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आवासीय क्षेत्र में अहाते संचालन, अवैध व्यवसाय गतिविधियों पर रोक लगाने कलेक्टर एसपी से मांग.. इधर गांव के छात्र ने इंदौर भागकर रची खुद के अजब अपहरण की गजब कहानी.. परिजनों से फिरोती की रकम बसूलने की कोशिश का पर्दाफाश..

आवासीय क्षेत्र में अवैध व्यवसाय पर रोक लगाने की मांग
मोह शहर के अनेक क्षेत्रों में वर्तमान में आवासीय क्षेत्रों में भी व्यवसाय रूप से कार्य करते हुए अवैध गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इसी क्रम में दमोह नगर के सिविल वार्ड नंबर 8 में एसबीआई की ब्रांच के बाजू से जाने वाले मार्ग के समीप आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक रूप से गतिविधियां संचालित कर अवैध व्यवसाय कार्य किए जा रहे हैं। जिस कारण से आसपास के निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में पूर्व में भी शिकायत किए जाने के बाद भी अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं किए जाने से वार्ड वासियों में रोष व्याप्त है।

इस संबंध में वार्ड वासियों ने कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत की है। शिकायत में बताया गया है कि सिविल वार्ड नंबर 8 में स्टेशन रोड से बस स्टैंड की ओर जाने वाली मार्ग से स्टेट बैंक की इंदौर ब्रांच के बाजू से जाने वाले मार्ग पर आवासीय क्षेत्र में अवैध रूप से एवं बिना विकास अनुज्ञा स्वीकृति के व्यवसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। और इसमें प्रमुख रूप से 1 अप्रैल से शासन द्वारा अहाते बंद कर दिए जाने के कारण यहां पर कुछ लोगों द्वारा शराब पीकर भी अवैध गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिस कारण से वार्ड वासियों को एवं आने जाने वाले लोगों को जिसमें विशेषकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वार्ड वासियों ने इस संबंध में शीघ्र ही कार्यवाही की प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है। मांग करने वालों में प्रमुख रूप से अनुज टंडन उमेश सोनी नितेश सोनी सोमिल शर्मा बीजू पटेल पंकज श्रीवास्तव राहुल श्रीवास्तव आदि प्रमुख हैं।

अनोखा अपहरण कांड, युवक ने स्वयं रची साजिश..

दमोह। अभिभावकों का बच्चो के प्रति प्रेम और उन्हें मिली छूट माता पिता के लिए ही नही बल्कि किसी के लिए भी घातक साबित हो सकती है, इस आधुनिक दौर में मोबाइल और टेक्नोलॉजी से रूबरू होकर बच्चे आगे ही नही बढ़ रहे बल्कि साइबर क्राइम और शातिर तरीके से अपराधो में संलिप्त भी हो रहे है, आज का यह मामला हैरत में डाल देने वाला है, उक्ताशय की बात हटा एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह ने पुलिस थाना हटा में आयोजित हुई प्रेस वार्ता में कही.
यह था मामला.. एसडीओपी श्री सिंह ने घटना क्रम से पर्दा उठाते हुए बताया कि प्रार्थी वृन्दावन पिता मोतीलाल पटेल उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम कुलुआ कला ने थाना हटा में रिपोर्ट लेख कराई कि मेरा लड़का सौरभ पटेल दिनांक 14 मई 2023 को गाँव के रामहित पटेल से साथ उसकी मोटरसाईकिल से हटा सामान खरीदने की कहकर आया था. जो उसने खचना तिराहा हटा पर रामहित पटेल को रोक कर मोटरसाईकिल से उतर गया और रामहित को गाँव भेज दिया. उससे कहा कि वह काम करके अपने घर पहुंच जायेगा, जो सौरभ पटेल रात भर घर नहीं आया है. जिसकी तलाश गाँव में तथा हटा में आकर किया एवं रिस्तेदारी में पता किया, जो सौरभ का कोई पता नहीं चला. सौरभ अपने साथ मोबाईल नंबर ले गया है, जो बन्द आ रहा है. प्रार्थी की रिपोर्ट पर से गुम इंसान क्र. 36/ 2023 पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया.

तलाश में जुटी पुलिस,4 दिन चला ड्रामा..हटा पुलिस नगर निरीक्षक मनीष मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम को  गुमशुदा की तलाश के दौरान परिजनो ने बताया कि सौरभ पटेल ने घर के कई सदस्यों को पिछले कुछ दिनो से बताया था कि उसका एक स्कूल का दोस्त दिवाकर अवस्थी, जो अब मुम्बई में रहता है. जिसके माता पिता खत्म हो गये है और उसकी मुम्बई मे कई फैक्ट्रीया चल रही है, जो कुछ ही समय में बहुत बड़ा आदमी बन गया है, उसके घर पर ईडी का छापा पड़ा है इसलिये उसके पीछे पुलिस पड़ी हुई है, वो मुझसे मिलने घर आ रहा है. उसे दमोह रेल्वे स्टेशन से घर तक लाने जाने पडेगा . इसके बाद दिनाँक 14 मई 2023 को शाम के समय सौरभ घर से बिना बताये कही चला गया.15 मई 20 23 को दिवाकर अवस्थी की व्हाट्सएप आईडी जिसमे मोबाईल नंबर +1 (386) 866-8131 लिखा आ रहा था, जिससे सौरभ पटेल के मामा हर्षित पटैल के व्हाट्सएप नंबर पर सुबह से मैसेज आना चालू हुए. जिसमे गुमशुदा सौरभ को छतरपुर मे होना बताया एवं स्वयं के पीछे इनकम टैक्स व सीबीआई के द्वारा 02 साल तक कही आने जाने से मना करना बताया और सौरभ को 03 व्यक्तियो द्वारा पकड़े जाने की बात कही एवं उनके पास पिस्टल भी होना बताया और सौरभ को पैर मे चाकू मार देना और सौरभ के पिता वृंदावन को देखते ही गोली मार देना आदि मेसेज आये और गुमशुदा के परिजनो व्दारा गुमशुदा की तलाश हेतु छतरपुर मे बताये स्थान पर पहुचने पर कोई व्यक्ति नही मिला.पुलिस द्वारा गुमशुदा की स्कूल केशव पब्लिक स्कूल मे जाकर दिवाकर अवस्थी के संबंध मे जानकारी लेने पर पाया की उक्त दिवाकर नाम का लडका लुहारी मे रहता है, जो दिवाकर अवस्थी को तलब किया, जो अपने पिता श्रीराम अवस्थी के साथ थाना उपस्थित आया, जिससे पूछताछ करने पर सौरभ पटेल का उसके साथ चार साल पहले पढ़ना फिर उसके द्वारा लुहारी मे स्कूल में नाम लिखा लेना बताया गया. सौरभ पटैल से कोई संबंध ना होना बताया. 
बाद दिनांक 16 मई 2023 को परिजनों द्वारा बताया गया कि गुमशुदा सौरभ पटेल के मोबाईल नंबर से सुबह करीब 07 बजे किसी अनजान व्यक्ति द्वारा कॉल कर बताया कि एक लड़का लखनऊ के पास सीतापुर मे जगंल के पास चोटिल अवस्था में रोड किनारे पड़ा था, जिसके मोबाईल में आपका नंबर था तो मैने आपको फोन करके बता दिये है. इसके कुछ समय बाद उसी नंबर से फोन आया कि उस लड़के को मैने हॉस्पीटल में भर्ती कर दिया है, मुझे काम पर जाना है, जिसके इलाज के लिये आप पैसे भिजवा दो, जो उक्त नंबर के संबंध में जानकारी लेने पर जानकारी प्राप्त हुई कि वह नंबर इंदौर शहर मे चल रहा है और जो जानकारिया अब तक गुमशुदा के परिजनों को मिल रही थी. वह सभी असत्य व संदेहास्पद पाई जाने से गुमशुदा की तलाश हेतु पुलिस टीम दो परिजनो को साथ लेकर 16 मई 2023 को इंदौर के लिये रवाना की गई.जो इंदौर शहर में गुमशुदा की लगातार तलाश पुलिस टीम द्वारा की गई. इस दौरान दिनांक 17 मई 2023 को दोपहर में गुमशुदा सौरभ पटेल के मोबाइल बंद हो
गये और उसने सारे संपर्क करना बंद कर दिये और कुछ देर बाद गुमशुदा स्वयं थाना बाणगंगा इंदौर पहुच गया और थाना बाणगंगा की पुलिस से थाना हटा पुलिस टीम को को फोन करवा कर अपने थाना वाणगंगा पहुचने की सूचना दिलाया. जो हटा पुलिस टीम के द्वारा गुमशुदा सौरभ को दस्तयाब कर वापस थाना हटा दिनाँक 18 मई 2023 को आई.
क्यों रची अपहरण की कहानी.. पुलिस एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि गुमशुदा सौरभ पटैल से पूछताछ करने पर उसने सारी घटना बताई। पुलिस द्वारा गुमशुदा सौरभ पटेल की जाँच दौरान पाया गया कि सौरभ पटेल के उपर उसके दोस्तों का कर्जा था, जिसे चुकाने के लिये वह अपने पिता व रिश्तेदारो से पैसे लेना चाहता था, इसके लिये सौरभ ने पहले अपने परिजनो को दिवाकर अवस्थी के संबंध मे मनगडन्त बाते बताकर उसकी अपराधी वाली छवी तैयार की. इसके बाद यू ट्यूब के माध्यम से सीखी गई सायवर हैकिंग का उपयोग कर दिवाकर अवस्थी की व्हाट्सएप आईडी तैयार कर उस आईडी से घरवालो को अपने बीमार होने, अपहरण होने, परेशानी में होने की बाते बताकर बाद अपने एक साथी दीपक पाल की मदद से फोन से अपने अपहरण होने की मनगडन्त कहाँनी सुनाकर अपने पिता व रिश्तेदारो से पैसे मांगने का प्रयास किया. जो परिजनो द्वारा पैसे ना देकर पुलिस से संपर्क किया और पुलिस द्वारा सौरभ पटेल की इंदौर में तलाश करने के दौरान सौरभ पटेल को यह पता चलने लगा कि पुलिस को उसकी असलियत पता चल गई है तो उसने अपने फोन आदि बंद कर थाना वाणगंगा जिला इंदौर मे समर्पण कर दिया.
 सौरभ पटेल अपने परिजनो से पैसा एठने के उदेश्य से स्वंय अपने अपहरण की योजना बनाई परन्तु सौरभ के परिजनो ने सैयम और धैर्य का परिचय देते हुए तुरंत ही पुलिस को सूचित कर दिया. पुलिस ने परिजनो की रिपोर्ट पर गुमइसान की कायमी की और तत्परता से सौरभ की तलाश में जुटी रही. परिजनो ने भी तेजी से बदलते घटनाक्रम की मिनट टू मिनट जानकारी पुलिस को शेयर करते रहे. परिजनो की समझदारी, धैर्य, सैयम एवं पुलिस कार्यवाही पर विश्वास करने के कारण ही सौरभ की सकुशल दस्तयाबी संभव हो सकी. इस पूरे मामले से पर्दा उठने के बाद पुलिस के द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है. वहीं एसडीओपी श्री सिंह ने अपनी और से बच्चो के परिजनों से अपील करते हुए बताया कि बच्चे अपने ऐश ओ आराम के लिए अनर्गल गतिविधियों से जुड़े शौक पाल रहे है एवं इंटरनेट और अन्य माध्यमो के जरिये से अपराध की ओर अग्रसर हो रहे है, ऐसे में परिजनों का बच्चो के प्रति सतर्क होना बेहद जरूरी है, आज का यह मामला बेहद गंभीर था, आगे इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके, इस हेतु समस्त अभिभावकों को जिम्मेदारी से अपने बच्चो की निगरानी करनी होगी.
पुलिस टीम होगी सम्मानित..पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने भी अनुभिवागीय अधिकारी पुलिस वीरेन्द्र बहादुर सिंह, थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा, उनि नरेन्द्र तिवारी, उनि सौरभ शर्मा, सउनि सुनील मिंज, सउनि मनीष यादव, प्रआर 285 महेन्द्र रैकवार, प्र.आर. सौरभ टण्डन (सायवर सेल), प्र.आर. राकेश अठ्या (सायवर सेल), आर गौरव मिश्रा, आरक्षक नीरज नामदेव के प्रशंसा करते हुए उन्हें उचित पारितोषक एवं प्रशंसा पत्र देने की घोषण की है.

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