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रिश्वत मांगने वाले एएसआई को 03/04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 8000 रु के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया.. 6 साल पहले लोकायुक्त सागर ने पकड़ा था रंगे हाथों.. आपराधिक केस हल्का करने एवं जमानत पर छोड़ने के ऐवज में मांगी थी रिश्वत..

 रिश्वत मांगने वाले एएसआई को न्यायालय ने सुनाई सजा

दमोह। न्यायालय  विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, श्रीमती डॉ. आरती शुक्‍ला पाण्‍डेय दमोह अदालत ने आरोपी ओमकार सिंह ठाकुर तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक थाना पटेरा को दोषसिद्ध पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 13(1)(घ) सहपाठित 13(2) मे 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 8000 रुपये अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया।
अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक अनंत सिंह ठाकुर द्वारा जिला अभियोजन अधिकारी महेंद्र कुमार चतुर्वेदी के निर्देशन में की गई, जिसमें सहायक ग्रेड तीन श्री विनय नामदेव द्वारा समय-समय पर सहयोग किया गया. उन्होंने बताया कि दिनांक 1 सितंबर 2017 को आवेदक ओंकार उर्फ रामकिशुन पटेल पिता जगमोहन पटैल निवासी ग्राम रामगढा थाना पटेरा  ने अनावेदक ओमकार सिंह ठाकुर, तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक थाना पटेरा के विरुद्ध एक शिकायत पत्र रिश्वत मांग संबंधी  पुलिस अधीक्षक  लोकायुक्त सागर के समक्ष प्रस्तुत किया था कि दिनांक 31 अगस्त 17 को थाना पटेरा में पदस्थ ओमकार ठाकुर सहायक उप निरीक्षक थाना पटेरा जिला दमोह मेरे घर ग्राम रमगढ़ा में ओंकार मुझसे कहने लगे कि तुम्हारे खिलाफ थाने में फरियादी रामबाई काछी नि. अधियारा बगीचा के द्वारा छेडछाड की रिपोर्ट की गई है, तुम्हे टीआई साहब ने थाने में बुलाया है, तब मेरे द्वारा कहा गया कि मैं फरियादी को नहीं जानता हूँ और न ही उससे कोई बातचीत है, उसने मेरी झूठी रिपोर्ट करवाई गई है. अनावेदक द्वारा केस हल्का करने व जमानत पर छोड़ने के ऐवज में 10000 रूपये की मांग की जा रही है. अनावेदक द्वारा 1000 रूप्ये तुरंत ले लिये है, बाकी रूप्ये एक-दो दिन में लेने की कहकर मुझे छोड़कर चले गये है. आवेदक, अनावेदक को रिश्वत नहीं देना चाहता है, बल्कि उसे रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़वाना चाहता है।
 प्रस्तुत शिकायत के सत्यापन हेतु लोकायुक्त पुलिस द्वारा आवेदक को एक डिजिटल वॉयस रिकॉर्डर जारी किया गया, जिस पर आवेदक द्वारा रिश्वत मांग बातचीत रिकॉर्ड की गई। मांगवार्ता के दौरान अनावेदक द्वारा 2,000/- रूपये तत्समय ही आवेदक से ले लिये तथा 5000 रुपये और देने को कहा। उक्त तस्दीकोपरांत दिनांक 5 सितंबर 17 को ट्रेप का आयोजन किया गया. रिश्वत दी जाने वाली राशि 5000 रुपए दिए जाने हेतु आवेदक ने आवेदन पत्र प्रस्तुत किया. आरोपी के द्वारा रिश्वत मांग किया जाना प्रथमदृष्टया पाए जाने पर एवं आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के आधार पर आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, ट्रैप कार्यवाही के दौरान लोकायुक्त पुलिस के द्वारा आरोपी से रिश्वत राशि 5000 रुपये बरामद की गई. समस्त कार्यवाही एवम विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दमोह के समक्ष प्रस्तुत किया गया. मामला न्यायालय में आने के बाद दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य व अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्को से सहमत होकर न्यायालय द्वारा दिनांक 29 सितंबर 2023 को पारित निर्णय में आरोपी ओमकार सिंह ठाकुर, तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक को दोषसिद्ध पाते भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 13(1)(घ) सहपाठित 13(2) मे 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 8000 रु. अर्थदण्‍ड़ से दण्डित किया गया।

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