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वर्दी में बहे वनपाल का शव मिलते ही सभी की आंखे नम हुई.. चकरा घाट के पास पेड़ों की जड़ों में फंस गए थे पन्ना लाल.. आपदा प्रबंधन टीम एवं SDRF ने तीसरे दिन तलाशा नदी में बहे डिप्टी रेंजर के शव को..

वर्दी में बहे डिप्टी रेंजर का शव पेड़ों की जड़ों में फंसा था-
दमोह। तेजगढ़ झलोन मार्ग पर बाढ़ ग्रस्त नदी के पुल को पार करते समय नदी की तेज धार में बाइक सहित बह गए डिप्टी रेंजर पन्नालाल आदिवासी का शव पुल से करीब आधा किलोमीटर आगे चकरा घाट के समीप पेड़ों की जड़ों में फंसे हुए हालात में आपदा प्रबंधन दल, SDRF टीम ने बरामद करने में सफलता हासिल की है।  
तेजगढ़ के कंसा घाट बीट में पदस्थ वनपाल डिप्टी रेंजर पन्नालाल आदिवासी शुक्रवार की शाम तेजगढ़ में गौरैया नदी के फुल को पार करते समय अचानक बाइक सहित नदी की तेज धार में बह गए थे। शनिवार को दिन भर आपदा प्रबंधन टीम, होमगार्ड का बचाव दल और स्थानीय गोताखोरो की टीम पन्नालाल की तलाश में करीब 20 किलोमीटर नदी क्षेत्र में बोट की मदद से खोजबीन करते रहे थे। लेकिन सफलता हासिल नही हुई थी। इसके बाद जबलपुर से एसडीआरएफ की टीम को रेंजर की तलाश हेतु बुलाया गया था। 

रविवार सुबह मास्क लाइट युक्त मशीनों से लेंस एसडीआरएफ की टीम ने जब गहराई में जाकर तलाश शुरू की तो पुल से करीब आधा किमी दूर चकरा घाट के पास पेड़ों के झुरमुट की जड़ों में फसा पन्नालाल का शव नजर आया। जिसे टीम के सदस्य कुछ ही देर में पानी से बाहर निकालने में सफल रहे। वन विभाग की वर्दी पहने रेंजर का शव मिलने की खबर लगते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। वही वन विभाग के लोगों तथा परिजनों ने शव को पहचानने में देर नहीं की। हालांकि डिप्टी रेंजर की बाइक अभी बरामद नही हुई है।
 पंचनामा कार्रवाई करते हुए तेजगढ़ थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के अलावा पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, एवं ग्रामीण जन दुखी परिजनों को सांत्वना देते रहे। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार शाम को बाइक से पुल पार करते समय नदी में बह गए बनपाल पन्नालाल की तलाश हेतू रेस्क्यू शुरू हो गया था। वही शनिवार को आपदा प्रबंधन दल प्रभारी प्राची दुबे एवं तेजगढ़ थाना प्रभारी केके तिवारी की निगरानी में सुबह से शाम तक गोताखोरो व वोट की मदद से करीब 20 किमी दूर तक डिप्टी रेंजर की तलाश की गई थी।
लेकिन शव के पेड़ों की झुरमुट की जड़ो में फंस जाने की वजह से पता नहीं लग सका था। यहीं बजह रही कि तीसरे दिन रविवार को शव की तलाश में सफलता हासिल हो सकी। इस दुखद हादसे के शिकार बन पाल पन्नालाल की अंतरात्मा को परमपिता परमेश्वर अपने चरणों में स्थान दे और परिजनों को यह गहन दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। ओम शांति शांति शांति.. तेजगढ़ से अखिलेश सिंह की रिपोर्ट

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