दमोह। प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटैल दमोह जिले के भ्रमण पर रहेंगे । भोपाल हवाई अड्डे से हैलीकाप्टर द्वारा दमोह जिले के लिये रवाना होकर पौने ग्यारह बजे कुण्डलपुर हैलीपेड पहुचेंगे। यहां से कार से प्रातरू बड़ेबाबा मंदिर पहुचकर दर्शन करेंगे। इसके बाद कुण्डलपुर एसएचसी पीएचसी सेंटर का जायजा लेकर हटा के लिये रवाना होंगे जहां उनका लंच होगा। 2 बजे हटा रेस्ट हाऊस से कार से रजपुरा पहुचकर आंगनबाड़ी सेंटर पीएमआरवाई योजना के लाभार्थियों से चर्चा करेंगे। आप चिरोंजी यूनिट के साथ ग्राम रजपुरा में आरोग्यम स्किल सेल एनीमिया परीक्षण शिविर का जायजा लेकर चौने चार बजे छतरपुर के लिये रवाना होंगे।
समापन बेला पर हाथी घोड़ा बग्गीयों के भव्य रथ उत्सव का आयोजन किया जाएगा। समाज के सभी लोगों से इसमें शामिल होने की अपेक्षा की है।
मानव को अच्छे बुरे की पहचान कर लेनी चाहिए- मुनि श्री अजीत सागर
दमोह। प्रभु की दृष्टि जिस पर पढ़ जाति है उसका बेड़ा पार हो जाता है किंतु जो स्वयं की नेक दृष्टि रखता है उसी का कल्याण होता है मनुष्य अपने कसाय भाव के कारण भवसागर में डूबता जा रहा है मन की पवित्रता ही उसे सुख के मार्ग पर ले जाती है मन की दुष्टता दरिद्रता वैमनस्यता संसार में डूबाती है मनुष्य अपने विवेक से इन्हें दूर कर सकता है किंतु पशुओं में इतना विवेक नहीं होता नारकीयों में तो रंच मात्र भी नहीं होता मानव को अच्छे बुरे की पहचान कर लेनी चाहिए पापों के दलदल से निकल लो जो आत्मा को कसे वही कसाएं है क्रोध मान माया लोभ इसके भेद हैं इन पर विवेक के द्वारा नियंत्रण किया जा सकता है। उपरोक्त विचार मुनि श्री अजीत सागर जी महाराज ने दिगंबर जैन धर्मशाला में अपने मंगल प्रवचनओं में अभिव्यक्त किए..
मुनिश्री ने कहां कि जब हम क्रोध करते हैं अथवा गाली देते हैं तो हम अपनी आत्मा का अहित करते हैं मनुष्य जितना विकसित होता जा रहा है वह उतना ही पापों में लिप्त होता जा रहा है पुराने लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते थे किंतु वे संस्कारित होते थे मंदिर में मन लगाते थे किंतु आज मनुष्य मोबाइल में मन लगा रहा है और समय के साथ साथ स्वयं को भी बर्बाद कर रहा है यह समय स्वयं को संभालने का है दूसरों को गिराने से पहले स्वयं को संभाल लेना चाहिए उच्च शिक्षा के साथ-साथ उच्च आचरण होना भी आवश्यक है आज की युवा पीढ़ी उच्च शिक्षा तो प्राप्त कर रही है किंतु संस्कार ग्रहण नहीं कर रही है इसके दुष्परिणाम समाज के सामने आ रहे हैं..
आज समाज को युवा पीढ़ी के लिए ऐसी व्यवस्थाएं देनी चाहिए जिससे कि वे संस्कार ग्रहण कर पाए आधुनिक कोचिंग सेंटर बुरे संस्कारों के केंद्र बनते जा रहे हैं जहां उन्हें स्वच्छंद वातावरण मिलता है इनसे युवा पीढ़ी को बचाने की आवश्यकता है समाज को स्वयं के केंद्र खोलकर प्राथमिकता के तौर पर यह कर्तव्य निर्वहन करना चाहिए। इसके पूर्व आचार्य विद्यासागर जी महाराज के स्वास्थ्य लाभ हेतु मुनि श्री ने जप अनुष्ठान कराया। इस मौके पर मैंने मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ग्रीस अहिंसा, सुनील वेजिटेरियन, राजेंद्र अटल, शैलेंद्र मयूर, चक्रेश सराफ, संजीव शाकाहारी, राजेश, बंटी, पवन चश्मा आदि की उपस्थिति रहीं।
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