तालाब में डूबने से 3 नाबालिक बच्चों की मौत
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा के पास लगभग
शाम साढे पॉच बजे नरगुवां तलाब में नहाने गए तीन बच्चो की डूबने से मौत हो
गई है । दर्द नाक हादसे की खबर साथी चौथे बच्चे ने आकर परिजन से बताया कि
तीनो मेरे साथ गए साथी बच्चे तालाब में डूब गए है। प्राप्त
जानकारी के अनुसार कल्प पिता दामोदर नामदेव उम्र 12 वर्ष वार्ड क्रमाक 10,
राज पिता राजू साहू उम्र 14 वार्ड क्रमाक 11 एवं कपिल जैन पिता कैलाष जैन
उम्र 13 वर्ष वार्ड क्रमाक 11 एवं दामोदर नामदेव का भनेज अभिषेक नादेव उम्र
15 वर्ष जो दिल्ली से आया था ये चारो बच्चे घर में माडल स्कूल में खेलने
का कहकर गए थे।
लेकिन चारो बच्चे नरगुवा तालाब पहुंच गए जहां पर नहाते समय
तालाब में तीन बच्चे कल्प, राज एवं कपिल जैन तालब में डूब गए थें जिसकी
सूचना चौथे बच्चे अभिषेक ने आकर परिवार के लोगो को दी। इसके बाद 100 डायल ने
पहुंच कर तीन में से दो बच्चे कल्प एवं राजू का शव तालाब से कुछ ही समय के
बाद मिल गया था जिन्हे निकाल गया। लेकिन तीसरे बच्चे कपिल का शव लगभग
रात्रि 8 बजे तलाष करने पर मिला था। तीनो बच्चो को तेंदूखेड़ा की अस्पताल
में पहुंचाया गया। चौथे बच्चे अभिषेक ने ये कहकर तालाब में नहाने से मना कर
दिया था कि मुझे तैरना नही आता है। जिस कारण उसकी जान बच गई और तीन बच्चो
के डूबने की सूचना तत्काल मिल गई।
दर्द नाक हादसे की जानकारी नगर में फेलने
के बाद सैकड़ो की संख्या में लोग नरगुवां तालाब पहुंच गए थे। साथ ही सेकड़ो
लोग अस्पताल में पहुंचकर अपना दुख जता रहे थे। मृतक कल्प के मामा हेमंत
नामदेव ने बताया कि मेरे भनेज सहित कुल चार बच्चे माडल स्कूल में खेलने का
कहकर गए थे। लेकिन एक भनेज ने आकर बताया कि तीन बच्चे तालाब में डूब गए है।
जिसकी सूचना 100 डायल एवं पुलिस को दी गई। इसके बाद बच्चो की तलाष की गई।
तेंदूखेड़ा पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जॉच कर रही है। तेदूखेड़ा से विशाल रजक की रिपोर्ट
मगरमच्छ को पकड़ने स्टेट हाईवे पर रेस्क्यू..
दमोह।
एक बार फिर वन विभाग की लापरवाही सामने आई जिसमें वन विभाग की टीम द्वारा
अपने वाहन से मगरमच्छ को रिहायशी इलाके में गिरा दिया गया और टीम को भनक तक
नहीं लगी। बता दें कि ग्राम अदरोटा में मिडिल स्कूल के सामने नाले से एक
मगरमच्छ आ गया और इसके बाद वन विभाग की टीम ने इस मगरमच्छ को ग्रामीणों की
मदद से पकड़ा और उसे छोडने सिंग्रामपुर ले गये। टीम को लीड कर रहे एसडीओ
धीरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा टीम का कंट्रोल किया जा रहा था। जब यह टीम
मगरमच्छ को सिंगौरगढ़ के तालाब में छोड़ने जा रही थी तब जबेरा के पास
पुरनयाऊ के बीच मगरमच्छ गिर गया और रेस्क्यू टीम को सुध ही नही रही।
जब
राहगीर ने मगरमच्छ को देखा तो वह डर गया। इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ जमा
होने लगी लोगो ने तत्काल बीट गार्ड राजेंद्र चंद्रपुरिया को जानकारी दी।
चंद्रपुरिया मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से मगरमच्छ को खेत में लगी
जाली के तरफ कर दिया जिससे वह वहां डरकर बैठ गया। इसके बाद रेंजर को सूचना
दी रेंजर ने टीम से संपर्क किया तो टीम को घटनास्थल बुला लिया। टीम ने
पुन: रेस्क्यू कर मगरमच्छ को पकड़ा और वाहन में लेकर सिंग्रामपुर चली गयी।
मगरमच्छ को पकड़ने में रेस्क्यू टीम सहित बीट गार्ड राजेंद्र चंद्रपुरिया,
दीपक श्रीवास्तव, रविशंकर मेहरा, सहित पुरनयाऊ गांव के ग्रामीणों का
सहयोग रहा। जबेरा से मयंक जैन की रिपोर्ट
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