी इंटेंशन के साथ सुप्रीम कोर्ट आये होंगे लेकिन कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि आपने पहले ही हाईकोर्ट में इस आर्डर के खिलाफ रीकॉल एप्लीकेशन डाल रखी है पहले वो डिसाइड हो जाये फिर आइये। विष्णु शंकर जैन ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है कल भी इस मामले में सुनवाई है।

ये है पूरा मामला.. गौरतलब है कि हिंदू पक्ष का दावा है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण मंदिर को गिराकर बनाई गई है, 1618 में ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला ने मथुरा में जन्मभूमि वाले स्थान पर श्रीकृष्ण मंदिर का निर्माण कराया था जिसे औरंगजेब के आदेश पर 1670 में गिराकर वहां शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई, जबकि शाही मस्जिद कमेटी का दावा है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है, इसी बात को लेकर मामला कोर्ट में है जिसकी सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है। 

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