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ब्योहारी विधायक शरद कौल के बाद मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी की भाजपा खेमे में वापसी.. सिंधिया के बयानों से परेशान कमलनाथ सरकार की एक ओर टेंशन बढ़ी.. अब झाबुआ उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे प्रदेश की राजनीति की दिशा..

भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा मुगालते में ना रहे कांग्रेस
भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को दिए जा रहे टेंशन को मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने भाजपा खेमे में वापसी कर के और बढ़ा दिया है। झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव के ठीक पहले इन दोनों विधायकों की भाजपा खेमे में वापसी के बाद अब झाबुआ के नतीजे प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट लाने वाले साबित हो सकते है। इधर ब्योहारी विधायक शरद कौल के बाद मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी का फिर से साथ पाकर उत्साहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने यहां तक कह दिया है कि मप्र में कांग्रेस सरकार मुगालते में ना रहे।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ मीडिया से रूबरू हुए मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने साफ किया कि वह कभी कांग्रेसमें शामिल हुए ही नहीं थे। वहीं कांग्रेस नेताओं मंत्रियों मुख्यमंत्री के साथ नजर आने के मामले में उनका कहना था कि मैहर को जिला बनाने और मैहर के विकास के मुद्दे पर उनकी सरकार के मुखिया से बात हुई थी। उन्होंने खुद को भाजपा का विधायक बताते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कांग्रेश को दिशाहीन पार्टी बताने से भी नहीं चूके। 
 ब्योहारी विधायक शरद कौल के बाद मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी की भी भाजपा खेमे में वापसी से काफी उत्साहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना था कि पर पहले भी कहते रहे हैं कांग्रेस मुगालते में ना रहे और आज भी यह बात कर रहे हैं। झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव के ठीक पहले इन दोनों विधायकों की भाजपा खेमे में वापसी के जरिए भाजपा नेता अपनी झाबुआ सीट को बचाकर अंकों के लिहाज से कांग्रेस को संख्या बल मामले में फिर से टक्कर देने की तैयारी में जुटे हुए हैं।  
वही पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विभिन्न मामलों को लेकर बयान देकर कमलनाथ सरकार को पहले से टेंशन में डाले हुए हैं। ऐसे में अब कमलनाथ सरकार के सहयोगी निर्दलीय व सपा, बसपा विधायक यदि फिर से अपने तेवर दिखाने लगे तो कांग्रेस सरकार की दिवाली के पहले मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 
आइए आपको फिर से सुनाते है 24 जुलाई 2019 को मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने विधान सभा सत्र के दौरान ने भाजपा नेताओं के बारे में क्या कहां था तथा उस समय उनकी कांग्रेस के बारे में क्या राय थी। 3 महीने पहले ब्योहारी विधायक शरद कौल के साथ पाला बदलकर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को संजीविनी प्रदान कर भाजपा को सदमे में डालने वाले मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी इस नए के इस पलट वार से अब मप्र में कांग्रेस की मुश्किलेे फिर बढ़ सकती है। ऐसे में झाुबआ उपचुनाव का नतीजा आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार की दशा और दिशा तय करने वाला सबित हो तो आश्चर्य नहीं होगा। अटल राजेंद्र जैन

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