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इधर SP का तबादला उधर चंदूसिंह कोर्ट में पेश..खराब लाईन ऑर्डर के चलते चुनाव आयोग के निर्देश पर दमोह SP बदले.. पुलिस तलाशती रही और बसपा नेता चंदूसिंह पहुच गए कोर्ट

75 दिन में ही हटाये गए SP बेलवंशी-
दमोह। जिले में जारी हत्या की वारदातों के बीच देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के नामजद आरोपियों को देवेंद्र की तेरहवीं के पूर्व पकड़ने में नाकाम रही पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली का खामियाजा SP आरएस बेलवंशी को भुगतना पड़ा है। चुनाव आयोग के निर्देश पर उनको हटाकर पन्ना के पूर्व SP विवेक सिंह को दमोह की कमान सौप दी गई है। इधर SP के तबादले की खबर के साथ बसपा विधायक रामबाई के देवर चंदू सिंह के दमोह कोर्ट में पेश होने की खबर सामने आई। जिसके बाद कोर्ट परिसर में भीड़भाड़ के साथ देर तक गहमा गहमी के हालात बने रहे। 
मप्र में कमलनाथ सरकार के गठन के बाद शुरू हुए तबादला के IPL में जिस तरह से अधिकारियों को यह से वहा करने चौके छक्के लगाए गए थे उससे पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात को अराजक करने में कोई कसर नही छोड़ी। इस दौरान 18 जनवरी को दमोह में SP आरएस बेलवंशी की पोस्टिंग के कुछ दिन बाद ही आपराधिक घटनाकर्मो ने लोगो को सत्ता परिवर्तन का संदेश देना शुरू कर दिया था। 
दरअसल श्री बेलवंशी का पुलिस अधीक्षक के तौर पर दमोह पहला जिला था। SP के साथ ASP तथा CSP के बदल जाने से अनेक अवसरों पर दमोह SP की हेल्प छतरपुर में पदस्थ दमोह के पुराने SP तिलकसिंह करते नजर आए थे। यहा तक कि थाना प्रभारियों की पोस्टिंग तक मे तिलकसिंह की सलाह की चर्चाएं होने लगी थी।  लाईन ऑर्डर की स्थिति खराब होने से एक के बाद एक हत्याओं के हालात ने जनमानस को हिला कर रख दिया था। 12 मार्च को मुख्यमंत्री कमलनाथ की सभा में बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हटा के लाडले नेता देवेंद्र चौरसिया की दिन दहाड़े 15 मार्च को हुई हत्या के बाद तो पुलिस तथा SP की कार्यप्रणाली पर सीधे आरोप लगाए जाने लगे थे। 
इधर चौरसिया हत्या कांड में नामजद आरोपियों में बसपा विधायक रामबाई के पति, देवर, भतीजे आदि के नाम आने पर रामबाई लगातार दबाव बना रही थी। क्यो की पुराने SP के तबादला का क्रेडिट वे पहले ही लेती रही थी। इधर भाजपा नेता जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के बेटे इंद्रपाल का नाम भी FIR में होने से श्री पटेल अपनी समाज संगठन तथा सांसद प्रहलाद पटेल के जरिये जांच के नाम पर SP पर प्रेशर बनाये हुये थे। उक्त हालात में चौरसिया हत्याकांड के नामजद आरोपी न तो पकड़े जा रहे थे और न ही जिले में अपराध थम रहे थे। 
देवेन्द्र हत्याकांड के बाद जिले में आधा दर्जन से अधिक हत्या की वारदातें 10 दिन में हो चुकी थी। 
जिसके बाद आखिर कार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लाइन ऑर्डर की स्थिति को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग को दमोह SP आर एस बेलवंशी को हटाने के निर्देश देने पड़े। दमोह के नवागत SP विवेक सिंह पूर्व में पन्ना के पुलिस अधीक्षक रहे तथा दमोह के पूर्व SP विवेक अग्रवाल के साथ उन्होने अनेक मामलों को सयुंक्त मुहिम चलाई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नए पुलिस कप्तान का विवेक सिंह का पुराना अनुभव दमोह में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में काम आएगा
इधर दमोह SP को हटाए जाने की भनक पहले ही लग जाने से बसपा विधायक रामबाई के देवर चंदू सिंह ने आज दमोह कोर्ट में समर्पण कर दिया। चंदू की पत्नी को बसपा ने दमोह लोकसभा की टिकिट पहले ही दे दी थी। माना जा रहा है कि पत्नी को निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान कोई समस्या न हो इसलिए चंदू सिंह कोर्ट में पेश हो गए। वही विधायक रामबाई अब इस मामले को चुनावी सुहानुभूति के तौर पर भी उपयोग करे तथा  SP के तबादले के बाद अब जल्द ही जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण के पुत्र तथा अन्य आरोपी भी सिलेंडर होने लगे तो आश्चर्य नही होगा।

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