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बीजेपी विधायक और सांसद प्रतिनिधि की मौजूदगी में.. क्रिकेट मैच के दौरान चियर्स गर्ल्स के जलवा के बीच उड़ती रही कोरोना गाईड लाइन की धज्जियां..बिना मास्क और डिस्टेंस के क्रिकेट का रोमांच

 देश दुनिया के साथ मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक के साथ बड़ी संख्या में नए मरीजों के मिलने का दौर जारी है इधर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नई गाइडलाइन जारी की जा रही है यहां तक की खेल मैदानों पर मैच के दौरान दर्शकों की उपस्थिति पर रोक के आदेश भी दिए गए। लेकिन फिर भी यदि सैकड़ों दर्शकों की मौजूदगी में मैच का आयोजन होता है तो कोई खास बात तो होगी ही...

 

दमोह जिले में कोरोना के रोज लगातार बढ़ते केसों के बीच रोको टोको अभियान तहत मास्क नही पहनने वाले आम नागरिकों पर कम से कम सौ रुपये जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है। लेकिन हम आपको एक ऐसे क्रिकेट मैच की तस्वीरें दिखा रहे है जिसमे अतिथियों के साथ सैकड़ों की संख्या में दर्शक मौजूद है। लेकिन किसी ने भी मास्क लगाना जरूरी नही समझा है, किसी को भी सोशल डिस्टेंस की परवाह नही है।  इधर मैच की बोरियत को दूर करने समीप बने मंच पर चिर्यस गर्ल्स की तर्ज पर जबलपुर के आर्केस्ट्रा की युवतीया फिल्मी धुनों पर ठुमके लगाकर भरपूर मनोरंजन का डोज दे रही है।

यह नजारा जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर चंडी चोपरा ग्राम में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले कहा है। जिसमे अतिथि दीर्घा में विजेता ट्राफी के समीप जबेरा विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी नजर आ रहे हैं कुछ ही दूरी पर सांसद प्रतिनिधि भाजपा के वरिष्ठ नेता रुपेश सेन भी नजर आ रहे हैं। यहां पर स्थानीय नेताओं की काफी संख्या होने की वजह से सभी के नाम दिए जाना संभव नहीं है वही दर्शकों की बात की जाए तो आसपास के सभी गांव के युवा और बच्चे मैदान के चारों तरफ डटे हुए हैं लेकिन किसी ने भी मास्क लगाने की जहमत नहीं उठाई है ऐसे में दूरी की बात करना तो दूर की बात कही जा सकती है।

नेता जी

नए वर्ष और मकर संक्रांति पर यहा आयोजित क्रिकेट टूनामेंट का फाइनल मुकाबला कलेहरा टीम और जमुनिया की टीम के बीच खेला गया। जिसमे क्या कुछ हुआ वह हम पहले ही बता चुके है। यहा पर दर्शकों की भीड़ जोड़ने के लिए क्रिकेट टूनामेंट समिति ने गांव गांव में  लाउड स्पीकर से एनाउंस कराया था वही लोगो के मनोरंज के लिए साँई आस्था म्यूजिकल आर्केस्ट्रा ग्रुप जबलपुर को रंगारंग प्रस्तुतियां देने बुलाया गया था।

रंगीला

इतना सब होने के बावजूद यदि पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों तक इसकी भनक नही लगी हो तो इस भीड़ भरे आयोजन की यदि अनदेखी की उसकी वजह आयोजकों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के साथ आयोजन में राजनेताओं की उपस्थिति ही कहा जा सकता है..

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