विधायक की खुले मंच से व्यवस्था सुधारने चेतावनी-
दमोह। जिला स्तरीय निरामयम स्वास्थ्य शिविर में प्रभारी मंत्री प्रभु राम चौधरी की मौजूदगी में विधायक राहुल सिंह ने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात से लेकर जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं की जमकर कलई खोली। जिसके बाद कुछ डॉक्टर गुस्से में आपे से बाहर होते विधायक को खरी-खोटी सुनाने से भी नहीं चूके।
आयुष्मान भारत मध्य प्रदेश तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री कमलनाथ के फोटो लगे बैनर तले जिला अस्पताल परिसर में गुरुवार को जिला स्तरीय निरामयम स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री प्रभु राम चौधरी की मौजूदगी में दमोह विधायक राहुल सिंह ने खुले मंच से जिला अस्पताल के हालातों से लेकर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की कलई खोलने में कोई कसर नही छोड़ी।
विधायक राहुल सिंह ने ग्रामीण अस्पतालों से मरीजों के जिला अस्पताल आने और जिला अस्पताल से जबलपुर रेफर कर दिए जाने के हालात को बयान किया। उन्होंने मप्र में बीजेपी की सरकार को गए 2 महीने से अधिक हो जाने के बाद भी जिले में स्वास्थ सुविधाओं के पुराने ढर्रे पर चलने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई और चेतावनी भरे लहजे में व्यवस्थाओं में सुधार लाने को कहा।
मंचीय कार्यक्रम के समापन के साथ प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर एसपी के अस्पताल परिसर से रवाना होते ही कुछ डॉक्टर्स आपे से बाहर होते काफी गुस्से में नजर आए। तथा उन्होंने विधायक राहुल सिंह द्वारा खुले मंच से दी गई चेतावनी को वरिष्ठ चिकित्सक सीएमएचओ डॉक्टर आरके बजाज का अपमान बताते हुए विधायक से तर्क वितर्क करना शुरू कर दिए।
इस दौरान कुछ डॉक्टरो ने तो यहां तक कह दिया सरकार कर क्या रही है। जिस पर विधायक एवं कांग्रेस समर्थक भी भड़क उठे। देखते ही देखते नेता और डॉक्टरों के बीच झूमा झटकी के साथ तनातनी भरे हालात बनते देर नहीं लगी। और विधायक तथा कांग्रेस नेताओं के जाने के बाद ही मामला शांत हुआ।
इधर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सांसद प्रहलाद पटेल जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तब तक मंचीय कार्यक्रम समाप्त हो चुका था। विधायक के बिगड़े बोल की चर्चा चल रही थी। सीएमएचओ आरके बजाज और सिविल सर्जन ममता तिमोरी ने सांसद प्रहलाद पटेल को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। जिसके बाद सांसद श्री पटेल भी अस्पताल से रवाना हो गए।
बाद में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बैठक करके विधायक राहुल सिंह द्वारा खुले मंच से कहे गए शब्दों पर आपत्ति जताते हुए इसे वरिष्ठ चिकित्सक सीएमओएच आरके बजाज का अपमान बताया। तथा इस तरह के हालात में काम नहीं कर पाने की बात करते हुए इस्तीफे की बात कही। डॉ प्रहलाद पटेल का कहना था विधायक की खुले मंच से ऐसी बात करने का तरीका और भाषा शैली ठीक नहीं थी। वह ऐसी अपमानजनक परिस्थितियों में कार्य नहीं कर सकते।
जिला अस्पताल के प्रभारी आरएमओ डॉ दिवाकर पटेल का कहना था कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी के बावजूद जैसे तैसे स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है फिर खुले मंच से इस तरह के व्यवहार की वजह से चिकित्सकों तथा स्टाफ का मनोबल टूटता है ऐसे में डॉक्टर का कार्य करना मुश्किल होगा। बैठक में सभी डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लेते हुए एक पत्र तैयार करके इसमें इस्तीफे का उल्लेख करते हुए कलेक्टर को देने का निर्णय लिया।
बाद में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर अपर कलेक्टर आनन्द कोपरिया को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान जिनकी वजह से डॉक्टर भड़के थे वह वरिष्ठ चिकित्सक सीएमएचओ डॉ आरके बजाज अनुपस्थित नजर आए। उनके द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदय के दमोह दौरा कार्यक्रम को ध्यान में रखकर 2 दिनों के लिए सभी चिकित्सकों से अपने निर्णय को टालने की बात कही गई।
आम मरीजों के लिए आयोजित जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर के शुभारंभ कार्यक्रम में जो कुछ हुआ उसे स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से तथा जनप्रतिनिधियों और चिकित्सकों के बीच समन्वय के हिसाब से उचित नहीं कहा जा सकता। वैसे भी विधायक राहुल सिंह ने जो बात खुले मंच से कहीं वह बाते अस्पताल आने वाले लोग परेशान होने के बाद दिन में अनेक बार दोहराते हैं।
अब जबकि प्रदेश में सरकार बदले 2 महीने बीत चुके हैं। ऐसे में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति यदि पुराने ढर्रे पर चलती है तो मंच से सवाल उठना लाजिमी है। क्योंकि वक्त बदलाव का है और अब जयंत मलैया जैसा जन प्रतिनिधि तो है नहीं की उनकी बात को सब सुन ले और सब अपनी बात उनको सुना दे। वैसे भी आज जो कुछ हुआ उस मामले यही पर पटाक्षेप करके नेता अधिकारी विधायक जनप्रतिनिधि सब मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए संकल्पित प्रयास करें तो हमारे शहर और जिले के हिसाब से बेहतर होगा। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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