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करीब डेढ महिने बाद रेलवे स्टेशन पर लौटी रौनक.. फरीदावाद से 1400 मजदूर भाईयों को लेकर पहुची श्रमिक एक्सप्रेस.. अन्य राज्यों से पैदल चलकर मप्र आने वाले मजदूरों को भी मिलेगी सभी व्यवस्थाएँ.. CM ने दिए निर्देश..

करीब डेढ महिने बाद रेलवे स्टेशन पर लौटी रौनक..
दमोह। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के विशेष प्रयासों से अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूरों को लाने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में 12 मई को एक विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन फरीदाबाद से सुबह साढ़े 9 बजे रवाना होकर शाम साढ़े 7 बजे दमोह रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1400 मजदूर दमोह पहुचे। जिनकी स्क्रीनिंग जांच करके बसों के जरिए गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
  इस दौरान कलेक्टर तरूण राठी के निर्देशन में विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारियों की टीम आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने में जुटी रही। वहीं डेढ़ माह बाद रेलवे स्टेशन पर रौनक भरा माहौल भी बनता नजर आया। यहां पर श्रमिक एक्सप्रेस के आने के पहले ही साफ सफाई सहित अन्य सभी इंतजाम कर लिये गए थे।
 इस ट्रेन से आये विभिन्न जिलों के मजदूरों में सतना 227, रीवा 190, टीकमगढ़ 31, नरसिंहपुर 01, छतरपुर 285, कटनी 34, दमोह 253, जबलपुर 12, पन्ना 118, सागर 29, शहडोल 44, भिंड 15, ग्वालियर 20, महोबा 01, निवाड़ी 01, मुरैना 17, अनुपपुर 04, सीधी 02, छिन्दवाड़ा 10, खजुराहो 02, भोपाल 03, हरपालपुर 06, महुआ 01, सिंगलोरी 01, उमरिया 29, खंडवा 01, और होशंगाबाद 01 शामिल है।

 इस अवसर पर कलेक्टर तरूण राठी और पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान मौजूद रहकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे और अधिकारियों-कर्मचारियों को दिशा निर्देश देते रहे। इस अवसर पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। विशेष ट्रेन दमोह स्टेशन पहुंचते ही रेल पुलिस बल के साथ ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी सोशल डिस्टेंस का पालन सुनिश्चित कराते हुए दिखे। यहां पर क्रम से यात्रियों को निकासी द्वारों की ओर भेजा जा रहा था, जहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रत्येक मजदूर का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहा था। यहां पर कर्मचारियों को तैनात किया गया था जो बाहर निकल रहे मजदूरों को उनसे पूछकर कहां और किस जिले पर जाना है।
दमोह रेल्वे स्टेशन पर 2 निकासी द्वारों पर स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई थी, जहां आये मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। फिर भोजन पैकेट मुहैया कर उनके गतंव्य की ओर रवाना किया गया। इसमें दमोह जिले के अलावा अन्य जिलों के मजदूरों के लिए उनके गृह जिले पहुंचाने बसों की व्यवस्था रही। यहां से छतरपुर के लिए 6 बसें, पन्ना के लिए 3 बसें, सतना के लिए 6 बसें, रीवा के लिए 3 बसे, शहडोल के लिए 2 बसे, जबलपुर के लिए एक बस की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा भी बसों की वैकल्पिक व्यवस्था रखी गई थी। यहां एसडीएम रवीन्द्र चौकसे द्वारा प्रत्येक बसों के लिए पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।
अन्य राज्यों से पैदल चलकर मध्यप्रदेश की सीमा में आने वाले श्रमिकों को मिलेंगी सभी व्यवस्थाएँ, भोजन, पेयजल, चिकित्सा के साथ बसों से आगे भेजा जायेगा..
मोह। राज्य शासन द्वारा विभिन्न प्रदेशों से पैदल चलकर मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में आ रहे उन सभी श्रमिकों के लिये अस्थाई ठहरने, भोजन, पेयजल, प्राथमिक उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था की है। मध्यप्रदेश में ऐसे मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके जिलों तक पहुँचाने तथा अन्य राज्यो के मजदूरों को मध्यप्रदेश की सीमा तक छुड़वाने के लिये 375 अतिरिक्त बसो की व्यवस्था की गई है। साथ ही इस प्रभावी कार्य-योजना को अमले में लाने के लिये सीमावर्ती जिलों में ट्रांजिट पाइंट बनाये गये है, जहाँ से स्थानीय प्रशासन के सहयोग से श्रमिकों को सकुशल उनके गृह नगर ग्राम पहुँचाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने अन्य राज्यों से पैदल चलकर आने वाले श्रमिकों को सभी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे।
  प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में आ रहे श्रमिकों की बड़ी संख्या के दृष्टिगत राज्य शासन ने प्रभावी कार्य-योजना तैयार कर जिला कलेक्टर्स को सभी आवश्यक बंदोबस्त करने के निर्देश दिये है। जिलों में अभी जो व्यवस्थाएँ की गयी थी। उसके अतिरिक्त आज से नयी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर श्रमिकों को सभी सहूलियतें दी जा रही है। कार्य-योजना पर आज 12 मई से संबंधित जिलों में कार्य प्रारंभ हो गया है। कार्य-योजना में रिक्वीजीशन की जाने वाली बसों के लिये 70 प्रतिशत अग्रिम भुगतान की व्यवस्था की गई है, जिससे श्रमिकों को परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।
तैयार की गई कार्य-योजना में संबंधित जिला कलेक्टर्स को बताया गया कि मध्यप्रदेश के महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा (बीजासन)-देवास, देवास-गुना, गुना-शिवपुरी होते हुए झांसी उत्तरप्रदेश सीमा तक और गुना-शिवपुरी-ग्वालियर-भिंड होते हुए उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को छोड़ने के लिये देवास एवं गुना में ट्रांजिट पांइट बनाया जा सकता है। देवास से छतरपुर मार्ग पर दौलतपुर (सीहोर) ट्रांजिट पाइंट बनाया जा सकता है। दौलतपुर (सीहोर) से ही मालथौन एवं दौलतपुर-सागर-छतरपुर होते हुए महोबा-उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को ले जायें। इन ट्रांजिट पाइंट पर आराम करने के लिये छाया, भोजन, चाय-पानी तथा फस्ट-ऐड एवं आवश्यक दवाईयाँ भी रखी जायें। इन ट्रांजिट पाइंट पर कुछ वाहन भी रखे जायें, जिससे श्रमिकों की अदला-बदली होकर उन्हें आगे प्रदेश की सीमा पर पहुँचाने की व्यवस्था हो सके। 
मध्यप्रदेश के ऐसे सीमावर्ती जिलों में बसों की व्यवस्था की गई है। जहाँ बड़ी संख्या में श्रमिक आ रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र सीमा सेंधवा-देवास मार्ग के लिये 100 बस, देवास -गुना के लिए 50, देवास-सागर के लिए 40, गुना-भिण्ड (उत्तरप्रदेश सीमा) के लिये 20, गुना-दीनारा (झॉंसी-उत्तर प्रदेश सीमा) के लिये 80 बस, मुरैना-ग्वालियर- दतिया-झाँसी के लिये 25, देवास-दौलतपुर (सीहोर) के लिये 10, दौलतपुर(सीहोर)-सागर-मालथौन के लिए 25, दौलतपुर (सीहोर)-सागर-छतरपुर (महोबा उत्तरप्रदेश सीमा) के लिये 25 बस की गई हैं। 
 जबलपुर, ग्वालियर, मुरैना, सागर सहित अन्य क्षेत्रों से एक हजार से अधिक मजदूर दमोह आयें परीक्षण उपरांत गंतव्य की ओर रवाना..
दमोह। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के विशेष प्रयासों से अन्य राज्यों में लॉक डाउन में फंसे मजदूरों का उनके गृह जिले में आने का सिलसिला तेजी से चल रहा है। आज दमोह में करीब एक हजार से अधिक मजदूर  शाम 05 बजे तक दमोह आये। एसडीएम रवीन्द्र चैकसे ने जानकारी देते हुए बताया आज ग्वालियर से एक बस मजदूरों को लेकर दमोह आई। इसी प्रकार जबलपुर से 7 बसें मजदूरों को लेकर आई, सागर से 2 बस, मुरैना से 2 बसें आई, अन्य क्षेत्रों से भी बसें मजदूरों को लेकर आई। 
इस संबंध में मारूताल पाइंट पर तैनात नायब तहसीलदार रंजना यादव ने बताया जितने भी मजदूर आज बाहर से आये, उन्हें बसों द्वारा उनके क्षेत्रों में रवाना कर दिया गया है। शाम 5.30 बजे 2 बसें तारादेही, तेन्दूखेड़ा और तेजगढ़ की ओर मजदूरों को लेकर रवाना हुई। बांदकपुर, मगरोन, बकायन सहित अन्य क्षेत्रों में दमोह से बसें मजदूरों को लेकर रवाना हुई। यहां सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा भोजन-पानी की व्यवस्था की गई।  अभिजीत जैनअभिषेक जैन की रिपोर्ट

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