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सम्मेद शिखर जी के पर्यटन स्थल प्रस्ताव वापिसी की खबर से जैन समाज मे खुशी की लहर.. बटियागढ़ में विरोध प्रदर्शन विजय जुलूस में बदला, मिठाई बांटकर खुशियां मनाई.. पथरिया, हटा, पटेरा, बनवार, सिग्रामपुर जबेरा, कटंगी की जैन समाज ने मौन जुलूस निकालकर ज्ञापन सौंपा..

विरोध प्रदर्शन के दौरान खुशियां मनाई, बांटी मिठाइयां

 जैन समाज के पवित्र तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित करने के प्रस्ताव को झारखंड सरकार द्वारा वापस ले लिए जाने की खबर आते ही जैन समाज में हर्षोल्लास का माहौल बनते देर नहीं लगी उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को देशभर में जैन समाज द्वारा अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन दिए जा रहे थे। इस दौरान जहां ज्ञापन हो चुके थे वहां की समाज उसे अपनी जीत मान रही थी वहीं जहां ज्ञापन हो रहे थे वहां विरोध प्रदर्शन जन्म विजय जन्म समय बदलता नजर आ रहा था।

मप्र प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भी इस तरह के नजारे बुधवार को देखने को मिले। यह तस्वीरें दमोह जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर बटियागढ़ तहसील की है जहां पर जैन समाज के लोग मौन जुलूस के रूप में हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए शिखरजी मामले को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन देने पहुंचे थे। इसी दौरान जैसे ही आई खबर आई कि झारखंड सरकार ने शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाने का फैसला वापस ले लिया है तो मौन जुलूस हर्ष जुलूस को बदलते देर नहीं लगी। एक दूसरे को बधाइयां तथा जुलूस में शामिल लोगों को मिठाइयां बांटे जाने का दौर शुरू हो गया।

इसके पूर्व जैन समाज के आवाहन पर बटियागढ़, फुटेरा, लुकायन, बकायन, मगरोन सहित बटियागढ़ ब्लॉक के गांव गांव बंद रखा गया।  राष्ट्रपति महोदय के नाम तहसीलदार आलोक जैन को ज्ञापन सौंपा गया।  विरोध प्रदर्शन विजय जुलूस में बदलने के साथ गया सम्मेद शिखर हमारा है और हमारा ही रहेगा नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। विजय जुलूस में जैन समाज के समस्त महिला पुरुष एवं बच्चे बच्चियां शामिल थे। वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि धर्मेन्द्र कटारे सहित अन्य जनप्रतिनिधि खुशी में शामिल हुए।

पथरिया में दुकानें बंद रखकर जैन समाज ने ज्ञापन सौंपा

 पथरिया में बाजार बंद के साथ नगर के पारसनाथ दिगंबर जैन बड़े मंदिर से सम्पूर्ण जैन समाज के हजारों श्रद्धालुओं के साथ साथ नगर के कई सामाजिक, धार्मिक, राजनेतिक लोगो ने झारखंड सरकार के विरोध में विशाल जलूश के साथ नगर में मुख्य मार्गो से चलते हुए हाँथ में बोर्ड लिये विरोध के नारे लगाते हुए छोटे बच्चे बालक,बालिकाओं के साथ महिलाएँ, पुरूष वर्ग धार्मिक वेशभूषा में काले रिविन लगाए हुए चल रहे थे। श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि 1 किलोमीटर दूर तक सिर्फ सिर ही सिर्फ नजर आ रहे थे।

 श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर के संत भवन में विराजमान मेडिटेशन गुरु मुनि श्री 108 विहसन्त सागर जी भी विशाल जलूश में सम्मिलित होकर बण्डा तिराहा स्थित जैन मंदिर पहुँचे वही जनसमूह को मंगल उदबोधन दिया उन्होंने कहा 20 तीर्थंकर भगवानों की निर्वाण स्थली एवं करोड़ो मुनियों की तपोभूमि का कण कण पावन है हमारी आस्था एवं श्रद्धा के केंद बिंदु पर सरकार की तानाशाही बर्दास्त नही होगी जैन समाज का भारत की सरकार के लिए महत्वपूर्ण योगदान है लगभग 25%जीएसटी हम प्रदान करते हैं। अनेको अनेक अस्पताल, गौशाला, विद्यालय,अनाथालय, वृद्धाश्रम हमारी समाज द्वारा संचालित होते हैं लेकिन सरकार हमारी ही धार्मिकता को नुकसान पहुंचाना चाहती है जोकि कदापि उचित नही है।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे रोहित जैन ने बताया यह विरोध प्रदर्शन सम्पूर्ण भारत में ही नही विदेशों तक मे हो रहा है जब तक झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल के आदेश को रद्द नही किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।मंदिर से पुनःजन समूह पंक्तिबद्ध हो अनुविभागीय कार्यालय पहुंचा। जहाँ तहसीलदार के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय वनमंत्री एवं झारखंड के मुख्यमंत्री, राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही राष्ट्रपति से अनुरोध किया अविलंब हमारी माँगे पूरी की जाए नही तो आमरण अनशन शुरू की जाएगी।

हटा जैन समाज ने अपने प्रतिष्ठान बंद रख ज्ञापन सौंपा

 हटा में भी सम्मेद शिखर जी को लेकर बुधवार को जैन समाज के लोगों ने रैली निकालकर विरोध जताया। सभी पुरुष वर्ग, महिला वर्ग, बच्चे, आचार्य ज्ञानसागर पाठशाला के बच्चे बच्चियां एवं अन्य समाज के लोगों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री सहित झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम श्री अभिषेक ठाकुर को सौंपा। 

इस संबंध में जयकुमार जलज ने बताया कि विश्वविख्यात तीर्थराज सम्मेद शिखर जो वर्तमान बीस जैन तीर्थंकरों की मोक्ष स्थली है यहां से अनंतानंत मुनियों ने सिद्ध पद प्राप्त किया है। यह जैनों का सबसे पवित्र पावन तीर्थ क्षेत्र है ।जहां का कण-कण पवित्र है। इसे झारखंड सरकार व केंद्रीय वन मंत्रालय ने प्रसिद्ध तीर्थ स्थल को वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा बताने के साथ यहां पर्यावरण पर्यटन की अनुमति दे दी है।

सरकार के फैसले से तीर्थ स्थल की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट होने के कगार पर है ।इसका जैन समाज के लोग घोर विरोध व निंदा करते हैं। यह रैली रतन बजरिया जैन मंदिर से प्रारंभ होकर मुख्य मार्ग से बड़ा बाजार होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची ।जहां पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जिसमें महिला ,पुरुष, बच्चे ,युवा साथी सहित सैकड़ों लोग सम्मिलित रहे। मडियादो, बरोदा, लोहर्रा आदि ग्राम से भी लोग उपस्थित रहे। अन्य लोगों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध प्रकट किया।

पटेरा में विरोध प्रदर्शन के बाद ज्ञापन दिया गया

 पटेरा क्षेत्र में भी झारखंड स्थित तीर्थराज सम्मेद शिखर जैन तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित किया गया है ,इसको लेकर जैन समाज में भारी रोष व्याप्त है।

बुधवार को सकल जैन समाज पटेरा ,कुंडलपुर ,कुड़ई, बमनपुरा, बेला ,कोटा ,हरदुआ , कुम्हारी, हिंडोरिया सहित लगभग 25 गांवों के हजारों लोगों ने मिलकर पूरे पटेरा में विरोध प्रदर्शन करके पटेरा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि विश्वविख्यात जैनतीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल नहीं बनाया जाकर पवित्र तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाए ।इस अवसर पर ग्रामीण अंचलों से भारी संख्या में जैन समाज के लोग एकत्रित हुए।

कटंगी में शिखरजी बचाओ आंदोलन तहत मौन जुलूस

 सकल दिगम्बर जैन समाज कटंगी एवं आसपास बोरिया, कैमोरी, सकरा,गुबरा सहित हजारों की संख्या में एकत्रित होकर नायाब तहसीलदार आकाशदीप नामदेव को ज्ञापन दिया को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में जैन समाज ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व में जैन समाज एक अहिंसक समाज के रूप में जानी जाती है और जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान की निर्वाण भूमि तीर्थराज सम्मेद शिखर जी है।जो जैनियों की आस्था का मुख्य केंद्र है।

इसी तीर्थ क्षेत्र को झारखंड राज्य सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किया है। जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं क्योंकि सम्मेद शिखर आस्था का केंद्र है पवित्र तीर्थ क्षेत्र है ना कि कोई पर्यटक स्थल है। यह जुलूस गांधी चौक बाजार से प्रारंभ होकर नगर भ्रमण करता हुआ पुनः गांधी चौक बाजार में संपन्न हुआ जहां पर वक्ताओं द्वारा अपनी बातें कहीं। वही आर्यिका सत्य मति माताजी एवं हेममति माता जी द्वारा अपने प्रवचनों के माध्यम से सभी को धर्म के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखने की बात कहीं।

जलूस मैं  बच्चों द्वारा पाठशाला की गणवेष, महिलाओं द्वारा पीले वस्त्र, पुरुषों द्वारा सफेद वस्त्र पहनकर नगर मैं अहिंसात्मक रूप में मौन जुलूस निकालकर नगर भ्रमण किया। जुलूस में जैन समाज के अलावा सभी वर्ग एवं समुदाय के लोग भी उपस्थित रहे।

सिंग्रामपुर जैन समाज ने जबेरा पुहंचकर ज्ञापन सौंपा

 सम्मेद शिखर जी को लेकर सकल दिगम्बर जैन द्वारा सिंग्रामपुर ने जबेरा तहसील मुख्यालय पर की हजारों की संख्या में एकत्रित होकर  SDM अविनाश रावत को ज्ञापन सौपा गया।ज्ञापन में जैन समाज ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व में जैन समाज एक अहिंसक समाज के रूप में जानी जाती है। और जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान की निर्वाण भूमि तीर्थराज सम्मेद शिखर जी है। 

 जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं जो जैनियों की आस्था का मुख्य केंद्र है। इसी तीर्थ क्षेत्र को झारखंड राज्य सरकार द्वारा एक पर्यटक स्थल घोषित किया है। सम्मेद शिखर आस्था का केंद्र है पवित्र तीर्थ क्षेत्र है ना कि कोई पर्यटक स्थल है।

इसके पूर्व सिंग्रामपुर जैन समाज ने  मंदिर प्रांगण से रैली प्रारंभ की गई जिसमें बच्चों द्वारा सफेद वस्त्र महिलाओं द्वारा पीले वस्त्र पुरुषों द्वारा सफेद वस्त्र पहनकर नगर मैं नारे लगाते हुए नगर भ्रमण किया। इसके वाद ज्ञापन देने जबेरा रवाना हुए। जहा एसडीएम महोदय को ज्ञापन दिया  जिसमे में जबेरा सिंग्रामपुर गुबरा सिंगपुर तथा आसपास के क्षेत्रों की जन समाज के लोग शामिल हुए।

बनवार में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया

 तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाए जाने के विरोध में बनवार तथा आसपास के क्षेत्र के लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन करते हुए मौन जुलूस निकाला काली पट्टी बांधी और तहसील दार पहुंचकर राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा।

जैन समाज के इस विशाल रोष प्रदर्शन जलूस मे बनवार, झरौली,परस्वाहा,सगरा,रोड़ एवं घटेरा द्वारा बनवार उप तहसील मुख्यालय पर सैकड़ो की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। सभी ने एकत्रित होकर नायाब तहसीलदार रंजना यादव को ज्ञापन दिया।  इसके पूर्व मंदिर प्रांगण से रैली प्रारंभ की गई जिसमें बच्चों ने सफेद वस्त्र महिलाओं द्वारा पीले वस्त्र पुरुषों द्वारा सफेद वस्त्र पहनकर नारे लगाते हुए नगर भ्रमण करने के बाद ज्ञापन दिया गया।


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