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दमोह विधानसभा उपचुनाव.. नाम वापसी के पहले मिलते जुलते नाम वालो को मनाने मचा घमासान.. भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह के चचेरे भाई निर्दलीय वैभव सिंह ने लगाया नाम वापसी हेतु दबाव बनाने का आरोप.. एसपी ने वैभव की सुरक्षा में हिंडोरिया पुलिस की टीम तैनात की..

 राहुल के चचेरे भाई निर्दलीय वैभव सिंह को पुलिस प्रोडक्शन

दमोह। दमोह विधानसभा उपचुनाव की नामांकन प्रक्रिया के बाद अब नाम वापसी के लिए सिर्फ एक दिन का समय शेष बचा है। 3 अप्रैल की शाम तक यह  साफ हो जाएगा कि कितने प्रत्याशी चुनाव मैदान में शेष बचे हैं और इनको क्या चुनाव चिन्ह मिला है। लेकिन इसके पूर्व प्रमुख प्रत्याशी अपने नाम राशि प्रत्याशियों के अलावा चुनाव पर असर डालने वाले अन्य प्रत्याशियों को अपने अपने तरीके से मनाने में जुटे हुए हैं। वही एक प्रत्याशी के द्वारा एसपी से सुरक्षा की मांग करने पर उन्हें पुलिस प्रोडक्शन प्रदान कर दिया गया है।
यह नजारा हिंडोरिया राजघराने से ताल्लुक रखने वाले पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर लगातार संघर्षरत एडवोकेट वैभव सिंह के निवास का है। इनके द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया गया है। वैभव सिंह ने अपने तथा परिवार की सुरक्षा की मांग 1 अप्रैल को करते हुए नाम वापसी के लिए दबाव बनाए जाने का आवेदन एसपी को दिया था। जिसके बाद हिंडोरिया थाना पुलिस को इनकी सुरक्षा हेतु लगाया गया है।



उल्लेखनीय है कि वैभव सिंह रिश्ते में भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह तथा मल्हारा से भाजपा विधायक प्रदुम सिंह के चचेरे भाई लगते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव तक यह राहुल तथा प्रदुमन के साथ थे लेकिन अब बदले हुए हालात में यह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दमोह विधानसभा उपचुनाव में नामांकन दाखिल कर चुके हैं। बीच में इनके नाम वापसी को लेकर भी चर्चा चल रही थी लेकिन अचानक नाम वापसी को लेकर दबाव का मामला सामने आ जाने पर अब इनके द्वारा सुरक्षा की मांग कर दी गई। जिसके बाद देखना होगा 3 अप्रैल को यह अपना नाम वापस लेते हैं या फिर राहुल सिंह के लिए आगामी दिनों में मुसीबत की वजह बनते हैं। 


उल्लेखनीय है कि प्रदुमन सिंह के बाद राहुल सिंह के दल बदल कर के भाजपा में शामिल होने पर वैभव सिंह पहले ऐसे नेता और उनके परिवार के सदस्य थे जिन्होंने 25 अक्टूबर 2020 को इन पर खुलकर गंभीर आरोप लगाकर अपने इरादे साफ कर दिए थे। हालांकि कुछ लोग इन पर पारिवारिक रूप से ब्लैकमेलिंग के आरोप भी पर्दे के पीछे से लगाने की कोशिश करते रहे हैं। वही नाम वापसी के बदले भी कुछ इस तरीके के आरोप पर्दे के पीछे से की जा रही है। लेकिन वैभव सिंह के अंगद के पांव की तरह नाम वापस नहीं लेने पर अड़े रहने के हालात में फ़िलहाल उनको पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा उपलब्ध करा दी गई है जो आगामी दिनों में भी जारी रह सकती है।
उल्लेखनीय है कि दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए जिन 33 प्रत्याशियों के नामांकन स्वीकृत किए गए हैं उनमें आधा दर्जन से अधिक राहुल-अजय नाम के प्रत्याशी निर्दलीय शामिल है। भाजपा कांग्रेस प्रत्याशी से इनके नाम मिलते जुलते होने की वजह से यह चुनाव मैदान में रहकर वोट कटवा साबित हो सकते है इसलिए अपने नाम राशि प्रत्याशियों को मनाने में भाजपा कांग्रेस समर्थक जुटे हुए है। पिक्चर अभी बाकी है

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