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सात दिन में न्याय नहीं मिलने पर धर्म परिवर्तन की बड़ी चेतावनी.. जंगल में सुपरवाइजर का संदिग्ध हालात में शव मिलने के मामले में.. प्रदर्शन करने वाले परिजनों को एसपी के आश्वासन के बाद भी नहीं मिला न्याय.. उल्टे पुलिस कार्रवाई पर CM के नाम ज्ञापन..

पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट परिजनों ने ज्ञापन सौंपा

दमोह। देहात थाना अंतर्गत बालाकोट के जंगल में 4 दिन पूर्व घनश्याम अहिरवार नाम के युवक का शव संदिग्ध हालात में फांसी के फंदे पर झूलता हुआ मिला था। घनश्याम की मौत को हत्या ठहराते हुए परिजनों के साथ अहिरवार समाज के लोगों ने अंबेडकर चौक पर शव वाहन को खड़ा करा कर देर तक चक्का जाम धरना प्रदर्शन किया था। बाद में एसपी द्वारा 48 घंटे में जांच कार्यवाही का आश्वासन दिए जाने पर प्रदर्शन खत्म किया गया था। इस मामले में एसपी के आश्वासन के बावजूद 48 घंटे में क्या जांच कार्यवाही की गई उसका तो पता नहीं लग सका लेकिन पीड़ित परिजनों के साथ धरना प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस नेता और अहिरवार समाज संघ के प्रदेश पदाधिकारी कोमल अहिरवार तथा जिला पंचायत सदस्य कांग्रेसी नेत्री रजनी ठाकुर सहित अन्य लोगों के खिलाफ उसी रात्रि में कोतवाली में एक उपनिरीक्षक की रिपोर्ट पर विभिन्न धाराओं में अपराध क्रमांक 933/ 2022 पंजीबद्ध किया गया था। 
शुक्रवार को अहिरवार समाज के लोगों के साथ मृतक घनश्याम अहिरवार के पिता दच्चू अहिरवार ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित 5 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन अपर कलेक्टर को सोते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है। जिसमें घनश्याम की मौत की जांच सीबीआई से कराने, जबलपुर नाका चौकी प्रभारी को निलंबित करते हुए दमोह से हटाने, मृतक के परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक मदद दिए जाने, जिंदल कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किए जाने तथा कोतवाली में दर्ज अपराध क्रमांक 933/ 20-22 में खात्मा लगाए जाने की मांग की गई है। ज्ञापन की प्रति अनुसूचित जाति आयोग तथा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष को भी भेजी गई है। एडीएम को ज्ञापन सौपने के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान अनेक नेताओं ने सात दिन में न्याय नहीं मिलने पर धर्म परिवर्तन की बड़ी चेतावनी देकर सभी को सकते में डाल दिया है। इसी के साथ एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है कि आखिर जिंदल कंपनी के लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही करने की जोखिम आखिर पुलिस प्रशासन किस नेता के दबाव में नहीं उठा पा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दमोह जिले में सतधरु परियोजना तहत पाइप लाइन बिछाने वाली जिंदल कंपनी के ठेकेदार राहुल सिंह के अंडर में घनश्याम अहिरवार सुपरवाइजर का काम देख रहा था जिस की संदिग्ध हालात में मौत हो जाने के बाद फांसी पर शव लटकने मिलने पर परिजनों द्वारा हत्या की आशंका जताई गई थी वही अब राहुल तथा साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की जा रही है। इसी मांग को लेकर अंबेडकर चौक पर धरना प्रदर्शन चक्का जाम किया गया था। जिसे एसपी द्वारा 48 घंटे में जांच कार्रवाई का आश्वासन देकर खत्म कराया गया था। वही उसी रात में कोतवाली में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा अपनी तरफ से रास्ता रोकने शासकीय कार्य में बाधा जैसी रिपोर्ट तो दर्ज कर ली गई लेकिन घनश्याम की मौत मामले में क्या कार्रवाई हुई उसका अभी तक पता नहीं लग सका। जिसको लेकर ज्ञापन के बाद अहिरवार समाज के लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन बड़े आंदोलन की धमकी दी जा रही है।

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