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मौसमी बीमारियों के चलते अस्पतालों मैं मेले जैसे हालात.. हाउसफुल है जिला अस्पताल का हर वार्ड.. एक बेड पर एक से अधिक मरीज इलाज कराने मजबूर.. परेशानी से बचने अपनी सेहत व स्वास्थ्य का पहले से रखे ध्यान..

मौसमी बीमारियों के चलते जिला अस्पताल हाउसफुल-
दमोह। लगातार बदलते मोसमी हालात में सर्दी खासी वायरल फीवर के मरीजों के साथ में मोसमी बीमारियों का असर सिर चढ़कर बोल रहा है। जिससे निजी क्लीनिकों से लेकर सरकारी अस्पतालों तक मरीजों की भीड़ दिन भर बनी रहती है। 300 बिस्तर वाले जिला अस्पताल में इन दिनों 500 से अधिक मरीज तो केवल भर्ती होने लायक पहुच रहे है। जिससे एक पलँग पर एक से अधिक गंभीर रोगियों को लिटा कर वाटल आदि लगाने के हालात भी देखे जा सकते है।
बारिश होने और धूप निकलने और फिर उमस जैसे हालात बनने से लोग वायरस फीवर की चपेट में आ रहे हैं। जगह जगह पानी के भराव की बजह से विभिन्न प्रजातियों के मच्छरो के लार्वा के साथ मच्छरों की नई टीम बच्चों से लेकर बुजुर्गों सबको मलेरिया की ओर ढकेल रही है। इधर बारिश के पानी में बार-बार गीले होने और नमि की वजह से बच्चों में निमोनिया टाइफाइड भी फैल रहा हैं। बरसाती दूषित पानी के सेवन से भी लोक उल्टी दस्त शादी के शिकार हो रहे हैं इन सभी हालातों की वजह से प्रतिदिन बीमारियों के शिकार होने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
 यही बजह है कि जिला अस्पताल में सुबह से ही इलाज कराने के लिए पंजीयन कराने वालों की लंबी कतार लग जाती है। इधर पंजीयन के बाद संबंधित डॉक्टरों के कमरों के बाहर भी जांच कराने वालों की लगातार भीड़ लगी रहती है इनमें से अधिकांश को जांच के उपरांत दवा इत्यादि लिखकर जहां घर भेज दिया जाता है। इनके अलावा अस्पताल में भर्ती किये जाने वाले रोगियों की संख्या भी काफी अधिक आ रही है। जिस से अस्पताल के मेल/ फीमेल वार्ड में एक बेड पर एक से अधिक मरीजों को लेट कर इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। 
                             
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ सचिन मलैया का कहना है कि इस मौसम में हर वर्ष मौसमी बीमारियों के फैलने से मरीजो की संख्या में बृद्धि होती है। ऐसे में अपने आसपास साफ सफाई का ध्यान रखते हुए लोगों को बीमारी से बचाओ हेतु जागरुक रहना अत्यंत आवश्यक है। अजीत सिंह राजपूत की रिपोर्ट

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