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पंचकल्याणक महोत्सव में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को.. आचार्यश्री निर्भयसागर महाराज ने दिया मुख्य मंत्री जैसा संबोधन व मंगल आशीष.. राहुलसिंह को भी मिला आशीर्वाद.. पालीटेकनिक परिसर में मोक्ष कल्याणक के बाद गजरथ फेरी आज..

 पंचकल्याणक महोत्सव में पहुचे केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल..

दमोह। जबलपुर नाका जैन मंदिर में पंचमेरू जिनालय उपरांत पॉलिटेक्निक परिसर में पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन चल रहा है। जिसके आठवें दिन भगवान का ज्ञान कल्याणक मनाया गया। प्रातः बेला में 24 तीर्थंकर भगवान के तप कल्याणक के अर्घ चढ़ाकर पूजन किया गया। इसके बाद मुनि आदि कुमार आहार चर्या को निकले। उनको आहार दान का सौभाग्य राजा सोम और श्रेयांश को मिला। दोपहर में मुनि आदि कुमार को केवल ज्ञान प्राप्त हो जाने पर समोसरण की रचना हुई तथा  दिव्य ध्वनि खिरी। गुरुवार को महोत्सव के अंतिम दिन प्रातः बेला में आदिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाया जाएगा। दोपहर में गजरथ फेरी निकाली जाएगी।

पंचमेरू पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव अवसर पर बुधवार को दमोह सांसद और केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद पटेल का आगमन हुआ। उनके साथ मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेशन एंड लॉजिस्टिक के चेयरमैन राहुल सिंह, जिला भाजपा अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल सहित अन्य गणमान्य जनो ने आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज को श्रीफल भेंट करके आशीर्वाद प्राप्त किया। वही आयोजन समिति की ओर से सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान किया गया।

आचार्य श्री निर्भय सागर महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में  पंचकल्याणक को पाषाण से भगवान और आत्मा को परमात्मा बनाने का महोत्सव बताया। उन्होनें मुख्यमंत्री के इस महोत्सव में नहीं आ पाने की चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को मुख्यमंत्री जैसा बताते हुए अपना आर्शीवाद प्रदान किया। आचार्य श्री ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष देश में प्रतिवर्ष गायब होने वाली लड़कियों की संख्या तथा उनकी तस्करी का हवाला देते हुए माता-पिता की मर्जी के बिना विवाह करने वाली लड़की की शादी की उम्र 25 वर्ष निर्धारित किए जाने और ऐस हेतु संसद में ध्यानाकर्षण कराए जाने की अपेक्षा की। 

आचार्य ने कहा कि जिस तरह 18 वर्ष की उम्र में मतदान का अधिकार मिल जाता है परंतु चुनाव लड़ने का अधिकार 25 वर्ष की उम्र में मिलता है क्योंकि 25 वर्ष की आयु को परिपक्वता की समझदारी की उम्र माना गया है। इसी तरह जो लड़की 18 वर्ष की नादान उम्र में अपने मनमर्जी से माता-पिता का घर छोड़ कर प्रेमी के साथ भाग कर शादी करना चाहती है उसे रोकने के लिए लव मैरिज करने वालों की उम्र कानूनी तरीके से 25 वर्ष निर्धारित की जाए। जिससे नादान लड़कियों को अपने जीवनसाथी का फैसला करने के लिए एक परिपक्व उम्र मिल सके।  श्री पटेल ने इस मामले को गृह मंत्री अमित शाह के संज्ञान में लाने आश्वस्त किया।  आचार्य श्री ने मीट मार्केट मामले को लेकर भी चर्चा करते हुए कहां कि देश के कानून ने भी खुले में मांस बेचने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। वहीं  लघु उद्योग धंधों से लेकर जब सब्जी गल्ली बाजार शहर के बाहर जा सकेते है तो मास मंडी शासन द्वारा निर्धारित स्थल पर क्यों नहीं जा सकती। 

समवशरण में खिरी दिव्य ध्वनि, मोक्ष कल्याणक आज

पंच कल्याणक प्रतिरूठा अवसर पर दोपहर में मुनि आदिकुमार को ज्ञान प्राप्त हो जाने के बाद ज्ञान कल्याणक की क्रियाए प्रतिष्ठाचार्य आर्शीश अभिषेक शास्त्री व अन्य विद्वानों ने संपंन कराई। इय अवसर भव्य समोशरण की रचना की गई। जिसमें भगवान की दिव्य ध्वनि को सुनने के लिए सभी पुहचे। वहीं समवशरण से वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने पंचकल्याणक केवल ज्ञान कल्याणक  पर प्रकाश डालते हुए कहा ज्ञान के जलाशय में गोता लगाने से विषय कासायो की अग्नि शांत हो जाती है। 

आचार्य श्री ने कहा पाषण की प्रतिमा पर सद्गुरु की द्वारा संस्कारित किए जाने पर पाषण भी परमात्मा बन जाता है शैतान भी इंसान बन जाता है इंसान भी भगवान बन जाता है यही तो सतगुरु की महानता हैसंसार एक समुद्र है ज्ञान एक खेवटिया है। चारित्रि एक जहाज है श्रद्धा एक पतवार है। इसी के सारे संसार समुद्र को पार किया जा सकता है। मोह के कीचड़ में फंसे हुए आदमी के सामने सुख का लहराता हुआ प्यास बुझाने वाला समुद्र भी कुछ नहीं कर सकता है। आचार्य श्री ने कहा परिवर्तन का नाम संसार है संसार तभी चलता है जब परिवर्तन होता है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। परिवर्तन प्रतीक पदार्थ का धर्म है। सोई हुई आत्मा को जगाने के लिए पंचकल्याणक होता हैया खोई हुई आत्मा को पाने के लिए पंच कल्याणक होता है।

 वैज्ञानिक संत आचार्य श्री ने कहा जीवन का उपभोग नहीं उपयोग करोउपभोग करने से जीवन महान नहीं बनता बल्कि उपयोग करने से जीवन महान बनता है आत्मा उपयोग वाला है। ज्ञान और दर्शन यह दोनों उपयोग आत्मा में अनादि काल से हैं ज्ञान से आत्मा जानती है और दर्शन से आत्मा देखती है यही आत्मा का स्वभाव है।अच्छा और नया सीखने के लिए अच्छे लोगों के साथ रहने को कहा जाता है। क्योंकि संगति का असर है अवश्य पड़ता है। मोक्षमार्ग बहस करने से नहीं रहस्य खुलने पर प्राप्त होता है गुरु वाणी से रहस्य जल्दी खुल जाता है। मूंछ मार्केट पर बढ़ने के लिए जोश शोध और बोध चाहिए।

 आचार्य श्री ने कहा मोक्षमार्ग में शोर शराबा हानिकारक है क्योंकि मोक्षमार्ग प्रवृत्ति का नहीं निवृत्ति का मार्ग है मोक्षमार्ग समझदारी का मार्ग है समझोते का नहीं। मोक्षमार्ग अर्थ का नहीं परमार्थ की कमाई का मार्ग है। मोक्ष मार्ग का नहीं पुण्य की कमाई का मार्ग है। शिथलाचार  मायाचार भ्रष्टाचारऔर दुराचार यदि शिष्टाचार का रूप ले लेतू समझना की अब विनाश निश्चित है। पाप करने के लिए नहीं पाप को हरने के लिए मानव जीवन मिलता है हंसी मजाक सुख का नहीं दुरूख का कारण है। इसीलिए मोक्ष मार्गी हंसी मजाक नहीं करते हैं। अभिजीत जैन की रिपोर्ट

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