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दमोह में भाजपा कांग्रेस के बीच एक बार फिर कांटे का मुकाबला.. भाजपा प्रत्याशी जयंत मलैया और कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन तीसरी बार आमने सामने.. क्या पुरानी दो पराजय को इस बार जय में बदल पाएंगे अजय..?..

 जयंत मलैया और अजय टंडन के बीच कांटे का मुकाबला

 दमोह। मप्र में विधानसभा चुनाव के मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है भोर होते ही पोलिंग बूथ पर वोटिंग करने वालों की लाइन लगना शुरू हो जाएगी। लेकिन इसके पूर्व आज की रात प्रमुख प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के लिए मतदाताओं को लुभावने के लिए आखिरी रात है। ऐसे में शराब कंबल पेट्रोल पर्ची से लेकर अन्य सामग्री व हरे हरे नोटों भी वितरण के लिए प्रमुख प्रत्याशियों के समर्थकों के पास पहुंच चुके हैं। लेकिन इसके पूर्व इस बार चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में जिस तरह से प्रत्यारोपों का दौर प्रमुख उम्मीदवारों के बीच में देखने को मिला है वह बेहद आश्चर्यचकित करने वाला है।
दमोह विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मंत्री जयंत मलैया के मुकाबले कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और उप चुनाव में विधायक बनने का सौभाग्य पाने वाले अजय टंडन को मुकाबले में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया। उल्लेखनीय की 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव जयंत मलैया हजार से कम वोट से कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्याशी राहुल सिंह से चुनाव हार गए थे। हालांकि डेढ़ साल बाद ही प्रदेश में कमलनाथ सरकार के पतन के साथ राहुल सिंह भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे वहीं ढाई साल पहले हुए विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा ने जहां मलैया की जगह राहुल को उम्मीदवार घोषित किया था वहीं कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता अजय टंडन को मुकाबले में उतार कर भाजपा के सभी समीकरणों को फेल कर दिया था। इसके बाद वर्तमान चुनाव में राहुल सिंह की दावेदारी को नजर अंदाज करते हुए भाजपा ने एक बार फिर जयंत मलैया पर दाव लगाया है। क्योंकि श्री मलैया जहां हजार से कम वोटो से पिछड़े थे वहीं राहुल सिंह 17 हजार से अधिक वोटो से हारे थे।
चुनाव में तीसरी बार मलैया टंडन आमने-सामने.. दमोह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी जयंत मलैया और कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन तीसरी बार आमने-सामने है लेकिन पिछले दो चुनाव की तुलना में या चुनाव काफी भिन्न नजर आ रहा है। दोनों ही दलों के काफी समीकरण बदले हुए हैं। इसके पहले वर्ष 1998 और 2003 के चुनाव में दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था लेकिन जीत दोनों बार जयंत मलैया के खाते में गई थी। 2003 में प्रदेश में उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद 20 सालों तक इन दोनों नेताओं के बीच मुकाबला की नौबत नहीं आई लेकिन 20 साल बाद भाजपा तथा कांग्रेस की जीत के लिए इन दोनों प्रत्याशियों के बीच भरपूर जोर आजमाइश का दौर जारी है।
जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी पिछली बार की तुलना में ज्यादा आक्रामक नजर आए हैं वहीं भाजपा प्रत्याशी अपनी वरिष्ठता के साथ पूरी तरह से गंभीर रुख अपनाए रहे हैं। इस बार चुनावी उत्साह की वजह आरोप प्रत्यारोप का दौरा ज्यादा देखने को मिला है दोनों ही दलों से पुराने नेताओं को हासिये पर रखकर नई टीम आगे आगे होती नजर आई है। वही दोनो ही दलों के अनेक नेता चुनाव के दौरान सक्रियता दर्ज कराते नजर नहीं आए हैं। जिसकी एक नही अनेक बजह रही है जिनका विश्लेषण करना फिलहाल यहां उचित नहीं है।
मलैया के चुनाव की कमान बेटों-बहू ने संभाली.. वरिष्ठ भाजपा नेता जयंत मलैया के चुनाव के संचालन तथा खर्च की कमान इसके पूर्व तक उनकी धर्मपत्नी सुधा मलैया व कुछ खास लोगों के के हाथों में रही है। लेकिन इस बार उनके छोटे बेटे सिद्धार्थ व उनकी टीएसएम टीम ही चुनाव के अधिकांश बागडोर संचालित करते नजर आए हैं वही श्री मलैया के प्रवासी पुत्र निशु मलैया भी प्रत्याशी घोषणा के साथ भोपाल छोड़ दमोह में सक्रियता दर्ज करा रहे हैं।  दोनों बेटों की बहू तथा सालो सहित अन्य रिश्तेदार भी पूर्व की तरह प्रचार जनसंपर्क में लगातार सक्रिय रहे हैं।  लेकिन खर्च के मामले में इस बार जमकर कंजूसी किए जाने की चर्चाएं पूरे क्षेत्र में सरगर्म है। पिछले 5 सालों में महंगाई से लेकर प्रॉपर्टी की कीमतें दोगुनी से अधिक हो जाने के बावजूद मीडिया के खर्चे में जिस तरह से कटौती करके दो तीन पांच तक सीमित किया गया है वैसा ही रुख मीडिया के द्वारा भी कवरेज के मामले में दिखाया गया है।
टंडन के चुनाव की कमान दोनों बेटियों ने सम्हाली.. कांग्रेस प्रत्याशी विधायक अजय टंडन के चुनाव व्यवस्थाओं से लेकर प्रचार की कमान उपचुनाव की तरह दोनों बेटियां पारुल तथा मनाली सम्हाले हुए है। विधानसभा चुनाव की घोषणा के कई महीनो पहले से वह क्षेत्र में सक्रियता दर्ज कराती रही है। वही अजय टण्डन की टिकिट के बाद से वह पूरे प्रचार अभियान के दौरान निरंतर सक्रिय बनी रही हैं। इनके अलावा टंडन के भतीजे सोनू सहित परिवार के अन्य सदस्य भी विभिन्न मोर्चो पर सक्रिय रहे हैं लेकिन खर्च के मामले में पहले की तरह ही इस बार अनेक मामलों में कंजूसी किए जाने की चर्चाये सामने आती रही है। खासकर मीडिया के मामले में दो-तीन 5 से आगे खर्च करने की हिम्मत इस बार भी है नहीं दिखा पाए हैं। जिससे मीडिया भी वैसे ही कवरेज इनको देती रही है।
भाजपा से प्रधानमंत्री मोदी की सभाएं चर्चाओं में रही..
दमोह क्षेत्र में भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी की आम सभाएं जहा चर्चाओं में रही है वहीं समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव की आम सभा भी हो चुकी है। 

हालांकि अखिलेश तथा प्रियंका की सभा उम्मीद के मुताबिक भीड़ इकट्ठा नहीं कर सकी थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा से जिले के चारों भाजपा प्रत्याशियों को काफी बल बल मिलता हुआ नजर आया है। यहां तक की भाजपा प्रत्याशी जयंत मलैया से श्री मोदी की विशेष अंदाज में बातचीत चर्चाओं में रही है। कहा जा सकता है कि मोदी की सभा एक हद तक प्रभाव छोड़ती नजर आई है।
कांग्रेस से प्रियंका गांधी की सभा भी चर्चाओं में रही..
चुनाव नामांकन प्रक्रिया के दौरान ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जिले के कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में महाराणा प्रताप स्कूल ग्राउंड में आमसभा को संबोधित करके भाजपा तथा केंद्र प्रदेश सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा कर चुकी है। हालांकि इनकी सभा में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुड़ना चर्चाओं में रहा है।
बसपा से मायावती जी की हुई पथरिया में सभा..
भाजपा कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होने के बावजूद चुनाव मैदान में बहुजन समाज पार्टी की तरफ से कांग्रेस छोड़ने वाले प्रताप रोहित मैदान में है। 
लेकिन उनकी तरफ से दमोह में पार्टी के किसी भी बड़े नेता की सभा नहीं हुई है। बसपा सुप्रीमो मायावती पथरिया में जरूर आमसभा कर चुकी है।
सपा प्रत्याशी के समर्थन में अखिलेश यादव की सभा
 अभाना क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह लोधी समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं 

जिनके पक्ष में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जनसभा को संबोधित कर चुके है।लेकिन यह सभा कोई खास असर नहीं छोड़ पाई है। इधर चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी द्रगपाल सिंह अपने पूर्व के प्रदर्शन की तरह कोई खास प्रभावित करने वाला प्रचार प्रदर्शन जनसंपर्क नहीं दिखा पाए हैं।
हवा हवाई अभिनेत्री की बैलगाड़ी यात्रा बेअसर
इधर बैलगाड़ी से नामांकन दाखिल करने पहुंचने वाली हवा हवाई टीवी सीरियल कलाकार चाहत पांडे आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने के बावजूद उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन करती नहीं देख रही है। 

भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के प्रत्याशी दौलत सिंह भी लाल पट्टी वाले समर्थको के साथ ही प्रचार के दौरान  सीमित रहते नजर आये हैं। वही जयंत, अजय, राहुल नाम के निर्दलीय प्रत्याशियों का प्रचार तलाशने पर भी नजर नहीं आया है।

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