अवधेश प्रताप की दिग्गी कमलनाथ से मुलाकात चर्चाओं में..
दमोह। दमोह विधानसभा के उपचुनाव को एक तरफा मानकर चल रहे दलबदल करने वाले पूर्व विधायक और और मध्य प्रदेश शासन से कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त राहुल सिंह तथा सांसद व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल समर्थकों की उम्मीदों को उनके एक पुराने साथी और सजातीय बंधु जिला पंचायत सदस्य पति अवधेश प्रताप सिंह की कांग्रेस में एंट्री की संभावना से तगड़ा झटका लगता नजर आने लगा है।
दमोह जिले के अभाना क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य सविता/ अवधेश प्रताप सिंह की गिनती हमेशा से पूर्व विधायक राहुल सिंह तथा सांसद व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल समर्थक रूप में होती रही है। हालांकि वह पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के नजदीकी भी माने जाते रहे हैं। 5 साल पहले हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जहां वह एक अन्य सदस्य ऋषि लोधी के साथ खुलकर राहुल सिंह के साथ खड़े नजर आए थे वही बाद में विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनकी राहुल से नजदीकी किसी से छिपी नहीं थी। जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद प्रहलाद पटेल के पक्ष में वह घर-घर घूमते नजर आए थे।
राहुल सिंह के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद होने जा रहे उपचुनाव के पूर्व अवधेश प्रताप सिंह फिर बदली हुई भूमिका में नजर आने की तैयारियां कर चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दमोह आगमन के पूर्व भोपाल में कल उन्होंने राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा कमलनाथ से मुलाकात करके यह साफ कर दिया कि उनका अगला ठिकाना अब कांग्रेस हो सकता है तथा वह राहुल सिंह के खिलाफ कांग्रेस के अन्य दावेदारों के मुकाबले ज्यादा मजबूत प्रत्याशी साबित हो सकते है।
अवधेश प्रताप सिंह की कांग्रेस खेमे में एंट्री की खबर देर रात सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेसियों के चेहरे जहां खिलते दिखे वही राहुल प्रहलाद समर्थकों के चेहरों पर बारह बजते नजर आए। इधर अवधेश प्रताप के भाजपा से दूर होने की बजह एक अन्य जिला पंचायत सदस्य राघवेंद्र सिंह ऋषि लोधी की तरह ही सांसद पटेल का उपेक्षात्मक रवैया व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल को हर जगह जरूरत से ज्यादा दिया जाने वाला महत्त्व बताया जा रहा है।
कुल मिलाकर दमोह विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा के अघोषित प्रत्याशी राहुल सिंह के साथ सांसद श्री पटेल की प्रतिष्ठा जहा दांव पर होगी वही भाजपा की तरफ से 30 साल तक दमोह विधान सभा का प्रतिनिधित्व करने वाले जयंत मलैया और उनके समर्थकों के पास इस चुनाव में खोने के लिए कुछ नहीं होगा। ऐसे में मेडिकल कॉलेज का झुनझुना कितना असर दिखाएगा इसके लिए अभी इंतजार करना होगा।
इधर अवधेश प्रताप सिंह के कांग्रेस में प्रवेश की संभावनाओ के साथ उनको कांग्रेस टिकिट की संभावना को लेकर कांग्रेस टिकट के दूसरे दावेदारों के होश उड़ते नजर आ रहे हैं। यहा तक कि पूर्व में भी टिकिट के दावेदार रहे कुछ नेता तो सोशल मीडिया पर कुछ इस तरह की प्रतिक्रिया करते हुए भी नजर आने लगे है। जिससे कहा जा सकता है कि अवधेश के कांग्रेस में एंट्री का सन्देश दमोह विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के साथ लोधी समाज में भी दूर तक जाएगा जो राहुल की एक तरफा जीत के दावों का जबाव भी कहा जायेगा। हालांकि अवधेश ने अभी सिर्फ भोपाल में काग्रेस नेताओं से मुलाकात कर अपना बायोडाटा पेश करके उपचुनाव के लिए टिकिट की दावेदारी ही जताई है पिक्चर अभी बाकी है..
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