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मप्र स्थापना दिवस व आजादी के अमृत महोत्सव तहत एकलव्य यूनिवर्सिटी में हुए विविध आयोजन.. अमर शहीदों को याद करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान देने वाले.. जाने अनजाने फ्रीडम फाइटरो के परिजनों के साथ पत्रकारों को किया गया सम्मानित..

मप्र स्थापना दिवस व आजादी अमृत महोत्सव परकलव्य यूनिवर्सिटी में किया गया सेनानियों के परिजनों का सम्मान..

दमोह। मप्र स्थापना दिवस व आजादी के अमृत महोत्सव अवसर पर एकलव्य यूनिवर्सिटी में फ्रीडम फाइटरो के परिजनों के सम्मान में समारोह का आयोजन करके देश की आजादी में अहम योगदान देने वालो को याद किया गया। इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने देश भक्ति से परिपूर्ण नृत्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतिया देकर जमकर वाहवाही लूटी।

सागर रोड स्थित एकलव्य यूनिवर्सिटी में आयोजित वृहद कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के लिए अमर शहीदों के साथ सेनानियों को याद करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी  डॉ पी डी शेलार, झुन्नीलाल वर्मा, प्रेम शंकर धगट, कोमल चंद मोदी, राजाराम बजाज, भूमिगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और जिला अस्पताल की प्रथम दानदाता सिंघई रघुवर प्रसाद जुझार के परिजनों को शाल, श्री फल, अभिनंदन पत्र एवं स्मृति चिन्ह के साथ पौधा भेंट करके सम्मानित किया गया। 


इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों को भी स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया।  इस अवसर पर छात्र छात्राओं के द्वारा देशभक्ति से परिपूर्ण नृत्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन आमंत्रित अतिथि गण, कुलपति पवन जैन के अलावा आमंत्रित अतिथियों ने  और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं तथा यूनिवर्सिटी स्टाफ की मौजूदगी रही।

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एकलव्य यूनिवर्सिटी की चेयरपर्सन डॉ सुधा मलैया ने आजादी को लेकर अपना बौद्धिक व्याख्यान देते हुए कहा की देश को है आजादी ऐसे ही नहीं मिल गई थी इसके लिए ना जाने कितनी कुर्बानियों दी गई थी। वही आजादी के बाद सरदार बल्लभ भाई पटेल ने जिस तरह से देश की रियासतों को एकजुटता के सूत्र में बांधने के लिए जो कार्य किया उसी की वजह से आज भारत इतना विशाल और मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर कर विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बना है।


 डॉ मलैया ने कहा कि आज के विद्यार्थी सोशल मीडिया से लेकर गूगल सर्च की दुनिया में खोए रहते हैं जिससे उन्हें इतिहास की जानकारी कम है। उन्हें यह भी जानना जरूरी है कि उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पहले बाबर जैसे हमलावर ने सैकड़ों बेगुनाहों के सर कलम किए। वही देश की आजादी के लिए  हजारों लोगों ने अपने जीवन को निछावर कर दिया। इनमें ऐसे लोग भी रहे जो अपने स्वार्थ के लिए अंग्रेजो के समर्थन में खड़े रहे। डॉ सुधा मलैया ने कहा हमें बड़ी ही खुशी हो रही है कि आज हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को याद करते हुए उनके परिजनों का भी सम्मान कर रहे हैं।

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