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कुण्डलपुर में बड़ेबाबा मंदिर पंच कल्याणक की तैयारी जोरों पर.. भगवान का पूजन स्तुति करते रहना चाहिए.. आचार्यश्री विद्यासागर जी.. कड़ाके की ठंड स्वयंसेवक समितिने सम्हाली व्यवस्थाए..

 कुण्डलपुर में पूज्य बड़ेबाबा मंदिर पंच कल्याणक की तैयारी जोरों पर है, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ मुनिराज एवं आर्यिका माताओं के संघ बिराजमान हैं। जहां समस्त समिति अपने अपने कार्यों में कार्यरत हैं वहीं जिले के गांव गांव से स्वयंसेवक के रूप में युवा तरुणाई निकल कर अपनी सेवाएं कुण्डलपुर में समर्पित कर रही है। स्वयंसेवक समिति के रूप में सेवाएं देने वालों में दमोह, हटा, पथरिया, बांदकपुर, पटेरा, जबेरा, तेन्दूखेड़ा, मड़ियादो, गैसाबाद, रजपुरा सहित अन्य जगहों के स्वयंसेवक कड़ाके की ठंड की परवाह किए बिना व्यवस्थाएं बनाने में जुटे हुए हैं..

भगवान का पूजन स्तुति करते रहना चाहिए~आचार्यश्री

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दमोह। सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर में विराजमान संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने मंगल प्रवचन देते हुए कहा कि इंद्र भी भक्तिवश भगवान की पूजा करते हैं, मुख्य रूप से देवलोक में देव दिव्य सामग्री से पूजन करते है जिसका उल्लेख मिलता है, ऐसा क्यों कहा जाता है क्योंकि भगवान तीन लोक के नाथ है उनके समोशरण में पूजा करने के लिए देव ही एक मात्र मुख्य रूप से पात्र होते हैं, मनुष्यो में चक्रवर्ती सम्राट को ही पूजन की पात्रता होती है क्योंकि वे अक्षयी चरित्रधारी होते हैं और वैभवशाली होते हैं, नव निधियों में से प्रतिदिन प्रति पल, पल पल निकलता रहता है, दान देते हुए भी कम नहीं होता।

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आचार्य समंत भद्र स्वामी ने भक्ति वश त्रिभुवन प्रभु की स्तुति और पूजन पद्धति, सामग्री से तीर्थंकर भगवान, भावी तीर्थंकर, पंच परमेष्ठी की पूजा का भाव का वर्णन किया जिसमे कहा कि मंडूक बनो पर कूप मंडूक नहीं, पूजन क्या होती है उसके महत्व को समझो, प्रतिदिन, प्रति पल किसी भी स्थिति में हो परमार्थ से जुड़ने के लिए पूज्य को याद करने का माध्यम है पूजन, इसके माध्यम से पूजक भी पूज्य बनने की पात्रता रखता है, इसलिये भगवान की पूजन और स्तुति करते रहना चाहिए। आज नूतन वर्ष के पहले रविवार को नवधा भक्ति भाव से पूजन अर्चन करने और आहार देने का सौभाग्य दमोह निवासी संतोष गांगरा, वैभव गांगरा के परिजनों को प्राप्त हुआ।

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