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फादर्स डे पर बेटे का पिता बनना रह गया ख्वाब.. बेटे के जन्म के पहले माँ की भी सांसे थमी.. झोलाछाप डॉ दंपत्ति के खिलाफ फूटा पीड़ित परिजनों के साथ अन्य लोगों का भी आक्रोष.. एएसपी द्वारा जांच के आश्वासन पर अंतिम संस्कार..

झोलाछाप डॉ दंपत्ति पर भड़का गुस्सा, ASP करेंगे जांच
दमोह। फादर्स डे के मौके पर एक बेटे का पिता बनने के पहले ही मां के साथ उसकी कोख में बंद बेटे की भी सांसे थम जाने का दुखद घटनाक्रम सामने आया है। जिसके लिए शहर के चर्चित डॉक्टर दंपत्ति को जिम्मेदार ठहराते हुए मामला दर्ज किए जाने की मांग को लेकर घंटों हंगामा चलता रहा बाद में एडिशनल एसपी विवेक लाल द्वारा स्वयं जांच किए जाने का भरोसा दिलाए जाने के बाद मामला शांत हुआ।
नोहटा थाना के खमखेड़ा गांव निवासी डाल सिंह लोधी की जिंदगी का सबसे बड़ा सपना एक बेटे का पिता बनना था। फादर्स डे पर उनका यह सपना फलीभूत होने जा रहा था। कि अचानक कुछ ऐसा हुआ कि उनके सपने को पूरा करने वाली धर्म पत्नी के साथ इस संसार में जन्म लेने वाले बेटे की भी सांसे थम गई। और इस सब की वजह बनी एक झोलाछाप डॉक्टर के यहाँ पर डिलीवरी हेतु भर्ती कराने की भूल। डाल सिंह की पत्नी गीताबाई इसके पूर्व चार बार मां बन चुकी थी लेकिन हर बार उन्होंने बेटियों को जन्म दिया था। इस बार उनकी कोख से बेटा जन्म लेने वाला था, वह भी फादर्स डे के ठीक पहले। जिसकों लेकर परिजन बेहद खुश थे।
  नार्मल डिलेबरी की जानकारी मिलने के बाद भी परिजन किसी प्रकार की कोतही बरतना नहीं चाहते थे इसलिए वह डिलेवरी एक दिन पहले ही गीता बाई को लेकर दमोह पहुंच गए थे। लेकिन इसे भाग्य की बिडंवना कहे कि परिजनो ने गीता बाई को डॉ संगीता त्रिवेदी, डॉ अलका निखार, डॉ श्रद्धा गंगेले मैडम के यहां पर बारी बारी से दिखाने भर्ती कराने का प्रयास किया। लेकिन कोई भी महिला चिकित्सक की सेवाएं इनको उपलब्ध नहीं हो सकी। इस बीच किसी ने इनको शहर की एक और नामदार महिला चिकित्सा डॉ हंसा वैष्णव के बारे में जानकारी दी। और यह लोग अजाक थाने के सामने स्थित डॉक्टर वैष्णव की क्लीनिक पर पहुंच गए। 
शनिवार सुबह 12000 की राशि लेकर डॉक्टर दंपति ने दोपहर तक नार्मल डिलीवरी हो जाने का भरोसा दिलाकर गीता लोधी को भर्ती कर लिया। दोपहर से शाम हो गई लेकिन महिला को डिलीवरी नहीं हुई। इस बीच चिंतित परिजनों ने जब डॉक्टर दंपत्ति से चर्चा की तो उन्होंने जल्दी डिलीवरी होने का भरोसा दिलाया। आरोप है कि इसके बाद गीता लोधी को जो गोली खाने को दी गई उससे उनकी हालत बिगड़ती चली गई और उनकी सांसें थम गई। इसके बाद में डॉ एलएन वैष्णव अपनी कार से महिला को जिला अस्पताल में छोड़कर चले गए। यहां ड्यूटी डॉक्टर ने उन को मृत घोषित कर दिया।
महिला की मौत की जानकारी लगते ही परिजनों ने डॉक्टर दंपत्ति पर इलाज में लापरवाही के साथ गलत इलाज करने के आरोप लगाने शुरू कर दिए। और रात 10 बजे मृतका के देवर अंकित लोधी ने अन्य लोगो के साथ कोतवाली पहुचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया। लेकिन कोतवाली की प्रभारी सब इंस्पेक्टर आकांक्षा उरमलिया इन लोगों की कोई बात सुनने को भी तैयार नहीं हुई। बाद में उच्च अधिकारियों से मोबाइल पर शिकायत किए जाने के बाद रात करीब 12 बजे पीड़ितों से आवेदन लेकर जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया। इधर इन आरोपों के बाद जब पत्रकारों नेडा वैष्णव दंपित्त का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया तो उनके घर पर ताला लटके होने तथा उनके एक विवाह समारोह में होने की जानकारी सामने आई।
इधर सुबह जब ग्रामीणों के साथ स्थानीय लोगों को घटना की जानकारी लगी तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों में वह लोग भी शामिल हो गए जो किसी न किसी वजह से वैष्णव दंपत्ति की कार्य प्रणाली से पीड़ित प्रताड़ित रहे थे। लोगो ने डा दंपित्त पर कार्यवाही की मांग को लेकर पहले कोतवाली के सामने चक्का जाम का प्रयास किया। बाद में सीएसपी मुकेश अविद्रा की समझाइश पर भीड़ में शामिल लोग शव लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे। जहां एडिशनल एसपी विवेक लाल द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच कार्रवाई का भरोसा दिलाए जाने के बाद ही शव को अंतिम संस्कार हेतु गांव ले जाने को लोग तैयार हुए।
 इस पूरे घटनाक्रम ने जहां जिले में महिला चिकित्सकों के अभाव के साथ ऐन मौके पर महिला चिकित्सकों के नहीं मिलने पर लोगों को मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में पहुंचने के हालात को उजागर करके रख दिया है। वही आवश्यक डिग्री डिप्लोमा एवं साधन संसाधन नहीं होने के बाद भी राजनीति और मीडिया में दखल की दम पर थाने के सामने बोर्ड लगाकर जान लेवा क्लीनिक चलाने जैसे हालात को भी साफ कर दिया है। इस पूरे प्रकरण में पुलिस जांच के बाद सच्चाई सामने आने की उम्मीद की जा रही है। वही फादर्स डे के मौके पर बेटे का पिता बनने के पहले ही पत्नी को भी खो देने जैसे हालात से पूरे खमखेरा गांव में गमगीन माहौल बना हुआ है। परमपिता परमेश्वर मृत आत्माओं को अपने चरणों में स्थान दें और परिजनों को गहन दुख सहने की शक्ति प्रदान करें ओम शांति शांति शांति..

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1 Comments

  1. बेहद दुखद दोषियों पर तत्काल कायवाही होनी चाहिए ।
    ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे ॐ शांति।

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