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गुलाबी ठंड की दस्तक के साथ सर चढ़कर बोलने लगा लाल परी का जादू.. जिला अस्पताल कैंपस में महिलाओं के दो गुटों में जमकर मारा मल्ल.. इधर नशे में धुत चालक के हाथ से बहकी एंबुलेंस खाई में घुसी...

जिला अस्पताल कैंपस मे महिलाओं के दो गुटों में मारा मल्ल.. 

दमोह। गुलाबी ठंड की दस्तक के साथ लाल परी का जादू सर चढ़कर बोलता नजर आने लगा है। ऐसा लगता है जैसे पीने वालों के लिए ठंड बचने के लिए सांझ ढलते ही ओवरडोज लेने का मौका मिल गया हो। बीती रात दो ऐसे ही मामले सामने आए जिनको देखकर कहा जा सकता है कि पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए चाहे फिर तमाशा ही क्यों ना बन जाए और खुद के साथ दूसरों की जान भी मुश्किल में क्यो न फंस जाए।

यह वीडियो जिला अस्पताल परिसर की है। जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है महिलाओं के दो गुट किस तरह से एक दूसरे पर टूट पड़ने के साथ लड़ते झगड़ते नजर आ रहे हैं। जिला अस्पताल गेट पर  मल्लयुद्ध मैं जुटी नजर आ रही महिलाओं के दोनों समूह लाल परी के नशे में जहां पूरी तरह से टुन्न थे वही बीच बचाव की कोशिश करने लिए आ रहे पुरुष भी ठीक से खड़े होने की स्थिति में नहीं थे। 

बताया जा रहा है कि जबलपुर नाका उद्योग विभाग के पीछे रहने वाले एक समुदाय विशेष लोगों के बीच शराब के नशे में बीती रात जमकर विवाद हुआ था जिसके बाद दोनों पक्ष कोतवाली में रिपोर्ट करने पहुंचे थे। जहां से उनको एक पुलिस कर्मी मुलाहिजा के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचा था। इस दौरान दोनों पक्षों की महिलाएं आपस में फिर से भिड़ गई और तमाशे के हालत बनते देर नहीं लगी। लेकिन लड़ने झगड़ने वालों ने लता मासी की प्रवाह की और ना लोगों द्वारा की जा रही मोबाइल पर रिकॉर्डिंग को फोटोग्राफी की। वहीं घायलों को मेडिकल के लिए लेकर पहुंचा पुलिसकर्मी जरूर झल्लाता चिल्लाता नजर आया।
आनू फाटक पर अनियंत्रित एंबुलेंस खाई में घुस गई..


यह वीडियो आनू रेलवे फाटक के समीप की है जहां चर्चित एक्सीडेंट पॉइंट पर बीती रात एक तेज रफ्तार एंबुलेंस अनियंत्रित होकर झाड़ियों के रास्ते खाई में घुस गई। हादसे के तत्काल बाद वहां से निकल रहे अन्य वाहन चालकों तथा स्थानीय लोगों ने बड़ी की दुर्घटना और आशंका के चलते खुद के वाहनों को रोककर झाड़ियों के रास्ते एंबुलेंस के पास पहुंचे। वही एंबुलेंस के खाली होने और चालक के नशे में धुत होने की वजह से लोगों ने जहां राहत की सांस ली वही उनका गुस्सा भी फूट पड़ा। 
बताया जा रहा है कि चालक नशे में इतना टुन्न था कि सड़क छोड़कर झाड़ियों के रास्ते कब हुआ खाई में घुस गया उसे खुद पता नहीं लगा यदि ऐसे में एंबुलेंस में कोई मरीज होता और दुर्घटना बड़ी हो जाती एंबुलेंस या पेड़ से टकरा जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता ? क्या सिर्फ लाल परी या लाल परी को चाहने वाले ?  सरकारी अस्पताल के बाहर डेरा डाले रहने वाले ऐसे एंबुलेंस वालों से जरा बच के रहना जिनके चालाक नशे में धुत होकर गाड़ी चलाते हैं । पिक्चर अभी बाकी है..

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