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मप्र में रात का कर्फ्यू और दिन का लॉक डाउन समाप्त.. अब वियर बार मे बैठकर रात 12 बजे तक कर सकेंगे मदिरा पान.. व्यापारी स्वेच्छा से रखेंगे मंगलवार को बंद.. निजी स्कूल संचालको को अब भी परमिशन का इंतज़ार..

 अब वियर बार मे रात 12 बजे तक कर सकेंगे मदिरा पान
भोपाल/दमोह। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से मरीजों की मौत की संख्या तथा नए मरीजों के मिलने के मामले में भले ही इजाफा हो रहा हो लेकिन 2 दर्जन से अधिक सीटों के उपचुनाव की तरफ बढ़ रही सरकार ने प्रदेश में सब कुछ भली-भांति दिखाने के लिए रविवार के लॉकडाउन के बाद अब रात का कर्फ्यू भी खत्म कर दिया है। इधर रात 11:30 बजे तक शराब दुकान खोले रहने की इजाजत के बाद अब बीयर बार में बैठकर पीने वालों के लिए रात 12 बजे तक की छूट दे दी है।
उक्ताशय के आदेश मप्र के सभी जिलो में कलेक्टर द्वारा जारी कर दिए जाने के बाद पीने वालों के चेहरे जहां खिले खिले नजर आ रहे हैं वहीं इनके परिजनों के चेहरे पहले से अधिक मुरझाए दिख रहे हैं। इधर रविवार को लाक डाउन खत्म किए जाने के ऐलान के बाद व्यापारी संगठन अपने-अपने क्षेत्रों में रहने वाले साप्ताहिक अवकाश के दिन स्वेच्छा से कारोबार बंद रखने का आवाहन करते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में दमोह जिला मुख्यालय पर व्यापारी संगठन द्वारा मंगलवार को स्वेच्छा से दुकानें बंद रखने का आह्वान लाउडस्पीकर के जरिए किया गया। हालांकि यह बंद का आव्हान स्वेच्छा से है इसमें कोई जबरदस्ती नहीं की जा सकती।
इधर प्रदेश में सब कुछ खुलते जाने के बावजूद निजी स्कूल अभी तक चालू नहीं हो सके हैं। हालांकि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद यह बच्चों से ट्यूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन कोर्ट के निर्देशों की सोशल मीडिया पर अलग ढंग से व्याख्या वायरल होने से अनेक अभिभावक ट्यूशन फीस भरने को भी तैयार नहीं दिख रहे हैं। ऐसे ही कुछ दौर में आज दमोह जिला मुख्यालय पर अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष अशासकीय स्कूलों के संचालकों ने काली पट्टी बांधकर तथा गले में तख्तियां लटका कर अनोखा प्रदर्शन किया। तथा उन्होंने प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों को जल्द प्रारंभ किए जाने की मांग को दोहराया है। पिक्चर अभी बाकी है..

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1 Comments

  1. स्वेक्षा से नहीं शासकीय नियम पर आधारित व्यावसाय शुरू करने के पूर्व शाप एक्ट के अंतर्गत एक दिन साप्ताहिक अवकाश खुद दुकानदार लिखकर देते है तो उन्हे इस भीषण महामारी में लाकडाउन के स्थान पर दुकान बंद कर प्रशासन का सहयोग करना चाहिए और सहयोग नहीं करते तो शाप एक्ट के अंतर्गत प्रशासन कार्यवाही कर सकने में समर्थ रहता है,

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