Ticker

6/recent/ticker-posts

DGP की गाड़ी तथा फॉलो वाहन 15 मिनट जाम में फंसा रहा.. टॉकीज से पुराना थाना मार्ग पर बनते है बार बार जाम के हालात.. घंटाघर के ट्रैफिक सिग्नल महीनों से बंद.. रात 9 बजे से कोतवाली घंटाघर मार्ग पर हैवी वाहनों की धमाचौकड़ी खतरनाक..

 पुलिस के बड़े अधिकारी का वाहन जाम में फंसा

दमोह के प्रमुख मार्गों पर पार्किंग की समस्या और यातायात की अव्यवस्था कोई नई बात नहीं है ऐसे में यदि पुलिस के डीजीपी रैंक के अधिकारी की वीआईपी गाड़ी और फ़ालो वाहन भी जाम में फस जाए तो आश्चर्य की बात नहीं कही जा सकती। लेकिन तब भी सवाल यही उठता है कि जब बाहर से आने वाली गाड़ियों के लिए बाईपास की सुविधा है तो फिर उनको शहर के सकरे मार्गों पर आने के पहले ही बाहर के बाहर क्यों डाइवर्ट नहीं किया जाता..

यह नजारा टॉकीज तिराहा से पुराना थाना की तरफ जाने वाले मार्ग पर स्थित विशाल मेगा मार्ट के सामने का है। जहाँ पर दिन में अनेकों बार जाम के हालात बनते रहते हैं लेकिन बुधवार रात यहां पर पुलिस विभाग के सबसे बड़े अधिकारी डीजीपी साहब की गाड़ी क्रमांक एमपी 03 B 0022 और आगे चल रहा फॉलो वाहन करीब 15 मिनट तक जाम में फस कर खड़ा रहा। बाद में जैसे तैसे आगे की गाड़ियों ऑटो आदि के आगे बढ़ने पर यह वीआईपी वाहन भी आगे बढ़ पाया।

इस हालात से अंदाजा लगाया जा रहा है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का परिवार भोपाल सागर से दमोह होते हुए कुंडलपुर या बांदकपुर तीर्थ क्षेत्र की तरफ जा रहा होगा।  इस दौरान उनको दमोह की तंग सड़क और बदहाल ट्राफिक व्यवस्था का सामना करना पड़ा। ऐसी वीआईपी गाड़ियों को भी सेपरेट रूट और सुचारू यातायात व्यवस्था मुहैया  कराने क्यों ध्यान नहीं दिया गया यह भी आश्चर्य की बात कहीं जा सकती है। हालांकि उपरोक्त अधिकारी पहले से दमोह आने और निकलने की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दे देते तो शायद पहले से इस मार्ग पर ट्राफिक पुलिस तैनात हो जाती। और ऐसे मैं उनको यहां लगने वाले जाम के हालात पता भी नहीं लगता। लेकिन बिना सूचना के निकलने से वरिष्ठ अधिकारियों के सामने असली हालात उजागर होते देर नहीं लगी।
घंटाघर के ट्रैफिक सिग्नल महीनों से बंद.. शहर के हृदय स्थल कहे जाने वाले घंटाघर के ट्रैफिक सिग्नल महीनों से बंद पड़े हुए हैं जबकि इनको शुरू हुए मुश्किल से 6 महीने का टाइम भी नहीं हुआ था। 

आखिर बिगड़े हुए सिग्नल का सुधार कार्य कराने की तरफ क्यों गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा यह भी आश्चर्य का विषय है। नवागत पुलिस कप्तान राकेश कुमार सिंह से शहरवासी अपेक्षा रखते हैं कि वह शाम के समय घंटाघर टॉकीज पुराना थाना इलाके से विजिट करके जरूर देखें। जिससे उन्हें आम नागरिकों को होने वाली आवागमन परेशानी का प्रैक्टिकली अनुभव हो सके।
रात 9 बजे से कोतवाली घंटाघर मार्ग पर हैवी वाहनों की धमाचौकड़ी खतरनाक.. रात के 9 बजते ही भारी वाहनों का शहर प्रवेश बेरोकटोक चालू हो जाता है। जिसका सबसे ज्यादा असर शहर के सबसे खराब सड़क कथित मॉडल रोड पर देखने को मिलता है। 

जबलपुर नाका बाईपास से सागर छतरपुर मार्ग पर जाने वाले हेवी ट्रेफिक रात 9:00 बजे के बाद जबलपुर नाका चौकी, कलेक्ट्रेट, एसपी ऑफिस, कोतवाली, कीर्ति स्तंभ, अंबेडकर चोक, जिला अस्पताल, घंटाघर, पलंदी चौराहा मार्ग की सकरी सड़क से निकलकर पथरिया फाटक ओवर ब्रिज से पन्ना छतरपुर टीकमगढ़ रोड पर जाता है।

 जानकारों का कहना है कि हैवी वाहन चालक अपना समय तथा डीजल बचाने के चक्कर में शहर के बीच से रात भर धमाचौकड़ी मचा कर निकलते है। इस दौरान अनेक बार विद्युत पोल विद्युत केबल डीपी आदि को भी यह क्षतिग्रस्त कर चुके है। ऐसे हैवी वाहनों को घंटाघर मार्ग से होकर आने जाने के बजाय बाहर के बाहर ही निकालना दुर्घटनाओं की आशंकाओं को ध्यान में रखकर उचित कहा जा सकता है। 

Post a Comment

0 Comments