Ticker

6/recent/ticker-posts

निर्यापक मुनिश्री समयसागर के सानिध्य में गजरथ फैरी तेंदूखेड़ा पंच कल्याणक महोत्सव संपंन, मोदी परिवार को सवाई सिघई की उपाधि..

 दमोह जिले के तेंदूखेड़ा नगर में चल रहे मज्जिेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव का निर्यापक मुनिश्री समयसागर जी महाराज एवं आर्यिका अंकम्प मति माता जी ससंघ सानिध्य में गजरथ फैरी के साथ समापन हो गया। इस अवसर पर आसपास के क्षेत्रों से आए सैकड़ों ग्रामीणजनों ने इन एतिहासिक पलों का साक्ष बनते हुए धर्म लाभ लिया वहीं, मोदी परिवार को सवाई सिघई की उपाधी प्रदान की गई।


तेंदूखेड़ा नगर में मज्जिेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन सुबह से भगवान श्री जी का पूजन अभिषेक एवं शांतिधारा की गई। इसके बाद लगभग सुबह 7 बजे भगवान का मोक्षकल्याणक हुआ और भगवान मोक्ष के लिए गए। मोक्ष कल्याणक का विधान किया गया। साथ ही अचार्य भगवन का विधिविधान से पूजन बाल ब्रम्हचारी प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया के द्वारा कराया गया। सुबह 9 से प्रथम निर्यापक ज्येष्ठ व श्रेष्ठ मुनि श्री समय सागर जी महाराज जी ने मोक्ष कल्याणक पर अपने प्रवचनो में कहा कि मन वचन काय की चेष्ठा के माध्म से कर्मो का आसरह होता है और वचन काय की चेष्ठा को रोकने से कर्म का छह होता है। वस्तुतः सुभाव की दृष्टि से आत्मा का क्या स्वरूप है। आत्मा कर्म के अधीन होकर ही चार गतियो में भ्रमण करता है किन्तु अब भगवान का भ्रमण समाप्त हुआ हैं और एक समय में ही इस धरती से उठकर अंनतकाल के लिए भगवान विराजमान हुए है। अब प्रलय भी हो जाए तो उन्हे किसी भी प्रकार का परिवर्तन संभव नही है।

समयसागर

दोपहर लगभग 2 बजे गजरथ पंडल के चारो और पांच रथो की फैरी प्रारंभ हुई। फैरी में सबसे पहले समय सागर जी महाराज ससंघ एवं आर्यिका अंकम्प मति माता जी ससंघ चल रही थी। इसके बाद डीजे अनेक प्रकार बैंड गाजे बाजो से सभी इंद्र रथो में बैठकर चल रहे थे। इसके बाद सामान्य इंद्र द्राणियां चल रही थी। गजरथ फैरी के दौरान कुवेर जनता के बीच में आभूषण बरसा रहे थे। लोग सभी आभूणो को उठा रहे थे। गजरथ की सात फरी होने के बाद फैरियों का समापन किया गया। इसके बाद मुनिश्री समय सागर जी महाराज जी के सानिध्य में अमर चंद मोदी, निर्मल कुमार मोदी, विमल कुमार मोदी, अभय कुमार मोदी एवं अरविन्द्र कुमार मोदी के परिवार को सवाई सिघई की उपाधि दी गई। साथ मोदी परिवार का मंच से सम्मान किया गया।

muni sangh

गजरथ के समापन में निर्यापक मुनि श्री समय सागर जी महाराज ने कहां कि तेंदूखेड़ा समाज ने नवीन जिनालय के निर्माण हेतू भावना के साथ गुरू देव के चरणो में निवेदन किया था फल स्वरूप जिनालय का निर्माण लगभग हो गया है और मंदिर में भगवान भी विराज मान हो गए है साथ ही पुराने जिनालय के भगवान भी नए जिनालय में विराजमान हो चुके है। इसके अलावा समाज ने ऐसे भाव रखे थे कि आप नए जिनालय का नाम करण करे। जिस कारण श्री पारसनाथ दिगम्बर जैन चैवीसी जिनालय नामकरण किया गया है।

माता जी

वस्तुतः इस प्रकार के जिनालय का निर्माण और श्रीजी को स्थापित करने का पवित्र भाव जिस व्यक्ति के भीतर होता है। वो मात्र अपना ही हित नही करता है। किन्तु आने बाली पीढी और जनता का हित करता है। इस प्रकार यह पंचकल्याणक महोत्सव आज सानंद सम्पन्न हुआ है। यह अपने आप नही हुआ हैं यदपि आप लोगो ने पुरूषार्थ किए है इसको भुलाया नही जा सकता है। शाम को 7 बजे से मज्जिेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव समिति के सदस्यो एवं महोत्सव में जिन लोगो का सहयोग रहा है। उनका सम्मान किया गया।

तेंदूखेड़ा  से विशाल रजक की रिपोर्ट

Post a Comment

0 Comments