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दीपू भार्गव के भाजपा टिकिट दौड़ से पीछे हटने से समर्थक हताश.. पार्टी को उठाना पड़ सकता है नुकसान, दीपू ने वंशवाद के बजाय योग्यता के आधार पर की टिकिट की वकालत..

 दीपू भार्गव के लोकसभा टिकिट नहीं मांगने से समर्थक हताश-
दमोह लोकसभा क्षेत्र से भाजपा टिकिट के लिए  लगातार प्रयासरत और क्षेत्र की जनता के बीच सतत  संपर्कसील रहे युवा नेता अभिषेक भार्गव ने टिकट दावेदारी से यू-टर्न कर लिया है। वंशवाद के नाम पर टिकिट की मांग छोड़ते हुए उनके द्वारा योग्यता के आधार पर टिकट वितरण किए जाने की अपेक्षा की गई है। इधर दीपू भार्गव के टिकिट दौड़ से पीछे हट जाने की खबर से समर्थकों में निराशा के भाव देखे जा रहे हैं। इसका नुकसान भी पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
दरअसल परिवार वाद के आरोप से बिचलित होकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे दीपू ने भारतीय जनता पार्टी की तरफ से की जा रही लोकसभा टिकट की दावेदारी से अपना नाम वापस लेने की घोषणा की है। वीडियो से चर्चा के दौरान शनिवार को दीपू ने कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओ के उन विचारों से सहमत हैं जिनमें वंशवाद और परिवारवाद से दूर रहने प्रेरित किया गया है। 

अभिषेक भार्गव का यह भी कहना है उनकी लोकसभा दावेदारी पर यदि इसलिए विचार किया जा रहा खाकी नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे हैं तो उन्हें ऐसी टिकट नहीं चाहिए वह योग्यता के आधार पर टिकिट के पक्षधर हैं चाहे वह उन्हें दी जाए या फिर साधारण कार्यकर्ता को।
दीपू का यह बयान  ऐसे समय में सामने आया है जब कुछ दिन पूर्व ही  नेता प्रतिपक्ष  श्री भार्गव ने कहा था कि नेता का बेटा टिकिट नही तो क्या भीख मांगेगा। अभिषेक की लोकसभा टिकट दावेदारी से हाथ वापस खींच लिए जाने की खबर से गांव गांव में फैल उनके समर्थकों में निराशा के भाव देखने को मिल रहे हैं। वहीं आने वाले चुनाव में भी भाजपा के लिए ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं की उदासीनता का खामियाजाा भुगतना पड़ सकता है।
दीपू द्वारा लोकसभा चुनाव टिकट दावेदारी से पीछे हटने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब भाजपा द्वारा तीन सूचियां जारी की जा चुकी है तथा जल्द ही मध्य प्रदेश के नामों की सूची आने वाली है। देखना होगा उनके इस निर्णय से दूसरे नेताओं के परिजनों द्वारा वंशवाद के नाम पर जो दावेदारी की जा रही है वह कुछ भी ना लेते हैं अथवा नहीं। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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