मामले का पटाक्षेप करने 14 के बजाय 8 दिन में ही छुट्टी
एसडीएम कार्यालय के चैनल गेट पर सोमवार को दमोह से पहुंचे मीडिया कर्मियों से एसडीएम ने जो कुछ कहा आप सुन ही चुके हैं। पूरे मामले के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि पथरिया क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती एक नाबालिग ने रविवार को साथ में भर्ती अपने ही रिश्तेदार पर ज्यादती के आरोप लगाते हुए अधिकारियों को सकते में डाल दिया था। हालांकि शाम को वह अपनी बुआ की समझाइश पर अपने बयानों से पलट गई थी। तथा उसने क्वॉरेंटाइन सेंटर में अच्छा नहीं लगने की बात करते हुए यहां नहीं रहने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद रविवार रात ही अधिकारियों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर को बदनामी से बचाने संबंधितों को छुट्टी देने का मन बना लिया था।
रात में ही पथरिया एसडीएम द्वारा नाबालिक के बयान दर्ज करने के बाद सोमवार को महिला सशक्तिकरण अधिकारी और किशोर न्यायालय की टीम को उसे पिता के सुपुर्द करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके बाद उसे जबलपुर रवाना कर दिया गया है। वही कथित आरोपी रिश्तेदार की भी क्वॉरेंटाइन से छुट्टी करके गांव भेज दिया गया है। इधर मामले की भनक कलेक्टर तरण राठी तक पहुंचने के बाद उन्होंने जिले के सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों में महिला तथा पुरुष मरीजों को एक साथ नहीं रखने के निर्देश दिये है। वही स्थानीय पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारी भी मामले का पटाक्षेप हो जाने से राहत की सांस लेते कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं..
दमोह। जिले के पथरिया में संचालित एक क्वॉरेंटाइन सेंटर में नाबालिग के साथ उसके रिश्तेदार द्वारा कथित ज्यादती मामले के तूल पकड़ने के पहले ही पटाक्षेप करने संबंधितो को14 दिन के बजाय 8 दिन में ही क्वॉरेंटाइन सेंटर से फ्री कर दिया गया है। मामले में स्थानीय अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वही एसडीएम ने नाबालिक को पिता के पास जबलपुर भेजने की बात को स्वीकारते हुए मीडिया के सवालों का जवाब देना तथा कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि मामला इतना बड़ा नहीं है जितना आप लोग बना देंगे..
रात में ही पथरिया एसडीएम द्वारा नाबालिक के बयान दर्ज करने के बाद सोमवार को महिला सशक्तिकरण अधिकारी और किशोर न्यायालय की टीम को उसे पिता के सुपुर्द करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके बाद उसे जबलपुर रवाना कर दिया गया है। वही कथित आरोपी रिश्तेदार की भी क्वॉरेंटाइन से छुट्टी करके गांव भेज दिया गया है। इधर मामले की भनक कलेक्टर तरण राठी तक पहुंचने के बाद उन्होंने जिले के सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों में महिला तथा पुरुष मरीजों को एक साथ नहीं रखने के निर्देश दिये है। वही स्थानीय पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारी भी मामले का पटाक्षेप हो जाने से राहत की सांस लेते कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं..
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