हटा से बसपा प्रत्याशी के नामांकन में भाजपा नेता साथ..
दमोह। मध्य प्रदेश में प्रमुख राजनीतिक दलों का टिकट वितरण लगभग कंप्लीट हो जाने के बाद विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया जोरो पर है। वही वहीं भाजपा कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर निकल रहा असंतोष का लावा रोकना फिलहाल दोनों ही दलों के घोषित प्रत्याशी तथा पदाधिकारी के बस की बात नजर नहीं आ रहा है। इधर इस अवसर का सबसे ज्यादा लाभ बहुजन समाज पार्टी उठाते हुए नजर आ रही है।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और जबेरा जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि विनोद राय के भाजपा छोड़ने की चर्चाएं अभी थमी भी नहीं थी कि भाजपा के एक और नेता पूर्व जनपद अध्यक्ष डॉ आलोक अहिरवार कि बसपा से नजदीकी ने पार्टी नेताओं को सकते में डाल दिया है। दरअसल आज बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी भगवान दास चौधरी अपना नामांकन दाखिल करने के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय गए थे। इनके साथ में बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के अलावा भाजपा नेता आलोक अहिरवार भी पूरे समय साथ नजर आए।आलोक ने की थी हटा से भाजपा टिकट की दावेदारी..
यहा बता दे कि आलोक अहिरवार ने हटा विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा टिकट की भोपाल दिल्ली तक दावेदारी की थी। उनके अलावा भाजपा से जुड़े चौधरी अहिरवार समाज के लोगों को उम्मीद थी कि लंबे समय से उपेक्षा का शिकार अहिरवार समाज को इस बार जिले से एक टिकट जरूर मिलेगी। लेकिन जब भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा हुई तो पिछली बार के प्रत्याशी पीएल तंतुवाय की टिकट को तो काट दिया गया लेकिन बदले में पिछली बार टिकट से वंचित की गई उमादेवी खटीक को फिर से टिकट दे दी गई। इस दौरान यह भी ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी गई की पिछली बार किन कारणों तथा किन वजहों से उमादेवी की टिकट को काटा गया था।
उल्लेखनीय की अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हटा विधानसभा क्षेत्र में चौधरी अहिरवार समाज के वोटरों की संख्या चालीस हजार से अधिक है। पिछले दो चुनाव में कांग्रेस हरिशंकर अहिरवार को हटा से टिकट देती रही लेकिन दमोह से अप डाउन, खर्च में कंजूसी तथा गुटबाजी के चलते वह दोनो बार नहीं जीत पाए। उसके बावजूद उनको मिलने वाले मतों का आंकड़ा हटा क्षेत्र मैं अनुसूचित जाति वर्ग की ताकत को दर्शाने के लिए काफी था। कांग्रेस ने पिछली बार की बागी प्रदीप को बनाया प्रत्याशी
पिछली बार प्रदीप खटीक ने कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में ताल ठोक कर के 10 हजार से अधिक वोट कबाड़े थे। वही हरिशंकर के भाजपा में चले जाने के बाद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भगवान दास चौधरी हटा से कांग्रेस टिकट के सबसे बड़े दावेदार के तौर पर उभरी थे। लेकिन इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पुराने कांग्रेसियों से अधिक बागियों पर भरोसा जताने जैसे हालात के चलते हटा से पुराने बागी प्रदीप खटीक तथा पथरिया से पुराने बागी राव बृजेंद्र सिंह को पार्टी प्रत्याशी बना दिया गया।
हटा से प्रदीप को टिकट के बाद भगवान दास बसपा में गए
हटा से प्रदीप खटीक को कांग्रेस टिकट मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भगवान दास चौधरी जहां कांग्रेस से इस्तीफा देकर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो चुके हैं वहीं बहुजन समाज पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी भी बना दिए गए हैं।
आज उनके द्वारा कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया गया। इस दौरान बसपा के जिलाध्यक्ष सहित भाजपा नेता आलोक अहरवार की उपस्थिति रही है। हालांकि आलोक की तरफ से अभी भाजपा छोड़ने के कोई संकेत नहीं मिले हैं लेकिन वह समाज के प्रत्याशी के साथ नजर आ रहै है। ऐसे में भाजपा की प्रत्याशी उमा देवी खटीक की मुश्किल बढ़ सकती है। उनकी सजातीय वोटो में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप खटीक भी सेंध लगा रहे हैं। पूर्व विधायक पीएल तंतुबाय तथा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण की नाराजगी के चलते उनके समर्थकों का साथ भी बसपा प्रत्याशी भगवान दास चौधरी को मिल सकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में भगवान दास सबसे आगे निकल जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।
कल जबेरा जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि ने छोड़ी थी भाजपा
दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र से कल भाजपा को बड़ा झटका लग चुका है। जबेरा क्षेत्र से भाजपा टिकट की दावेदारी करने वाले समाजसेवी विनोद राय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बसपा के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में अब जबेरा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने वाले हैं।भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और जबेरा जनपद पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि विनोद राय ने कल अपने समर्थकों के साथ भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद तुरन्त ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का दामन थाम लिया था।
वह जबेरा विधानसभा क्षेत्र से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा कांग्रेस के समीकरण को प्रभावित करेंगे। उल्लेखनीय की विनोद राय के द्वारा भाजपा से जबेरा क्षेत्र से विधानसभा टिकट की लगातार दावेदारी की जा रही थी। भोपाल से दिल्ली तक उनका नाम चल रहा था। लेकिन विधायक धर्मेंद्र सिंह के नाम पर पार्टी ने फिर से मोहर लगा दी। इसके बाद विनोद की भाजपा छोड़ने की अटकले चल रही थी। इधर बसपा ने उनको अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था ।
गोंगपा बसपा उमीदवार के रूप में जबेरा से लड़ेंगे चुनाव
लेकिन जबेरा विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी समाज के वोटरों की संख्या को ध्यान में रखकर श्री राय ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का दामन थामते हुए गोंगपा बसपा प्रत्याशी के रूप में मुकाबले को रोचक बनाने कमर कस ली है। उल्लेखनीय की जबेरा विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी वर्ग के अलावा राय समाज के लोग भी काफी संख्या में है वही गरीब पिछड़े वर्ग में भी श्री राय की अच्छी पकड़ है ऐसे में वह भाजपा कांग्रेस की नींद उड़ाने का काम नामांकन दाखिले के साथ ही शुरू कर सकते हैं।
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