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सूर्य के उत्तरायण होने के पर्व.. मकर संक्रांति से होगी शुभ कार्यो की शुरुआत.. कैसे रहेंगे विभिन्न राशियों के जातकों के तारे सितारे और शुभ अशुभ फल.. क्या करे उपाए, बता रहे हैं दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिष विश्लेषक..पं. रविन्द्र शास्त्री जी महाराज..

 मकर संक्रांति से होगी शुभ कामों की शुरुआत. रविन्द्र शास्त्री 

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बड़ा महत्व है। इस साल यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जिसका अर्थ है कि सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है। जिसके कारण पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन लंबे और रातें छोटी हो जाती हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति से ही मौसम में बदलाव की शुरुआत हो जाती है। शरद ऋतु का अंत होता है तो बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। 

*मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त*14 जनवरी, 2021 (गुरुवार)

*पुण्य काल मुहूर्त :08:03:07 से 12:30:00 तक*

*महापुण्य काल मुहूर्त :08:03:07 से 08:27:07 तक*

*संक्रान्ति शेर की सवारी है और दूसरा बहन घोड़ा है*

*पूर्व से पश्चिम को जा रही और त्रिछा आग्नेय दिशा की देख रही है*

मकर संक्रांति का अर्थ- सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं। मकर शब्द ‘मकर राशि’ को बताता है और संक्रांति का अर्थ संक्रमण अर्थात ‘प्रवेश’ करना होता है। मकर संक्रांति का भारत में बड़ा महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। बता दें शनि को मकर और कुंभ राशि का स्वामी मानते हैं। लिहाजा कहा जा सकता है कि यह पिता-पुत्र के अनोखे मिलन से भी जुड़ा है। इस दिन स्नान, सूर्य उपासना, अनुष्ठान, दान-दक्षिणा का काफी महत्व होता है। इसके अलावा काले तिल, गुड़, कंबल खिचड़ी आदि के दान का इस दिन विशेष महत्व माना गया है। यहीं नहीं इस खास अवसर पर पवित्र नदियों और गंगा सागर में मेला लगता है। इस दिन मलमास के अंत के साथ, शुभ महीने की शुरुआत होती है। इस खास दिन पर लोग दान-पुण्य ज़रूर करते हैं।


विभिन्न राज्यों में हैं अलग नाम- मकर संक्रांति को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग महत्व से मनाते हैं। इस समय नई फसल और बंसत ऋतु का आगमन होता है। इसलिए पंजाब, यूपी , बिहार समेत तमिलनाडु में इस वक्त नयी फसल काटते हैं और किसान इस दिन को आभार दिवस की तरह मनाते हैं। दक्षिण भारत में इस त्योहार को पोंगल की तरह मनाया जाता है। जहां पंजाब और जम्मू कश्मीर में मकर संक्रांति को ‘लोहड़ी’ के नाम से मनाते हैं तो यूपी और बिहार में इसे ‘खिचड़ी’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन कहीं खिचड़ी तो कहीं दही-चूड़ा और तिल के लड्डू बनाए जाते हैं। मध्य भारत में इसे संक्रांति, माघी/ बूड़की आदि के नाम से मनाते हैं।

पतंग उड़ाने की भी है परंपरा-यह त्योहार पतंग महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। इसके पीछे मुख्य कारण है, कुछ घंटे सूरज की रोशनी में बिताना क्योंकि सर्दी के समय में सुबह सूरज की रोशनी में समय बिताना स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होता है। 

मीठे के बिना त्योहार है अधूरा-हिंदू धर्म में मीठे के बिना त्योहार को अधूरा मानते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू और अन्य मीठे पकवान बनाने की परंपरा है। मान्यता है कि मीठे पकवानों के खाने और खिलाने से रिश्तों में आई कड़वाहट खत्म होती है। कहा यह भी जाता है कि मीठा खाने से व्यक्ति की बोली में मिठास, व्यवहार में मधुरता और खुशियों का संचार होता है। 

भीष्म पितामह ने इसी दिन त्यागा था शरीर-मकर संक्राति से देवताओं के दिन की शुरुआत होती है, जो आषाढ़ मास तक रहता है। मान्यता है कि महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपना शरीर त्यागने के लिए मकर संक्रांति के दिन का चयन किया था। इसी दिन गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं। महाराज भागीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था। यही वजह है कि इस दिन पर गंगासागर में मेला लगता है।

*मकर संक्रांति के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय*

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के दिन का बेहद ही खास महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि, यदि कोई व्यक्ति साल भर या पूरे महीने में कभी दान पुण्य ना कर सके तो उसे मकर संक्रांति के दिन दान पुण्य ज़रुर करना चाहिए। ऐसा करने से इंसान के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है तो आइए, जानते हैं मकर संक्रांति के दिन कौन से बेहद ही सरल उपाय करके आप अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। साथ ही जानते हैं राशि के अनुसार आपको मकर संक्रांति के दिन क्या दान करना फलदाई साबित हो सकता है। 

मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के पानी में काले तिल डालें। तिल के पानी से स्नान करना बेहद ही शुभ माना जाता है। साथ ही ऐसा करने वाले व्यक्ति को रोग से मुक्ति मिलती है। 

यदि कोई इंसान बीमार चल रहा है तो, उसे मकर संक्रांति के दिन तिल का उबटन लगाने की सलाह दी जाती है। इसके बाद स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की काया निरोगी बनी रहती है। 

मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य देव को चढ़ाए जाने वाले जल में तिल अवश्य डालें। ऐसा करने से इंसान की बंद किस्मत के दरवाज़े खुलते हैं। 

इस दिन कंबल, गर्म कपड़े, घी, दाल चावल की खिचड़ी और तिल का दान करने से गलती से भी हुए पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। 

पितरों की शांति के लिए इस दिन उन्हें जल देते समय उसमें तिल अवश्य डालें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। 

अगर व्यक्ति की कुंडली में सूर्य नीच का है तो, मकर संक्रांति के दिन घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें और सूर्य मंत्र का 501 बार जाप करें।

सूर्य देव की प्रसन्नता हासिल करने के लिए पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन गुड़ और कच्चे चावल को बहते जल में प्रवाहित करने से भी सूर्य देव की प्रसन्नता हासिल होती है। 

कुंडली में मौजूद किसी भी तरह का सूर्य दोष को कम करने के लिए तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करें। 

*मकर संक्रांति के दिन किए जाने वाले राशि अनुसार उपाय।*

मेष राशि: मच्छरदानी एवं तिल का दान करें। ऐसा करने से मनोकामना जल्दी पूरी होगी

वृषभ राशि: ऊनी वस्त्र और तिल का दान करें। ऐसा करना आपके लिए शुभ फलदायक साबित होगा

मिथुन राशि: मच्छरदानी का दान करें। ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा।

कर्क राशि: तिल, साबूदाना एवं ऊनी वस्त्र का दान करें। ऐसा करने से आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।

सिंह राशि: तिल, कंबल और मच्छरदानी का दान करें।

कन्या राशि: तिल, कंबल, तेल, उड़द दाल का दान करें।

तुला राशि: तेल, रुई, वस्त्र, राई और मच्छरदानी का अपनी यथाशक्ति अनुसार दान करें।

वृश्चिक राशि: ज़रूरतमंदों को चावल और दाल की खिचड़ी दान करें।

धनु राशि: तिल और चने की दाल का दान करें। ऐसा करना आपके लिए फलदाई साबित होगा।

मकर राशि: तेल, तिल, ऊनी वस्त्र, कंबल और पुस्तकों का दान करें। ऐसा करने से आपकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होंगी।

कुंभ राशि: तेल, साबुन, वस्त्र और अन्य वस्तुओं का यथाशक्ति अनुसार किसी ज़रूरतमंद को दान करें। आपके भाग्य में उन्नति होगी।

मीन राशि: तिल, चना, साबूदाना, कंबल और मच्छरदानी का दान करें। ऐसा करने से आपके सभी पापों से मुक्ति मिलेगी और शुभ फल हासिल होगा।

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*पं. रविन्द्र शास्त्री*

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*7701803003* 7529934832*

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