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वर्ष 2023 का सबसे बड़ा ग्रह परिवर्तन.. शनि देव ने मंगलवार की शाम मकर राशि को छोड़ कर अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश किया.. चार राशि वालों की चमकेगी किस्मत.. रविंद्र शास्त्री महाराज ने बताए शनि राशि परिवर्तन के बाद साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव..

शनि ग्रह का कुंभ राशि में गोचर मिलाजुला फल देगा

 शनि ग्रह को वैदिक ज्योतिष में न्यायदाता ग्रह माना जाता है और यह कर्म फल प्रदान करने वाले हैं और कर्म कारक ग्रह माने जाते हैं। इन्हीं शनिदेव का गोचर अपनी राशि मकर से निकलकर स्वराशि कुंभ में 17 जनवरी 2023 को होने जा रहा है। यदि समय की बात करें तो 17 जनवरी 2023 को शाम के समय 5:04 पर शनिदेव अपनी मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और इस पूरे वर्ष पर्यंत इसी राशि में बने रहेंगे।

इसी वर्ष 30 जनवरी 2023 की प्रातः 12:02 से 6 मार्च रात्रि 11:36 तक वह अस्त अवस्था में रहेंगे। इसके बाद 17 जून 2023 को रात्रि 10:48 बजे से वह वक्री हो जाएंगे और 4 नवंबर 2023 को प्रातः काल 8:26 पर एक बार फिर से मार्गी अवस्था में आ जाएंगे।

शनिदेव की इस गति के प्रभाव से धनु राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से पूर्ण रूप से मुक्ति मिलेगी और मकर राशि के जातकों का साढ़ेसाती का द्वितीय चरण समाप्त होकर तृतीय चरण शुरू हो जाएगा। कुंभ राशि के जातकों का प्रथम चरण समाप्त होगा और दूसरा चरण शुरू होगा तथा मीन राशि के जातकों के लिए शनि साढ़ेसाती का प्रथम चरण प्रारंभ हो जाएगा।


तुला राशि के जातकों को शनि की ढैया से मुक्ति मिलेगी और वृश्चिक राशि के लोगों को शनि की ढैया लग जाएगी। इसी प्रकार मिथुन राशि के जातकों की कंटक शनि की ढैया समाप्त होकर कर्क राशि के जातकों की कंटक शनि ढैया शुरू हो जाएगी। 

शनि ग्रह एक ऐसा ग्रह है, जो व्यक्ति को जीवन में अनुशासित रहना सिखाता है और न्याय प्रिय बनाता है। अध्यापक हमें हमारी ऊर्जा को सही दिशा में ले जाने के लिए तैयार करते हैं। यदि हमसे कोई गलती हो जाती है तो उसके लिए पहले प्यार से और बाद में दंड देकर भी समझाते हैं, ठीक उसी प्रकार शनि भी व्यक्ति को अनुशासन में रहकर जीना सिखाते हैं और उन्हीं की कृपा से व्यक्ति सीमा में रहकर काम करना भी सीखता है। 

शनि देव के कुंभ राशि में प्रवेश करने से हमें यह ज्ञात होगा कि शनि जब कठिन निर्णय लेते हैं तो कैसा परिणाम मिलता है और व्यक्तियों ने अपने जीवन में जो-जो कठिन संघर्ष किए हैं, उनका फल मिलने का जब समय आता है तो शनिदेव कितनी कृपा करते हैं। इससे हमारे जीवन में दृढ़ता आती है और करियर में स्थायित्व आने लगता है। कुंभ राशि में शनि का गोचर होने से हमें अपने लक्ष्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए तभी हम अपनी इच्छाशक्ति के अनुसार अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं।

पं. रविन्द्र शास्त्री महाराज

न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी माता का मन्दिर नई दिल्ली, 770180030

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