अब दमोह में भी होगा दमोह फिल्म फेस्टिवल..
दमोह।
कहते हैं इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता बुंदेलखंड में बुंदेली फिल्म
इंडस्ट्रीज की स्थापना को लेकर लगातार प्रयासरत दमोह के युवा और बॉलीवुड
में बतौर सिनेमैटोग्राफर कार्य कर रहे हरीश पटेल लगातार प्रयासरत है मुंबई
के अपने कार्यों के साथ-साथ दमोह जिले में कई शॉर्ट फिल्मों व
डॉक्यूमेंट्री फिल्मों को बनाकर उन्होंने बड़े-बड़े फिल्म फेस्टिवलो के मंच
तक उसका प्रदर्शन करवा कर अनेक पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं उनके अथक
परिश्रम के फल स्वरुप फेस्टिवल के आयोजकों का ध्यान दमोह क्षेत्र की ओर
आकर्षित हुआ है साथ ही कई फेस्टिवल के आयोजक आकर उनसे संपर्क भी करने लगे
हैं जिनमें सर्वप्रथम महाकौशल फिल्म फेस्टिवल जबलपुर की आयोजन समिति ने
यहां आकर उनसे मीटिंग की थी और न सिर्फ दमोह की फिल्मों को अपने फिल्म
फेस्टिवल में स्थान दिया बल्कि उन्हें अवार्ड श्रेणी में भी शामिल करके
पुरस्कृत किया था अपने इसी प्रयासों के चलते हरीश पटेल दमोह में ही अब
फिल्म फेस्टिवल के आयोजन की रूपरेखा पर कार्य कर रहे हैं..
फेस्टिवल के आयोजन
से दमोह भी उन शहरों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जहां फेस्टिवल का आयोजन
बड़ी-बड़ी फिल्म हस्तियों और फिल्म कारों की मौजूदगी में संपन्न होता है और
यकीनन दमोह जिले को फिल्म क्षेत्र में एक नई पहचान भी मिलेगी हरीश कहते
हैं कि उन्होंने इसकी रूपरेखा पर कार्य करना कोरोना काल से ही शुरु कर दिया
था पर किसी कारण बस अब इसको 2024 में आयोजित करने की दिशा पर कार्य चल रहा
है इस संबंध में कई फिल्म फेस्टिवल के आयोजकों के साथ उनकी लगातार मीटिंग
चल रही है साथ ही दमोह के सबसे प्रसिद्ध और धार्मिक क्षेत्र बांदकपुर धाम
पर स्वयंभू श्री जागेश्वर नाथ के नाम से डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर भी कार्य
चल रहा है दमोह के लिए गौरव का विषय है कि शार्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के
माध्यम से हरीश ने दमो का नाम फिल्म क्षेत्र में अग्रणी कर दिया है और अब
दमोह फिल्म फेस्टिवल की संपन्नता से दमोह को एक नई पहचान मिलेगी..
हरीश कहते
हैं मेरी कोशिश मध्यप्रदेश फिल्म इंडस्ट्रीज की स्थापना को लेकर है जहां
पर हम अपनी बुंदेली भाषा की सभ्यता संस्कृति परंपरा के साथ सामाजिक और
पारिवारिक फिल्मों का निर्माण कर सकें और यहां के लोगों को एक प्लेटफार्म
दिला सकें इन फिल्मों की शुरुआत से दमोह व पूरे मध्यप्रदेश को विश्व के
सिनमा जगत मे स्थान मिलेगा इसी प्रयासों के लिए हम जागेश्वर नाथ पर बन रही
डॉक्यूमेंट्री फिल्म मे मुंबई से फिल्म कैमरा सेटअप बुलाकर उस पर कार्य कर
रहे हैं हम हमारे धार्मिक क्षेत्रों को भी विश्व पटल पर लाने की कोशिश कर
रहे हैं साथ ही यहाॅ के तीज त्योहारों को फिल्मों के माध्यम से दिखाकर
विलुप्त होती परंपराओं को उजागर भी करना चाहते है हाल ही में उनके द्वारा
बनाई गई स्मार्ट गांव पर आधारित ये गांव मेरा डॉक्यूमेंट्री फिल्म का
प्रदर्शन कई फिल्म फेस्टिवल में हुआ और वहां पर पुरस्कार भी प्राप्त किए
जिससे उनकी टीम उत्साहित होकर पूरी ऊर्जा और एकाग्रता के साथ कार्य कर रहे
हैं..
अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच का धरना प्रदर्शन
दमोह। अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच दमोह द्वारा आज स्थानीय कोआपरेटिव बैंक चौराहे पर एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने के लिये सांकेतिक धरना दिया गया जिसमें म.प्र. शासन द्वारा अधिवक्ताओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिये अधिवक्ताओं के हित में एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने के लिये ध्यान आकर्षण कराया गया। अधिवक्ताओं की यह मांग शासन से लम्बे समय से चल रही है। प्रत्येक अधिवक्ता चाहता है कि उनकी सुरक्षा हेतु एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट शासन द्वारा लागू किया जावे किन्तु म.प्र. शासन द्वारा अधिवक्ताओं की यह मांग पूरी नहीं की जा रही है एवं अधिवक्ताओं में शासन के प्रति रोष व्यापत है और अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच भारत द्वारा शासन को चेतावनी भी दी गई कि यदि अधिवक्ताओं के लिये शासन द्वारा एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं किया गया तो म.प्र. शासन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होगे। इसी तारतम्य में एक ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन के नाम प्रेषित किया गया जिसमें एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की गई उक्त ज्ञापन शासन की ओर से सुश्री पाण्डे नायब तहसीलदार महोदया द्वारा धरना स्थल पर आकर लिया गया..
दमोह। अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच दमोह द्वारा आज स्थानीय कोआपरेटिव बैंक चौराहे पर एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने के लिये सांकेतिक धरना दिया गया जिसमें म.प्र. शासन द्वारा अधिवक्ताओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिये अधिवक्ताओं के हित में एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने के लिये ध्यान आकर्षण कराया गया। अधिवक्ताओं की यह मांग शासन से लम्बे समय से चल रही है। प्रत्येक अधिवक्ता चाहता है कि उनकी सुरक्षा हेतु एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट शासन द्वारा लागू किया जावे किन्तु म.प्र. शासन द्वारा अधिवक्ताओं की यह मांग पूरी नहीं की जा रही है एवं अधिवक्ताओं में शासन के प्रति रोष व्यापत है और अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच भारत द्वारा शासन को चेतावनी भी दी गई कि यदि अधिवक्ताओं के लिये शासन द्वारा एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं किया गया तो म.प्र. शासन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होगे। इसी तारतम्य में एक ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन के नाम प्रेषित किया गया जिसमें एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की गई उक्त ज्ञापन शासन की ओर से सुश्री पाण्डे नायब तहसीलदार महोदया द्वारा धरना स्थल पर आकर लिया गया..
इसके पूर्व
धरना स्थल पर मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव एडव्होकेट,
प्रदेश महामंत्री तरूण पटेल एडव्होकेट, राष्ट्रीय सचिव युवा प्रकोष्ठ मनोज
नागदेव एडव्होकेट, जिला अध्यक्ष सुधीर पाण्डे एडव्होकेट उपा. रविकांत ठाकुर
एडव्होकेट, महामंत्री सौरभ अयाची, युवा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष कपिल सिंह
हजारी, जिला प्रभारी एम.पी. चौरसिया आदि ने मंच से सम्बोधित किया.. दमोह
विधायक अजय टंडन भी अधिवक्ताओं के बीच उपस्थित होकर उनकी जायज मांगों का
समर्थन किया एवं अपनी ओर से अधिवक्ताओं की मांग विधानसभा में उठाने का
आश्वासन दिया। इस अवसर पर पंकज खरे एडव्होकेट, प्रशांत सिंह हजारी, प्रमेश
सीरोठिया, करीम खान, नितिन मिश्रा वी.सी. खरे, धीरज शुक्ला, युनुस मकरनी,
विकल्प जैन, कौशलेन्द्र पाण्डे, आशीष नाकड़ा, देवेन्द्र प्रजापति, के.के.
श्रीवास्तव, राजेन्द्र सेन, आशीष तिवारी, शाहिद खान, इरसाद खान, फीरोज खान,
शिवशंकर राय, गजाधर पटेल, आकाश जैन, अखलेश सेन, जयपाल यादव, मनोज सोनी,
अवनीश जैन, भारत सिंह लोधी, राज पाठक, अनरथ सिंह ठाकुर के अलावा महिला
प्रकोष्ठ की ओर से सुश्री दीपा मिश्रा एवं जिलाध्यक्ष सुश्री मंजूषा चौबे
के अलावा सैकडो अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन 09 सितम्बर को
दमोह। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत प्रिंसिपल जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेणुका कंचन के मार्गदर्शन में 09 सितम्बर 2023 दिन शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। इसके अंतर्गत जिला न्यायालय दमोह तथा तहसील न्यायालय हटाए पथरिया व तेंदूखेड़ा में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगाए जिसमें न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य आपराधिकए सिविलए मोटर दुर्घटना दावाए निगोशिएबिल इंस्टूमेन्ट एक्ट के अंतर्गत चैक बाउन्स प्रकरण बैंक वसूली प्रकरण वैवाहिक प्रकरण विद्युत एवं जलकर संबंधी प्रकरण के साथ.साथ विद्युत.जलकर बैंक वसूली से संबंधित प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति एवं राजीनामा के आधार पर किया जायेगा।
जिला न्यायाधीश सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बुज पाण्डेय ने बताया नेशनल लोक अदालत में विद्युत एवं नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा छूट प्रदान करने के आदेश जारी किये जा चुके हैं जो केवल नेशनल लोक अदालत दिवस के लिये ही प्रभावी रहेंगें। इसके साथ ही मोटर दावा दुर्घटना के प्रकरणों के निराकरण के संबंध में बीमा कंपनियों के साथ प्रीसिटिंग की जाकर सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया ने नेशनल लोक अदालत में समस्त पक्षकारों से अपने.अपने प्रकरणों का आपसी सहमति एवं सुलह के आधार पर निराकरण कराये जाने हेतु आग्रह किया है।
दमोह। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत प्रिंसिपल जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेणुका कंचन के मार्गदर्शन में 09 सितम्बर 2023 दिन शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। इसके अंतर्गत जिला न्यायालय दमोह तथा तहसील न्यायालय हटाए पथरिया व तेंदूखेड़ा में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगाए जिसमें न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य आपराधिकए सिविलए मोटर दुर्घटना दावाए निगोशिएबिल इंस्टूमेन्ट एक्ट के अंतर्गत चैक बाउन्स प्रकरण बैंक वसूली प्रकरण वैवाहिक प्रकरण विद्युत एवं जलकर संबंधी प्रकरण के साथ.साथ विद्युत.जलकर बैंक वसूली से संबंधित प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति एवं राजीनामा के आधार पर किया जायेगा।
जिला न्यायाधीश सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बुज पाण्डेय ने बताया नेशनल लोक अदालत में विद्युत एवं नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा छूट प्रदान करने के आदेश जारी किये जा चुके हैं जो केवल नेशनल लोक अदालत दिवस के लिये ही प्रभावी रहेंगें। इसके साथ ही मोटर दावा दुर्घटना के प्रकरणों के निराकरण के संबंध में बीमा कंपनियों के साथ प्रीसिटिंग की जाकर सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया ने नेशनल लोक अदालत में समस्त पक्षकारों से अपने.अपने प्रकरणों का आपसी सहमति एवं सुलह के आधार पर निराकरण कराये जाने हेतु आग्रह किया है।
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