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सेंट्रल जीएसटी के दफ्तर में गजब रिश्वतखोरी का भंडाफोड़.. एक करोड़ की रिश्वत की मांग करने वाले डिप्टी कमिश्नर सात लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए.. इधर करोड़ो की GST चोरी मामले में सील की गई नोहटा KGH गुटखा फेक्ट्री के संचालको पर कारवाही का इंतजार..

सात लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए डिप्टी कमिश्नर

जबलपुर। जीएसटी के नाम पर बड़े कारोबारी और विभाग के अधिकारी किस तरह से शासन को लाखों करोड़ों का चूना लगाते हैं इसका अंदाजा जबलपुर के सेंट्रल जीएसटी के ऑफिस में सीबीआई की छापामार कार्यवाही के बाद सामने आए हालात से लगाया जा सकता है। 

 पिछले महीने सेन्ट्रल जीएसटी की टीम ने दमोह जिले के नोहटा में कोरोना काल से संचालित KGH ग्रुप के बीड़ी गुटखा मसाला कारखाने पर रातो रात छापामार कार्रवाई करते करोड़ों की जीएसटी चोरी को पकड़ा था। फैक्ट्री को सील करके यह अधिकारी जांच के नाम पर कुछ दस्तावेज अपने साथ लेकर चलते बने थे। 18/19 मई 2023 को हुई इस कार्यवाही के तीन-चार दिन बाद तक जब जीएसटी जबलपुर द्वारा उपरोक्त मामले में केजीएच ग्रुप के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही की जानकारी नहीं दी गई थी।
Atal न्यूज़ 24 ने जबलपुर जीएसटी टीम में शामिल अधिकारी प्रमोद पांडे से मोबाइल पर संपर्क करके कार्रवाई के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर गुमराह करने की कोशिश की। बाद में इस मामले के जांच अधिकारी डिप्टी कमिश्नर कपिल कांबले से अनेक वार संपर्क करके जांच कार्रवाई के संदर्भ में बात करने की कोशिश की गई। 
लेकिन उनके द्वारा एक बार मोबाइल रिसीव करना जरूरी नहीं समझा गया। इधर केजीएच ग्रुप के संचालक त्रिलोक चंद्र सेन से भी उनका पक्ष जानने के लिए Atal न्यूज़ 24 ने मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने भी मोबाइल रिसीव नहीं किया। जिससे तभी साफ हो गया था कि मामले में लेनदेन की खिचड़ी पक रही है।
इधर 4 दिन पहले नोहटा ग्राम में केजीएच ग्रुप से जुड़े कुछ दलाल नुमा तत्वों के इशारे पर कुछ मजदूर नुमा महिलाएं व लोगो ने एकत्रित होकर स्थानीय विधायक को थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर अपनी रोजी-रोटी के संकट की कहानी सुनाई थी। जबकि इसमें से अधिकांश लोग पूर्व में कभी इस फैक्ट्री में काम करते नहीं देखे गए थे। ना ही श्रम विभाग के रिकॉर्ड में इनके नाम फैक्ट्री के वर्कर के तौर पर दर्ज थे। लेकिन जीएसटी द्वारा सील की गई फैक्ट्री को चालू कराने की मांग को लेकर दिए गए ज्ञापन आवेदन से यह साफ लगने लगा था कि फैक्ट्री संचालकों के दिमाग में कुछ अलग खिचड़ी पक रही है तभी तो फैक्ट्री की सील खुले बिना ही उसे चालू कराने की मांग करने तथाकथित दलाल सक्रिय हो गए हैं।
13 जून 2023 को जबलपुर के सेंट्रल जीएसटी कार्यालय में सीबीआई की रेड पड़ने के साथ सीजीएसटी कपिल कांबले के सात लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े जाने की खबर सामने आई। रिश्वत की रकम केजीएच ग्रुप के हेड त्रिलोक चंद सेन से ली गई थी। इसी के साथ श्री सेन का मीडिया में बयान भी सामने आया जिसमें नोह्टा में 19 मई को जीएसटी अधिकारियों द्वारा सील की गई गुटखा फैक्ट्री मामले को रफा-दफा करने के बदले में सीजीएसटी कपिल काम्बले द्वारा एक करोड़ रुपए की रिश्वत की मांग की जानकारी दी गई। 
45 लाख में सौदा तय हो जाने के बाद  इसमे से सिर्फ 10 लाख ही शासन के खाते में जाने वाले थे शेष 35 लाख का हिस्सा वांट जीएसटी के अधिकारियों के बीच में होना था। जिसमे 25 लाख पहले दे चुके थे वही इसके बाद सीबीआई में शिकायत व बातचीत की मोबाइल रिकॉर्डिंग पेश करके 7 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथों डिप्टी कमिश्नर को पकड़ वाया गया। इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ हो गई है कि जीएसटी के नाम पर शासन को चूना लगाने के मामले में ना कारोबारी चूक रहे थे और न विभाग के अधिकारी। 
यह बात अलग है कि पाप का घड़ा भरने के बाद फूटने में देर नहीं लगती की कहावत यहां भी चरितार्थ हो गई । जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर के रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद केजीएच ग्रुप द्वारा कोरोना काल से नोहटा में संचालित गुटखा फैक्ट्री की आड़ में हो रही जीएसटी चोरी का अपराध कम नहीं हो जाता। इनके खिलाफ भी बराबर की कार्यवाही  की जाना चाहिए।
क्योंकि जब जांच के दौरान अधिकारियों ने एक करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी थी तथा 45 लाख में सौदा तय हुआ था तो टैक्स चोरी का मामला कितना बड़ा था आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। फैक्ट्री के अंदर क्या कुछ निर्माण होता था तथा उसकी पूरी रिकॉर्डिंग जीएसटी के अधिकारी करा कर अपने साथ ले गए थे। ऐसे में कहा जा सकता है कि डिप्टी कमिश्नर की रिश्वत लेते पकड़े जाने से केजीएस ग्रुप की टैक्स चोरी का अपराध कम नहीं हो जाता। पिक्चर अभी बाकी है

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