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समलैंगिक कानून के खिलाफ संस्कृति रक्षा मंच के तत्वाधान में जुटे सैकड़ों लोग.. धरना देकर एसडीएम को दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन.. इधर समान कार्य समान वेतन के आधार पर.. पटवारियों को 2000 में ग्रेड दिये जाने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा..

समलैंगिक विवाह मान्यता प्रयासों के विरोध में ज्ञापन

दमोह। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जबसे समलैंगिक विवाह को विधि मान्य करने की सुनवाई प्रक्रिया दैनिक आधार पर प्रारंभ हुई है, तभी से पूरे देश में, सर्व समाजों के बीच एक उद्वेलन की स्थिति बनी हुई है। दमोह नगर में भी यही प्रक्रिया देखने को मिली। गत दिवस लिए गए निर्णय के अनुसार आज अंबेडकर चौक पर एकत्रित होकर सभी संगठनों एवं समाजों के लोगों ने एक स्वर में समलैंगिक विवाह को विधि मान्य करने की प्रक्रिया के विरुद्ध असंतोष जताया। इस अवसर पर संस्कृति रक्षा मंच दमोह के संयोजक इंजीनियर अमर सिंह राजपूत ने बताया कि भारतीय परंपराओं में सभी जाति धर्मो और संप्रदायों के बीच विवाह की परंपरा दो जैविक स्त्री और पुरुषों के बीच मान्य किया गया है। इसी आधार पर सभी तरह के धार्मिक सामाजिक रीति रस्म और परंपराएं निर्धारित हुई हैं और यही हमारी संस्कृति का हिस्सा है, जो प्राकृतिक व्यवस्था पर आधारित है।
समलैंगिक विवाह नातो प्रकृति के अनुकूल है और ना ही किसी धर्म के अनुसार ।विभिन्न लोक संस्कृतियों में भी भिन्न भिन्न प्रथाओं और परंपराओं का चलन होने के बावजूद ,भारत में कहीं भी दो जैविक पुरुष पुरुष या जैविक स्त्री स्त्री के बीच वैवाहिक संबंधों को मान्यता नहीं है।यदि समान लिंग के दो जैविक व्यक्तियों के मध्य विवाह को मान्यता दी जाती है, तो परिवार की मूल इकाई,जो कि भारतीय संविधान द्वारा समाज में स्थापित की गई है,उसके उसके मापदंड और ताने-बाने सब विखर जाएंगे।जिससे समाज की संरचना में भविष्य में दूरगामी दुष्प्रभाव देखने मिलेंगे। इस अवसर पर जागरूक सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और व्यक्तियों ने, संस्कृति रक्षा मंच के तत्वाधान में हस्ताक्षर अभियान चलाकर माननीय महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर अनुरोध किया कि, न्यायपालिका के माध्यम से समाज की मान्यताओं, परंपराओं और उनकी व्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाला कोई कानून नहीं थोपा जा सकता है और यदि समलैंगिकों के अधिकारों के ही संरक्षण बात है तो यह विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है उस के ही माध्यम से इस तरह के प्रश्नों का हल ढूंढा जाना चाहिए। 
इस दौरान प्रमुख रूप से संस्कृति रक्षा मंच के जिला संयोजक इंजीनियर अमर सिंह राजपूत, कमलेश पटेल,आर.के.मिश्रा, एडवोकेट हरिश्चन्द्र पटेल, संतोष शर्मा, मनीष पुष्पराज शर्मा, राम पटेल, महेन्द्र ताम्रकार, नरोत्तम लाल चौरसिया, अभितेन्द्र राय, विक्रम साहु, अमित राय, सुनील ठाकुर, छूट्टू यादव, राहुल नायक, प्रेमशंकर वर्दिया, गोविन्द सेन, जितेन्द्र चर्तुवेदी, आदर्श बसेडिया, मदन सिंह राजपूत, धन सिंह राजपूत, अखलेश रजक, रघुवीर लोधी, राम तिवारी, कविता राय पार्षद, गरिम त्रिपाठी, सीमा जाट, रिया यादव अखलेन्द्र मालवीय, आदित्य सिरोठिया, गोपाल पटेल, प्रभु, बाबूलाल सेन, पंडित आशीष शर्मा, निक्की सेन, फैयाज खान, धर्मेंद्र सिंह वाधवा, रामकृष्ण पटेल, ऐ.पी.चांदोकर, आदित्य चौरसिया, मोंटी रैकवार, देवेन्द्र कुमार खरे, रिषभ जैन, राजेश जैन सन्मति, महेश मिश्रा, अजय खत्री, बबलू बेलकम, लाल जी राम पटेल, गजेन्द्र चौबे एडवोकेट, सुरेश साहू, प्रताप सिंग यादव, रवि ठाकुर, अखलेश कुमार सेन एडवोकेट, सुधीर जैन अध्यक्ष जैन पंचायत जैन, पद्यम चंद्र जैन जैन महापंचायत, गोपाल पटेल जिला महामंत्री भाजपा, डॉ.पी.एल.शर्मा पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, शिश विज्ञान सुशोभित, कमलेश असाटी, गंगाराम झारिया जिला संगठन मंत्री, वनवासी परिषद दमोह, रत्नेश चतुर्वेदी, राकेश सिंह हजारी अध्यक्ष जिलापूत क्षत्रीय सभा दमोह, सुधीर पाण्डे एडवोकेट, त्रिवेन्द्र सिंह राजपूत राजपूत युवा अध्यक्ष दमोह ,शैलेन्द्र सिंह परिहार, राजेन्द्र सिंग जोरतला, राम रैकवार, कमलेश विश्वकर्मा, कमलेश सेन, प्रमोद विश्वकर्मा, संजय गौतम, राजीव गोस्वामी, श्याम विश्वकर्मा, भोजरात नामदेव, रामकिशोर पाण्डे, मनोज देवलिया, जालम विश्वमकर्मा, निधि श्रीवास्तव,नीरज शर्मा,दीपक तिवारी, अब्दुल कईयुम खान, सौरभ कुमार, संदीप खरे, राजू पटेल, चंद्रभान पटेल, सुंदर सिंह ठाकुर, विधि सिंग ठाकुर, संजू शर्मा पटेरा, हरिश्चंद्र जी, दीपेश उपाध्याय, सुरेश नामदेव, सुधीर सपरे, धमेन्द्र सिंह जूदेव, नन्हे सिंह ठाकुर, नीरज असाटी,श्याम शिवहरे सहित बडी संख्या में सामाजिक राजनैतिक और गैराजनैतिक आम नागरिकों की बडी संख्या में मौजूदगी रही।
 
पटवारियों को 2000 में ग्रेड दिये जाने ज्ञापन सौपा..
दमोह। समान कार्य समान वेतन के आधार पर पटवारियों को 2000 में ग्रेड दिये जाने को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन कलेक्टर महोदय के द्वारा सौंपा गया। उपरोक्त विषय में पूरे मध्य प्रदेश में लगभग 1800 पटवारी पदस्थ/सेवारत होकर अपने संगठन मध्यप्रदेश पटवारी संघ भोपाल (शासन से मान्यता प्राप्त) के बैनर तले आपसे निम्नानुसार निवेदन करते हैं।
निवेदन है कि म.प्र. में पटवारीयों को वर्ष 1998 के वेतनमान के अनुसार ही वर्तमान वर्ष 2023 तक वेतन दिया जा रहा है, जिसमें की समय-समय पर गठित वेतन आयोग निर्धारण के पश्चात पटवारीयों के वेतन में बहुत बड़ी विसंगति विध्यमान हो गई, इस कारण से प्रदेश के पटवारीयों को गत 25 वर्ष से कम वेतनमान प्राप्त हो रहा है। इस विषय में म.प्र. पटवारी संघ के द्वारा लगातार म.प्र. शासन का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें समय-समय पर माननीय राजस्व मंत्री महोदय, माननीय रमेशचन्द्र शर्मा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी कल्याण समिति (राज्य मंत्री दर्जा) श्रीमान् प्रमुख सचिव महोदय राजस्व, श्रीमान् आयुक्त महोदय भू-अभिलेख को ज्ञापन प्रेषित किए जाते रहें है, साथ ही इस अवधि में श्रीमान का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए आन्दोलन भी किया गया, जो कि श्रीमान के द्वारा हड़ताली कर्मचारियों से चर्चा नहीं करने के निर्देश के बाद यथासमय स्थगित भी की गई इसके पश्चात पटवारी संघ ने अनेक बार माननीय श्रीमान से मिलने का समय चाहा जो नहीं मिला साथ ही माननीय श्रीमान विजय शाह मंत्री महोदय म.प्र. शासन से मा पटवारी संघ के खण्डवा सम्मेलन में तथा माननीय श्रीमान गोविन्द सिंह राजस्व मंत्री महोदय से सागर सम्मेलन में पटवारी संघ की मांगों के निराकरण हेतु निवेदन किया गया, साथ ही माननीय मुख्यमंत्री महोदय से संघ की लंबित मांगों के निराकरण हेतु चर्चा के लिए समय व मुलाकात तय करवाने हेतु भी निवेदन किया गया उसके पश्चात संघ के पदाधिकारियों कि और से अनेक बार माननीय मुख्यमंत्री जी के सचिवालय में भी संपर्क कर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय चाड़ा गया किंतु आज तक इस हेतु श्रीमान की ओर से कोई समय प्राप्त नहीं हुआ और ना हि पटवारी संघ की मांग के विषय में शासन की ओर से चर्चा का प्रस्ताव प्राप्त हुआ इसके विपरीत दिन-प्रतिदिन पटवारीयों के ऊपर स्वयं के निर्धारित कार्य के अतिरिक्त अन्य 58 विभागों के कार्यों का बोझ लादा जा रहा है. इस कारण से मप्र का प्रत्येक पटवारी बहुत ही आहत है।
इस ज्ञापन के माध्यम से श्रीमान को अवगत कराना चाहता है कि हाल ही में म.प्र. शासन ने म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 129 में संशोधन करते हुए सीमांकन का कार्य राजस्व निरिक्षक के साथ ही पटवारी के कर्तव्य में जोड़ दिया जो कि पटवारी के उपर कम वेतन में वरिष्ठ पद का कार्य करने का दायित्व सौंपा गया है। श्रीमान निवेदन है कि मप्र भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 129 के तहत सीमांकन का कर्तव्य एवं अधिकार राजस्व निरीक्षक का ही रहा है तथा प्रदेश में वर्तमान में आयुक्त महोदय भू अभिलेख ग्वालियर के निर्देशानुसार पूर्व परंपरा की रीति के मुताबिक जरीब से होने वाले सीमांकन पर प्रतिबंध लगाते हुए टेक्निकल मशीन ईटीएस व रोवर मशीन से किए जाने के निर्देश है. शासन ने इस हेतु पृथक से 500 राजस्व निरीक्षक जो कि उक्त तकनीक से योग्य है, को विशेष भर्ती अभियान चलाकर के पदत्व किया हुआ है, इसी से लगता है कि उक्त तकनीक के आधार पर सीमांकन तकनीकी योग्यता वाला व्यक्ति ही कर सकता है निवेदन है कि प्रदेश में कार्यरत पटवारी इस तकनीक को नहीं जानता है और ना ही प्रदेश के पटवारीयों को इस तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया है तथा ना ही प्रत्येक पटवारी को उक्त मशीन के साथ में चौनमेन व मशीन को लाने ले जाने के लिए संसाधन दिए गये है ऐसी दशा में प्रदेश के पटवारीयों से मप्र भू राजस्व संहिता 1950 की धारा 129 के तहत सीमांकन करवाया जाना पटवारीयों के साथ विधिसंगत नही होकर अन्याय होगा यह कि वर्तमान में पदस्य राजस्व निरीक्षकगणों के पास क्षेत्र में सीमांकन के अतिरिक्त नियमित रूप से अपने कर्तव्य का कोई भी कार्य नहीं है. ऐसी दशा में सीमांकन का कार्य भी उनके स्थान पर पटवारीयों से लिए जाने पर तहसील एवं जिले में राजस्व निरीक्षक के पद का कोई औचित्य शेष नहीं रहता है इसलिए मप्र पटवारी संघ निवेदन करता है कि प्रदेश में नियमित राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी के पद को समान मानते हुए पटवारीयों को समान कार्य समान वेतन की धारणा के तहत 2500 की पे ग्रेड का वेतनमान दिया जाये। श्रीमान निवेदन है कि कृपया अन्य पद एवं अन्य विभाग के कार्य नहीं सौंपने के साथ ही पटवारी की न्यायसंगत मांग 2800 में ग्रेड, वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन सहित समस्त माँगों को तत्काल पूर्ण कर आदेश प्रसारित करने की कृपा करे।
निवेदन है कि 2800 पे ग्रेड वेतनमान के आदेश के अभाव में एवं सीमांकन कार्य संसाधन / प्रशिक्षण नहीं होने एवं दो अलग-अलग आदेश विधिसंगत नहीं होने से मप्र पटवारी संघ के चौनर तले म.प्र. का प्रत्येक पटवारी धारा-129 के नवीन संशोधन के तहत सीमांकन के कार्य से विरत रहेगें। ज्ञापन देने वालों में कुंज बिहारी दुबे, शरद श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, विक्रम सोनी, तिलक राज यादव, अभिनंदन जैन, हरिओम सोनी, अर्जुन सिंह, बृजेश विश्वकर्मा, अंकित अवस्थी, मनोज पटेरिया, संदीप गोस्वामी, विनोद सिंह, जीवन लाल साहू, बृजेश अहिरवाल, सरजू पाठक, तखत सिंह, शिव शंकर पटेल, पंकज विश्वकर्मा, संतोष सिंह, धनीराम अहिरवार, जयराम पटेल और बड़ी संख्या में पटवारी संघ के लोगों की उपस्थिति रही।

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