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रूकमणी देवी मूर्ति मामले में विधायक राहुल सिंह की पत्रकार वार्ता.. तत्कालीन मंत्री जयंत मलैया की भूमिका पर उठाए सवाल.. लगाए गंभीर आरोप.. चोरी करने-करवाने वालों का पता लगाने फिर से होगी जांच..

रूकमणी देवी मामला, विधायक राहुलसिंह की प्रेस वार्ता
दमोह। कुंडलपुर के प्राचीन मठ से 2002 में चोरी हुई रूकमणि देवी की प्रतिमा 17 साल बाद दमोह वापिस पहुंच जाने से श्रद्धालु जनों के बीच हर्ष का माहौल बना हुआ है। वहीं विधायक राहुल सिंह ने इस मामले में प्रेस कांफेंस करके मूर्ति के चोरी करने करवाने वालों के साथ इतने वर्षो तक मूर्ति के दमोह वापिस नहीं आने देने को लेकर मीडिया के समक्ष सवाल उठाए। उन्होनें इस मामले में तत्कालीन दमोह विधायक और 15 वर्षो तक मप्र सरकार में पावरफुल मंत्री रहे जयंत मलैया पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रकारों के सवालों का जबाव दिया।  
वैशाली नगर स्थित विधायक आवास पर शनिवार दोपहर आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक राहुल सिंह ने रूकमणि देवी की प्रतिमा वापिस दमोह लाने के लिए प्रयास करने वालों को सबसे पहले धन्यवाद दिया। 2002 में मुर्ति चोरी होने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता गजेंज चौबे के नेतृत्व में किए गए आंदोलन पदयात्रा का जिक्र करते हुए विधायक राहुल सिंह ने 2007 में जिला पंचायत सदस्य वैभव सिंह द्वारा करीब दो माह तक निकाली गई जागरूकता पद यात्रा रैली तथा 2018 में कांग्रेस नेता नितिन मिश्रा की रैली सहित अन्य लोगों द्वारा प्रतिमा को वापिस लाने के प्रयासों को याद किया। राहुल सिंह ने सांसद प्रहलाद पटेल द्वारा इस मामले को पिछले साल संसद में उठाए जाने तथा इस बार भी प्रतिमा को वापिस दमोह लाने के प्रयास के लिए धन्यवाद देते हुए कहां कि सभी के सामूहिक प्रयासों से रूकमणि देवी दमोह वापिस पहुंच सकी है।  
रूकमणि देवी की मिर्त के भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में वापिस नहीं पहुंच पाने के लिए विधायक राहुल सिंह ने तत्कालीन दमोह विधायक तथा मप्र सरकार में 15 साल तक केविनेट मंत्री रहे जयंत मलैया को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाए कि वह नहीं चाहते थे कि प्रतिमा वापिस दमोह आए। विधायक राहुल सिंह का यह कहना था कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के 8 माह के कार्यकाल में मामूली प्रयास में जब वह प्रतिमा को वापिस लाने में सफल रहे तो तत्कालीन मंत्री जयंत मलैया ने विभिन्न हिंदू संगठनों की भावनाओं को ध्यान में रखकर मूर्ति को वापिस लाने क्यों प्रयास नहीं किए। जबकि यह प्रतिमा मप्र सरकार के अधीन पुरातत्तव संग्राहलय में रखी हुई थी। 
विधायक राहुल सिंह ने इतनी भारी प्रतिमा के चोरी हो जाने के घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए कहां कि इसे किन लोगो ने चोरी करवाया था यह जांच का विषय है। मूर्ति को चोरी करने और करवाने वालों का पता लगाने फिर से जांच शुरू कराने की बात भी कहीं गई है। पत्रकार वार्ता में पूर्व जिला पंचायत सदस्य वैभव सिंह, शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल ठाकुर, विधायक प्रतिनिधि पवन गुप्ता, मीडिया प्रभारी आशुतोष शर्मा सहित अनेक कांग्रेस जनों की मौजूदगी रही। 
फिलहाल दमोह संग्राहलय में ही रहेगी रूकमणी देवी
कुंडलपुर स्थित प्राचीन मठ से वर्ष 2002 में चोरी हुई रूकमणी देवी की प्रतिमा कुछ माह बाद राजस्थान से बरामद की गई थी। इसके बाद 2003 में प्रतिमा को लेकर राजस्थान पुलिस दमोह लेकर पहुंची थी। उस समय पत्रकार वार्ता करके तत्कालीन एसपी ने प्रतिमा के बरामद होने का खुलासा करते हुए जानकारी दी थी। वहीं पुरातत्व विभाग द्वारा कुंडलपुर मठ में सुरक्षा इंतजामों की कमी का हवाला देते हुए वहां प्रतिमा सुरक्षित नहीं रहने के बात कही थी। जिसके बाद इस प्रतिमा को दमोह से विदिशा जिले के ग्यारसपुर संग्राहलय भेज दिया गया था। 16 साल तक ग्यारसपुर संग्राहलय में रखी रहनं के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री और दमोह सांसद प्रहलाद पटेल तथा दमोह विधायक राहुल सिंह के संयुक्त प्रयासों से यह प्राचीन प्रतिमा दमोह संग्राहलय भेज दी गई है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने वाले अगले आदेश तक फिलहाल यह प्रतिमा दमोह के रानी दमयंती संग्राहलय में ही रहेगी। 
विधायक ने कहां पहली प्राथमिकता मूर्ति दमोह लाना
जन्माष्टमी के ठीक पहले 17 साल बाद मां रूकमणि की प्रतिमा दमोह वापिस आने से श्रद्धालुजनों के बीच अपार हर्ष का माहौल देखने को मिला था। वहीं कुंडलपुर मठ में सुरक्षा सहित आवश्यक इंतजाम नहीं रहने से आगामी कुछ माह या वर्ष तक प्रतिमा के दमोह में ही रहने से श्रद्धालुजन निराश होते भी दिखे थे। इस मामले में विधायक राहुल सिंह का कहना था कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने उनकों भरोसा दिलाया है कि जल्द ही प्रतिमा को कुंडलपुर मठ में स्थापित किया जाएगा। वैसे भी पहले सभी की प्राथमिकता यह थी कि किसी भी हालात में रूकमणि देवी दमोह पहुंच जाए। जिसमें कांग्रेस के आठ माह के शासन में ही वह सफल रहे है।
  विधायक राहुल सिंह द्वारा रूकमणी देवी प्रतिमा मामले में तत्कालीन मंत्री जयंत मलैया पर लगाए गए आरोपों के संदर्भ में फिलहाल श्री मलैया से संर्पक नहीं हो सका है। श्री मलैया के नजदीकी सूत्रों का कहना है वह अस्वस्थ्य होने के साथ फिलहाल इंदौर में है। जल्द ही श्री मलैया के पक्ष के साथ इस मामले के ताजे अपडेट के साथ फिर मिलते है। अटल राजेंद्र जैन

भाजपा मीडिया प्रभारी ने विज्ञप्ती जारी कर सफाई दी
दमोह। भाजपा के मीडिया प्रभारी पं. मनीष तिवारी ने कांग्रेस विधायक राहुल सिंह के पत्रकार वार्ता के दौरान लगाए गए बयान मीडिया में सामने आने के बाद शाम को एक विज्ञप्ती जारी करके इस मामले में सफाई दी है। जारी विज्ञप्ती में कहां गया है कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटैल जी के विशेष प्रयासों से दमोह आई रुकमणी जी की प्रतिमा पर दमोह कांग्रेस और विधायक श्रेय लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, क्योंकि यह सरकार अल्पमत में है, कभी भी मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हो सकते है, इसलिए सांप्रदायिक माहौल खराब करके वोटों का ध्रुर्वीकरण कर, अगले चुनाव के लिए माहौल बनाना चाहते ळें उन्होंने प्रेसवार्ता कर जो आरोप भाजपा और तत्कालीन मंत्री जयंत मलैया पर जो लगाए हैं, वह निराधार और सरासर झूठ है। 
दमोह विधायक जयंत मलैया जी के द्वारा माता रुक्मणी की मूर्ति वापस लाने के लिए लगातार प्रयास किये गए थे,  परंतु सन 2004 से 2014 तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही हैं, जिसके कारण मूर्ति आने में इतना विलंब हुआ और जब केंद्र में मोदी जी की सरकार बनी तो वित्तमंत्री और दमोह विधायक जयंत मलैया ने तत्कालीन संस्कृति मंत्री महेश शर्मा जी से स्वम् मिलकर माता रुकमणि जी की मूर्ति दमोह लाने का आग्रह किया था। साथ ही समय समय पर पत्र लिखकर उनसे विशेष आग्रह किया गया था। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी इस विषय मे चर्चा की थी,  जिसके बाद उन्होंने पटेरा ने जनआशीर्वाद यात्रा की जनसभा के दौरान रुक्मिणी माता की मूर्ति दमोह वापस लाने की  घोषणा भी करवाई थी ।
 वर्तमान केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल जी दमोह वासियों की  माता रुक्मणी की मूर्ति के प्रति श्रद्धा, आस्था और जनभावनाओं को समझते थे, वह माता रुक्मिणी की मूर्ति लाने के लिए कृत संकल्पित थे, इसलिए परिस्थिति अनुकूल होते ही उनके विशेष प्रयास और अनुशसा से यह कार्य संभव हुआ है। मनीष तिवारी ने कहा कि 2002 में जब मूर्ति चोरी हुई थी तब कांग्रेस की सरकार थी, और आज भी कांग्रेस की सरकार है, दमोह विधायक उच्चस्तरीय जांच करा के दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें।  

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