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नरसिंहगढ़ में अधिकारी की पत्नि की कार से मासूम की मौत.. पुलिस द्वारा दूसरे वाहन से हादसा बताने की खबर से आक्रोषित लोगों ने किया फैक्टरी के सामने प्रदर्शन.. फैक्टरी प्रबंधन की चुप्पी के बीच पुलिस ने बल प्रयोग करके जाम खुलवाया..

कार की टक्कर से मासूम की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश

दमोह। देहात थाना के नरसिंहगढ़ पुलिस चौकी अंतर्गत मायसेम सीमेंट फैक्ट्री कॉलोनी क्षेत्र में फैक्ट्री के अधिकारी की पत्नी द्वारा कर ड्राइविंग के दौरान शनिवार दोपहर एक मासूम बच्ची को चपेट में ले लिया गया था। जिसके बाद में जिला अस्पताल में मासूम की मौत हो गई थी। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर पहुंचे परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री गेट के सामने शव वाहन को खड़ा कराकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। 
जिसे देखते ही देखते जाम के हालत निर्मित हो गए और दोनों तरफ वाहनों की कतारे लग गई। इस दौरान लोग उपरोक्त घटनाक्रम की शिकायत करने के लिए फैक्ट्री प्रबंधन तथा पुलिस के अधिकारियों का देर तक इंतजार करते रहे। लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने इन लोगों से बात करना भी जरूरी नहीं समझा। 
इधर घंटे भर बाद दमोह से वज्र वाहन के साथ पहुंचे पुलिस बल ने हल्का बल प्रयोग करके जाम को खुलवा कर आवागमन को सुचारू करा दिया। इस दौरान यहां पर कवरेज कर रहे नरसिंहगढ़ के कुछ स्थानीय पत्रकारों के साथ भी पुलिस द्वारा अभद्रता करते हुए मनमानी की गई।
बाद में शव वाहन के साथ धरना दे रहे मासूम के परिजनों के साथ ग्रामीण को भी जबरन फैक्ट्री गेट के सामने से हटा कर उनकेे गांव सीता नगर के लिए जबरन रवाना करा दिया गया।
लैब टेक्नीशियन की पत्नी की कार से हुई थी मौत.. प्राप्त जानकारी के अनुसार सीता नगर निवासी उमेश साहू की पत्नी शनिवार दोपहर नरसिंहगढ़ फैक्ट्री स्टाफ कॉलोनी क्षेत्र में संचालित सिलाई कढ़ाई सेंटर जा रही थी। इस दौरान कार को चलाते हुए आ रही लैब टेक्नीशियन रीवा निवासी वैभव तिवारी की पत्नी रंजना तिवारी ने महिला के साथ चल रही ढाई वर्ष की मासूम बेटी सजल को कार से टक्कर मार दी थी। 
बाद में गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराई जाने पर मासूम की मौत हो गई थी। रविवार को पोस्ट मार्टम के उपरांत शव वाहन से सीता नगर लौट रहे परिजनों ने नरसिंहगढ़ में सीमेंट फैक्ट्री गेट के सामने वाहन को खड़ा कर कर फैक्ट्री प्रबंधन से मुलाकात के लिए धरना शुरू कर दिया था। लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन ने मुलाकात करने की बजाय अपने सोर्स का उपयोग करके पुलिस प्रशासन की मदद से पीड़ित परिजनों के साथ अन्य लोगों को वहां से बेइज्जत कराके भगवा दिया।
नरसिंहगढ़ पुलिस की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में.. उपरोक्त घटनाक्रम के बाद नरसिंहगढ़ चौकी पुलिस पर पीड़ित परिजनों के कहे अनुसार रिपोर्ट लिखे जाने में टाला मटोली करने के आरोप लगाए जा रहे हैं वहीं हादसे के लिए जिम्मेदार कार चालक महिला को बचाने के लिए उपरोक्त कार की जगह बोलेरो गाड़ी को जप्त करके किसी अन्य को ड्राइवर बताए जाने की चर्चाओं से परिजनों के बीच में आक्रोश का माहौल बना रहा। वही फैक्ट्री क्षेत्र में आये दिन इस तरह की घटनाएं होते रहने की वजह से फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ भी नाराजगी देखी गई।
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि वह एक बार फैक्ट्री प्रबंधन को इस पूरी घटना की जानकारी देकर भविष्य में इस तरह के हादसे रोकने कारगर कदम उठाए जाने की मांग रखना चाहते थे लेकिन उनको बलपूर्वक फैक्ट्री के सामने से उठा दिया गया तथा कोई भी जिम्मेदार उनकी बात सुनने सामने नहीं आया। वहीं पूरे घटनाक्रम के दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन पर फैक्ट्री प्रबंधन के पक्ष में कार्य करने तथा पीड़ित परिजनों की एक नहीं सुनने के आरोप सामने आए हैं। पूरे घटनाक्रम को लेकर सीमेंट फैक्ट्री के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का पक्ष भी फिलहाल सामने नहीं आया है।

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