अवैध शराब बेचने वालों पर तबातोड़ कार्रवाई..
दमोह। जिले में करीब डेढ़ महीने तक जारी रहे कोरोना कर्फ्यू के दौरान शासकीय शराब दुकान भी बंद रहने से अवैध शराब बेचने वालों की जहां चांदी रही वही हाथ की बनी देसी शराब भी जमकर विकती रही। इस दौरान पुलिस कप्तान बदले जाने के बाद अवैध शराब पकड़े जाने की मुहिम प्रारंभ हुई जो अनलॉक प्रक्रिया प्रारंभ होने के पूर्व शबाव पर पहुंचती नजर आई। जिससे शराब दुकान खुलने के पहले अवैध शराब का एक हद तक सफाया होता नजर आया और शराब ठेकेदार इससे सबसे ज्यादा राहत महसूस करते नजर आए।
ताजा मामला दमोह देहात थाने का सामने आया है जहां थाना प्रभारी विजयसिंह राजपूत ने सूचना मिलने पर मय स्टाफ के एक सफेद रंग की रेनाल्ट क्विड कार में आरोपी नंदू सिंह , अंगज ंिसह के पास से आठ पेटी कुल 360 पाव कच्ची देशी शराब कीमती 38000 रू0 परिवहन करते मिले जिसे जप्त कर अप0क्र0 435ध्21 धारा 34(2) आबकारी एक्ट 188,269 ताहि, 51 आपदा प्रबंधन अधि0, 3ध्181, 130ध्177(3) एमव्ही एक्ट के तहत कार्यवाही की गई। उक्त कार्यवाही में एएसआई भरत विदौल्या , आर0 देवेन्द्र, आर0 नवीन, आर0. मुकेश, रणधीर, आर0 हेमंत विशेष भूमिका होने से पुलिस अधीक्षक दमोह द्वारा पुरूस्कृत किया गया।
थाना प्रभारी दमोह देहात द्वारा एक ही दिन में लगातार अवैध शराब परिवहन के विरूद्ध दूसरी बड़ी कार्यवाही की गई। जिसमें थाना प्रभारी दमेाह देहात द्वारा आरोपी मुलू सींग लोधी पिता बंदू सींग लोधी उम्र 40 साल निवासी हरदुआ थाना नोहटा, प्रदीप राय पिता बाबू सींग उम्र 40 साल निवासी जिला कटनी के पास से पुरानी बुलेरो कार एमपी 21 सीए 4657 में 545 पाव देशी शराब कीमती 40,000 रू0 जप्त कर अप0क्र0 430ध्21 धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई।
कोतवाली थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह द्वारा दमोह शहर के बस स्टेण्ड पर दो अलग अलग आरोपियो के पास से कुल 58 लीटर देशी मसाला शराब जप्त कर कार्यवाही की गई। थाना प्रभारी कोतवाली को सूचना मिलने पर मय स्टाफ के साथ तत्काल मौके पर आरोपी प्रिंस पिता भानू प्रताप उम्र 21 साल निवासी इंदिरा कालोनी के पास से 26 क्वाटर लाल देशी मसाला कीमती 3120 रू0 अवैध रूप से लिये मिलने पर धारा 144 जाफौ का उल्लधन करना एवं अप0क्र0 621ध्21 धारा 34(1) आबकारी एक्ट 188,269 ताहि, 51 आपदा प्रबंधन अधि0 एवं आरोपी नरेन्द्र पिता दीना सेन उम्र 18 साल निवासी जबलपुरा नाका दमोह के पास से 22 क्वाटर लाल देशी मसाला कीमती 2640 रू0 अवैध रूप से लिये मिलने पर धारा 144 जाफौ का उल्लधन करना एवं अप0क्र0 622ध्21 धारा 34(1) आबकारी एक्ट 188,269 ताहि, 51 आपदा प्रबंधन अधि0 के तहत कार्यवाही की गई।
पथरिया थाना प्रभारी एचआर पांडे को मुखबिर से सूचना मिलने पर वार्ड क्र0 14 पथरिया आरोपी अर्जुन पिता शिवचरण आदिवासी उम्र 37 साल, अरविंद पिता शिवचरण आदिवासी उम्र 20 साल निवासी पथरिया के पास से 12 लीटर कच्ची देशी शराब कीमती 1800 रू0 अवैध रूप से लिये हुये मिला जिसे जप्त कर अप0क्र0 295ध्21 धारा 34(1) आबकारी एक्ट 188,269 ताहि, 51 आपदा प्रबंधन अधि0 के तहत कार्यवाही की गई।
’शराब बेचने की आरोपी महिला की जमानत खारिज’
दमोह। महुआ से बनी 55 लीटर कच्ची शराब के साथ पुलिस द्वारा मौके से पकड़ी गई आरोपी महिला की जमानत विशेष न्यायाधीश आर एस शर्मा ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए निरस्त कर दी। मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राजीव बद्री सिंह ठाकुर द्वारा की गई।
अभियोजन अनुसार मामला इस प्रकार है, दिनांक 23 मई 2021 को सागर नाका पुलिस चैकी में पदस्थ उप निरीक्षक गरिमा मिश्रा मुखबिर सूचना के आधार पर स्टाफ एवं गवाहों के साथ ग्राम किल्लाई स्थित महाराज के खेत में गई वहां पुलिस को देखकर एक महिला प्लास्टिक की कुप्पी लेकर भागने लगी, जिसे पुलिस स्टाफ की मदद से पकड़ा गया। महिला ने नाम पूछने पर अपना नाम लक्ष्मी पिता पति प्रकाश कुचबंदिया (40) बताया। पुलिस ने वहां रखी 4 कुप्पी में कुल 55 लीटर महुआ की कच्ची शराब जब्त की एवं आरोपी महिला को गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) भादवि की धारा 188,269 एवं 51(बी) आपदा प्रबंधन अधिनियम का मामला पंजीबद्ध किया। न्यायालय में जमानत मांगते हुए बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपी महिला 13 दिन से जेल में है उसका 4 वर्ष का बच्चा है एवं कोरोना संक्रमण को देखते हुए जमानत दी जाए। वही शासकीय अभिभाषक राजीव बद्री सिंह ठाकुर ने जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए तर्क किया कि आरोपी महिला के विरुद्ध पूर्व में भी दो मामले आबकारी अधिनियम के दर्ज हुए हैं और वह अवैध शराब बेचने का आदतन रूप से कार्य करती है।
न्यायालय द्वारा आरोपी महिला की जमानत निरस्त करते हुए आदेश में लिखा कि आबकारी अधिनियम की धारा 59 (क) के अनुसार किसी व्यक्ति के पास 50 बल्क लीटर से अधिक मात्रा में शराब पाई जाती है और लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध किया जाता है तो जमानत का लाभ तभी दिया जा सकता है जब न्यायालय को यह विश्वास करने युक्तियुक्त आधार हो कि अभियुक्त ऐसे अपराध का दोषी नही है और वह जमानत पर रिहा होने के बाद पुनः अपराध नहीं करेगा, चूंकि आरोपी के विरुद्ध पूर्व से ही दो मामले दर्ज हैं ऐसी दशा उसके द्वारा भविष्य में अपराध ना करने की संभावना का कोई युक्तियुक्त आधार नहीं है।
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