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भगवान जागेश्वर नाथ के दर पर विष्णु-कमल आमने-सामने.. लोधी वर्सेस अन्य के माहौल से सहमी भाजपा की सर्वसमाज में दस्तक.. जो घर की वोट नहीं दिला सकते वह समाज के ठेकेदार बनने की जुगाड़ में.. मीडिया से मदद की आस और उपेक्षा अनदेखी भी जारी..

 भगवान जागेश्वर नाथ के दर पर विष्णु-कमल आमने-सामने

दमोह। विधानसभा उपचुनाव मतदान के दिनों की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ पारा आसमान चढ़ने लगा है। ऐसे में चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में भाजपा कांग्रेस समर्थक मतदाताओं की नब्ज टटोलने के साथ उनको अपने पक्ष में करने के लिए जमकर जतन करते नजर आ रहे हैं। वही मतदाता भी चतुर खिलाड़ी की तरह कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ नजरें मार कर दोनों दलों के नेताओं को आशान्वित किए हुए है। इधर जो घर की भी वोट नहीं दिला सकते वह समाज के ठेकेदार बनने की जुगाड़ में लगे हुए है।

 बांदकपुर में बुधवार को भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जागेश्वर नाथ के दर पर आमने सामने नजर आए। इस दौरान एक दूसरे का हाथ जोड़कर अभिवादन करने के बाद नजरों ही नजरों में इशारा करते दोनों नेता आगे बढ़ गए। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के समर्थन में बांदकपुर में चुनावी आम सभा को संबोधित करने के लिए हेलीकॉप्टर से पहुंचे थे वही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा  जागेश्वर नाथ के दर्शन के उपरांत कुंडलपुर जाने के लिए निकल रहे थे। इसी दौरान दोनों के बीच दुआ सलाम का यह नजारा देखने को मिला।

दमोह विधानसभा उपचुनाव के हिसाब से देखा जाए तो कमलनाथ का यह दूसरा दौरा था। पूर्व में महाराणा प्रताप स्कूल मैदान में आम सभा को संबोधित कर चुके कमलनाथ ने आज बांदकपुर के अलावा इमलिया घाट में चुनावी आम सभा को संबोधित किया। इस दौरान तपती दोपहरी में उनको सुनने के लिए उमड़ी ग्रामीणों की भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था की गांव वालों को अभी कमलनाथ से और कमलनाथ को अभी गांव वालों से काफी आशा और उम्मीद बाकी है। लेकिन इस आशा और उम्मीद के वोट में तब्दील करना इतना आसान नही होगा। क्योंकि मतदान में अभी 10 दिन और 9 रात का समय बाकी है।

इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का भी यह दूसरा दौरा उपचुनाव के दौरान कहा जा सकता है। इसके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के साथ दमोह मैं पूरी दम लगा चुके श्री शर्मा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती लोगों के दिलो-दिमाग से लोधी वर्सेस अन्य के माहौल को खत्म करना बना हुआ है। शायद यही वजह है की भाजपा अब विभिन्न वर्गों पर ध्यान केंद्रीत करने की कोशिश में जुट गई है। कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह ईस्टर पर चर्च जाकर मसीही समाज के आयोजन में शामिल हो चुके हैं वही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा भी सिंधी समाज के प्रबुद्ध जनों से बैठक मुलाकात के बाद बुधवार सुबह मोरगंज गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचे थे।  


इसके बाद बांदकपुर पहुंचकर उन्होंने भगवान जागेश्वर नाथ  के दर्शन किए और इसके बाद बड़े बाबा के दर्शन हेतु कुंडलपुर रवाना हो गए।  पहाड़ी पर बडेबाबा के निर्माणाधीन जिनालय में पहुचकर दर्शन आरती के बाद कुंडलपुर कमेटी द्वारा श्री शर्मा का स्वागत सम्मान भी किया गया। 

बाद में साहू समाज द्वारा आयोजित मां कर्मा देवी जयंती समारोह में भी वह शामिल हुए। शाम को जैन समाज के एक ग्रुप द्वारा आयोजित कार्यक्रम तथा रात्रि में व्यापारी संघ के एक गुट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वह शामिल होंगे।

जो घर की वोट नहीं दिला सकते वह बन रहे समाज के ठेकेदार...

दमोह विधानसभा उपचुनाव में पहली बार भाजपा के लिए अपनी ही परंपरागत वोटों को अपने पाले में लाने के लिए जमकर मशक्कत करना पड़ रही है। विभिन्न समाजो के वोटरों को लुभाने के लिए कुछ स्वयंभू समाजसेवी जिनके कहने पर उनके परिवार के लोग भी वोट नहीं देंगे वह खुद समाज के ठेकेदार बनते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से समाज के चंद लोगो की मेल मुलाकात कराते अपनी समाजो के सर्वोसर्वा बनने की कोशिश करते नजर आ रहे। दूसरी ओर अवसर वादियों को मौका मिलता देख कर समाज के अन्य लोग चुप्पी साधे बैठने में अपनी भलाई समझते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पास खोने को कुछ भी नहीं है ऐसे में वह बिल्ली के भाग से छींका टूटने जैसी आस तथा लोधी वर्सेज अन्य के साथ टिकाऊ बिकाऊ के मुद्दे को हवा देती नजर आ रही है।

मीडिया से मदद की आस और उपेक्षा अनदेखी का दौर.. भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का उपचुनाव बन चुके दमोह में भाजपा की प्रदेश मीडिया टीम सक्रिय है। प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रदेश मीडिया प्रभारी स्वयं दमोह में डेरा डाले हुए हैं लेकिन अब तक उन्होंने स्थानिय स्तर पर कितने मीडिया कर्मियों से मुलाकात की इसका पता किसी को नहीं है। यहा तक कि पार्टी के पुराने मीडिया प्रभारियों तक से चर्चा करने का समय नही निकाल पाना  मीडिया मैनेजमेंट की रणनीति को समझ के परे बना रही है। इसी तरह कांग्रेस के लोग भी मीडिया से सहयोग तो पूरा चाहते हैं लेकिन सहयोग के नाम पर उपेक्षा का दौर जारी है। पिक्चर अभी बाकी है..

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