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कृषि विभाग के रिश्वतखोर अधिकारी पर लोकायुक्त का शिकंजा.. मिट्टी परीक्षण करने वाले तीन युवकों से 5 हजार की रिश्वत लेना पड़ गया महंगा..

 रिश्वतखोर कृषि विस्तार अधिकारी पकड़ा गया- 
दमोह। बड़ी मछली द्वारा छोटी मछली को निगल लेने की कहावत आपने सुन रखी होगी। लेकिन यह कैसे चरितार्थ होती है आपको इस घटनाक्रम से स्पष्ट हो जाएगा। सागर लोकायुक्त की टीम ने तेंदूखेड़ा में कृषि विभाग के एक भ्र्ष्ट अधिकारी को अपने अधीनस्थ छोटे कर्मचारियों से 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। 
मंगलवार सुबह तेंदूखेड़ा पहुंची लोकायुक्त पुलिस की टीम ने निरीक्षक B M द्विवेदी के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए कृषि विस्तार अधिकारी MD कुमार को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रँगे हाथो पकड़ लिया। बाद में आरोपी को तेंदूखेड़ा थाने लाकर हाथ धुलाये जाने पर पानी का रंग लाल हो गया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही करते हुए पूछताछ की जा रही है।
तेंदूखेड़ा क्षेत्र में मृदा परीक्षण में लगे तीन युवकों से कृषि  विभाग के अधिकारी द्वारा उनके कार्य भुगतान के बदले में दो दो हजार रुपए रिश्वत के तौर पर मांगे जा रहे थे। जिससे परेशान होकर कृष्ण कुमार घोषी, मनीष साहू और आकाश केवट ने इसकी शिकायत लोकायुक्त सागर से की थी। जिसके बाद आज यह करवाई की गई।
उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए  मिट्टी परीक्षण की सुविधा प्रदान की गई है। जिसके तहत मानदेय पर कार्यरत युवक गांव गांव जाकर खेतों से मिट्टी की सैंपलिंग करते हैं और उनका प्रयोगशाला में परीक्षण कराते हैं। बदले में इन मेहनत कश युवाओं को शासन द्वारा निर्धारित राशि मानदेय के तौर पर प्रदान की जाती है। इस मानदेय राशि के बिल भुगतान के बदले में रिश्वत खोर अधिकारी द्वारा दो दो हजार रुपए बसूले जाते थे। लेकिन आखिरकार रिश्वतखोर मछली लोकायुक्त के जाल में फंस ही गई। तेन्दूखेड़ा से विशाल रजक की रिपोर्ट

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